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फर्जी डॉक्टर ने ड्रिप लगाई थी, स्कूल स्टूडेंट की मौत:क्लिनिक बंद किया, घर पर ही करने लगा इलाज; बोला- मेरे पास कोर्ट का आदेश


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फर्जी डॉक्टर ने ड्रिप लगाई थी, स्कूल स्टूडेंट की मौत:क्लिनिक बंद किया, घर पर ही करने लगा इलाज; बोला- मेरे पास कोर्ट का आदेश

फर्जी डॉक्टर ने ड्रिप लगाई थी, स्कूल स्टूडेंट की मौत:क्लिनिक बंद किया, घर पर ही करने लगा इलाज; बोला- मेरे पास कोर्ट का आदेश

रावतभाटा (चित्तौड़गढ़) : राजस्थान में फर्जी डॉक्टर्स के इलाज से लगातार बच्चों की मौत हो रही है। करीब 10 दिन में 2 नाबालिग इनका शिकार हो चुके हैं। ये मामले चित्तौड़गढ़ और सिरोही जिले के हैं। इनमें एक आरोपी डॉक्टर को तो पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया है, लेकिन दूसरा आरोपी अब भी खुलेआम लोगों की जान से खिलवाड़ कर रहा है। चित्तौड़गढ़ के रतनपुरा गांव में प्रैक्टिस करने वाला डॉ गोपाल दत्ता के इलाज के कारण 8वीं क्लास की स्टूडेंट की मौत हुई थी।

बच्ची की मौत के 12 दिन बाद भी वह मरीजों का इलाज कर रहा है। उसने गांव की दुकान को बंद कर घर में ही क्लिनिक शुरू कर दिया है। पढ़िए पूरी रिपोर्ट…

छात्रा विशाखा (बाएं) के परिवार का कहना है कि वो काफी इंटेलिजेंट थी और पुलिस ऑफिसर बनना चाहती थी।
छात्रा विशाखा (बाएं) के परिवार का कहना है कि वो काफी इंटेलिजेंट थी और पुलिस ऑफिसर बनना चाहती थी।

पहले जानिए क्या है पूरा मामला…

रतनपुरा गांव की 15 साल की विशाखा धाकड़ मंडेसरा गांव के कस्तूरबा गांधी आवासीय सरकारी स्कूल में पढ़ती थी। 21 फरवरी को उसकी तबीयत बिगड़ी तो टीचर ने उसके पिता को बताया गया कि उसे बुखार है।

पिता संतोष धाकड़ छात्रा को रतनपुरा में गोपाल दत्ता (35) के क्लिनिक पर ले गए। दत्ता ने वहां छात्रा को ड्रिप लगा दी गई और कुछ दवाइयां भी दीं। इलाज के नाम पर उसे तीन घंटे तक वहीं रखा।

शाम करीब 4 बजे जब तबीयत और बिगड़ने लगी तो दत्ता ने कहा कि बीमारी गंभीर है, इसे सरकारी हॉस्पिटल ले जाओ। परिजन बच्ची को रावतभाटा उपजिला हॉस्पिटल लेकर पहुंचे, जहां से उसे कोटा रेफर कर दिया गया, लेकिन रास्ते में ही बच्ची की मौत हो गई।

अब घर को बनाया क्लिनिक, अधिकारी बेखबर

मीडिया कर्मी ने जब इस मामले की पड़ताल की तो सामने आया कि छात्रा की मौत के बाद भी फर्जी डॉक्टर गांव में लोगों का इलाज कर रहा है। उसने अपना क्लिनिक तो बंद कर दिया, लेकिन अब घर पर ही लोगों को दवाइयां देने से लेकर ड्रिप चढ़ाने तक का काम कर रहा है।

क्लिनिक से 500 मीटर दूर, जब मीडिया कर्मी की टीम झोलाछाप डॉक्टर के घर पहुंची, तो वहां का नजारा चौंकाने वाला था। फर्जी डॉक्टर ने घर के अंदर चारपाई लगाकर इलाज कर रहा था।

ड्रिप की बोतल को रस्सी के सहारे लटका रखा था। बाहर एक बुजुर्ग महिला अपनी बारी का इंतजार कर रही थी। मीडिया टीम को देखकर थोड़ी ही देर में वहां से अधिकतर मरीज चले गए।

देखिए- कैसे घर पर किया जा रहा इलाज

गोपाल दत्ता के घर पर बनाए क्लिनिक में जहां-तहां मरीज बैठे हुए थे। आईवी सेट और दूसरे मेडिकल इक्यूपमेंट गंदगी में पड़े थे।
गोपाल दत्ता के घर पर बनाए क्लिनिक में जहां-तहां मरीज बैठे हुए थे। आईवी सेट और दूसरे मेडिकल इक्यूपमेंट गंदगी में पड़े थे।
फर्जी डॉक्टर के घर में काउंटर के पास एक कार्टून में बड़ी संख्या में इंजेक्शन की खाली शीशियां पड़ी हुई थीं।
फर्जी डॉक्टर के घर में काउंटर के पास एक कार्टून में बड़ी संख्या में इंजेक्शन की खाली शीशियां पड़ी हुई थीं।
फर्जी डॉक्टर के घर का आधा हिस्सा दवाइयों से भी भरा हुआ था। हालांकि गोपाल दत्ता के पास न क्लिनिक चलाने का लाइसेंस है न दूसरे एजेंसियों के सर्टिफिकेट।
फर्जी डॉक्टर के घर का आधा हिस्सा दवाइयों से भी भरा हुआ था। हालांकि गोपाल दत्ता के पास न क्लिनिक चलाने का लाइसेंस है न दूसरे एजेंसियों के सर्टिफिकेट।

ग्रामीण बोले- क्लिनिक कम ही खोलता है आरोपी

रतनपुरा गांव के लोगों ने बताया कि घटना के बाद से डॉक्टर ने दुकान कम ही खोली है। पहले दिनभर दुकान खुलती थी, लेकिन छात्रा की मौत के बाद अब वह सिर्फ दिन में एक-दो घंटे ही आता है और घर पर ही लोगों का इलाज कर रहा है।

जब मीडिया टीम ने झोलाछाप डॉक्टर से उसकी मेडिकल डिग्री और अनुमति पत्र मांगा, तो वह सकपका गया। इसके बाद उसने 10 रुपए का स्टांप पेपर दिखाया, जिस पर नोटेरी की सील लगी हुई थी।

उसने दावा किया कि वह कोर्ट के आदेश से काम कर रहा है और कोलकाता से डिग्री ली है।

मीडिया टीम ने BCMO को कॉन्टैक्ट किया, गोपाल दत्ता से बात कराई

मौके से रिपोर्टर ने गोपाल दत्ता की ब्लॉक मुख्य चिकित्सा अधिकारी से बात कराई तो वह कोई जवाब नहीं दे पाया। उसके किसी लीगल डॉक्यूमेंट होने से इनकार कर दिया।
मौके से रिपोर्टर ने गोपाल दत्ता की ब्लॉक मुख्य चिकित्सा अधिकारी से बात कराई तो वह कोई जवाब नहीं दे पाया। उसके किसी लीगल डॉक्यूमेंट होने से इनकार कर दिया।

BCMO: आपके पास पॉल्यूशन कंट्रोल बोर्ड का सर्टिफिकेट है? फर्जी डॉक्टर: नहीं है।

BCMO: क्लीनिकल एस्टेब्लिशमेंट एक्ट में रजिस्ट्रेशन है क्या? फर्जी डॉक्टर: नहीं है सर।

BCMO: तो फिर तुम वहां कर क्या रहे हो? इंजेक्शन, दवाइयां और पट्टियां कैसे यूज कर रहे हो? फर्जी डॉक्टर: इंजेक्शन नहीं लगाया मैंने।

BCMO: तो फिर ड्रिप की बोतल कैसे लगा रखी है? ये बोतलें कहां फेंकते हो? इसके ऊपर केस दर्ज होगा, जेल जाएगा ये…

उन्होंने मीडिया टीम से कहा- मौके से वीडियो रिकॉर्ड कर लें। इसके आधार पर झोलाछाप डॉक्टर के खिलाफ मामला दर्ज कर कानूनी कार्रवाई की जाएगी।

मां के आंसू नहीं रुक रहे हैं

विशाखा की मां ममता बार-बार बेटी को याद करते हुए रो रही हैं। उन्होंने कहा मुझे बाद में पता चला कि वो बीमार थी। मेरी बेटी बहुत समझदार थी। पढ़ाई के साथ-साथ घर के कामों में भी बहुत अच्छी थी।

मुख्य ब्लॉक शिक्षा अधिकारी (CBEO) राजबीरी देवी ने बताया- विशाखा पढ़ाई के साथ-साथ हर गतिविधि में सक्रिय रूप से भाग लेती थी। वह पढ़ाई में भी होशियार थी। उसके पिता उसे बेटे की तरह प्यार करते थे। घर में वह सबसे बड़ी थी और उसका एक छोटा भाई भी है।

वहीं, परिवार ने बताया कि मेडिकल बोर्ड से पोस्टमॉर्टम के बाद रिपोर्ट का इंतजार है। रिपोर्ट आने के बाद मामला दर्ज कराया जाएगा। उनका आरोप है कि गोपाल दत्ता ने फर्जी इलाज किया, जिससे उनकी बेटी की मौत हो गई।

सिरोही में फर्जी डॉक्टर ने ली एक बच्ची की जान

सिरोही में सर्दी-जुकाम से पीड़ित मासूम की गलत इंजेक्शन लगाने से तीन दिन पहले मौत हो गई। इंजेक्शन लगाने के बाद मासूम को उल्टी हुई, होंठ और जीभ काले पड़ गए थे। मामला स्वरूपगंज के कछोली गांव का है। पुलिस ने आरोपी झोलाछाप डॉक्टर को गिरफ्तार कर लिया है।

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