पूर्व प्रधानमंत्री स्वयं इंदिरा गांधी को लेकर राजस्थान विधानसभा में की गई असंसदीय टिप्पणी के विरोध में कांग्रेस ने किया जिला मुख्यालय पर प्रदर्शन
पूर्व प्रधानमंत्री स्वयं इंदिरा गांधी को लेकर राजस्थान विधानसभा में की गई असंसदीय टिप्पणी के विरोध में कांग्रेस ने किया जिला मुख्यालय पर प्रदर्शन
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जनमानस शेखावाटी संवाददाता : मोहम्मद अली पठान
चूरु : जिला मुख्यालय पर राजस्थान प्रदेश कांग्रेस कमेटी के निर्देशानुसार चूरू जिला कांग्रेस कमेटी की ओर से चूरू जिला अध्यक्ष इन्द्राज खिचड के नेतृत्व में भारत रत्न पूर्व प्रधानमंत्री स्व. इंदिरा गांधी को लेकर राजस्थान विधानसभा में की गई असंसदीय टिप्पणी एवं कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष गोविन्द सिंह डोटासरा समेत 6 विधायकों के निलंबन के खिलाफ चूरू जिला मुख्यालय स्थित कलेक्ट्रेट के आगे विधानसभा अध्यक्ष का पुतला जलाकर विरोध प्रदर्शन किया गया।चूरू जिला अध्यक्ष इन्द्राज खिचड ने कहा कि कहा कि दिल्ली की तरह अब भाजपा राजस्थान में भी नीच हरकतों पर उतर आई है, विश्व विख्यात नेता पूर्व प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी जी के बारे में भाजपा के अविनाश गहलोत द्वारा की गई अशोभनीय टिप्पणी की उन्हे माफी मांगनी चाहिए, लेकिन गहलोत को सस्पेंड करने की बजाए राज्यपाल के अभिभाषण पर नेता प्रतिपक्ष को भाषण देने से रोकने के साथ तानाशाही दिखाते हुए प्रदेशाध्यक्ष समेत 6 विधायकों को सस्पेंड करना सरासर लोकतंत्र का अपमान और तानाशाही है, मै कडे शब्दो में भाजपा के इस जनता विरोधी, लोकतंत्र विरोधी, अनैतिक व्यवहार की निंदा करता हूं। इस लज्जाहीन और अमर्यादित टिप्पणी के लिए अविनाश गहलोत को माफी मांगनी चाहिए साथ ही कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष गोविन्द सिंह डोटासरा समेत 6 विधायकों के निलंबन को तत्काल निरस्त कर सदस्यता बहाल करने की मांग करता हूं।
चूरू शहर ब्लॉक अध्यक्ष असलम खोखर ने कहा कि ऐसा लगता है कि राजस्थान की भाजपा सरकार विधानसभा चलाना ही नही चाहती है, इसलिए कभी उनके मंत्री दिवंगत प्रधानमंत्री पर तो कभी इनके विधायक दिवंगत मुख्यमंत्री पर अनर्गल टिप्पणी करते है। मंत्री अविनाश गहलोत ने देश के लिए शहादत देने वाली पूर्व प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी पर स्तरहीन टिप्पणी की है। यह सब भाजपा की स्तरहीन सोच का नतीजा है, जो राज्य के विकास पर चर्चा नही करना चाहती।चूरू देहात ब्लॉक अध्यक्ष किशोर धान्धू ने कहा कि देश के विकास में स्व. इंदिरा गांधी का महत्वपूर्ण योगदान रहा एवं देश की रक्षा करने में अपने प्राण तक न्योछावर कर दिए। मंत्री अविनाश गहलोत द्वारा जो गलत व घृणित बयान बाजी की गई है। इन कुंठित शब्दो के लिए उन्हे अविलंब माफी मांगनी चाहिए। उन्होने कहा कि ऐसा लगता है कि अब लोकतंत्र के मंदिर में चुने हुए जनप्रतिनिधियों को सम्मान के साथ न तो बोलने का अधिकार बचा है और गलत बातो का विरोध करने पर तत्काल निलंबित कर सदन से बाहर कर देना सत्ताधारी भाजपा सरकार की निरंकुश और तानाशाही रवैये को दर्शाती है।
इस दौरान पंचायत समिति प्रतिपक्ष नेता धमेन्द्र बुडानिया पूर्व सभापति गोविन्द महनसरिया, वरिष्ठ नेता मोहम्मद हुसैन निर्वाण, किसान नेता आदूराम न्यौल, रमजान खां, नारायण बालाण, सीताराम खटीक, रामप्रताप कांटिवाल, अबरार खां, जमील चौहान, विमल शर्मा, ताराचन्द सारण, सोहनलाल मेघवाल, सोयल डीके, सद्दाम हुसैन, अजीज दिलावरखानी, मुस्ताक खां, शेर खान मलखाण, बजरंग बजाड, श्रवण बसेर, रामचन्द्र सुण्डा, कुरडाराम भाकर, असलम खां मोयल, कृष्ण सुण्डा, युसुफ लुहार, सदीक लीलगर, बालीबाई, अली मोहम्मद भाटी, समीउल्लाह, किशानाराम बाबल, महबूब खान, शंकर चंदेलिया, रामनारायण व्यास, अनिल श्योता, घनश्याम अलवरिया, सिराज जोईया, जाफर खां जोईया, किशन प्रजापत, आमीन खां, फरमान खां, चन्दनमल मेघवाल, राजेश फोजी, शकुर शेख, विजय जालान, अब्बास खां, बाबू मंत्री, प्रमेन्द्र सिहाग, अनिस खां, ज्योति सिंह, सुर्यप्रकाश वर्मा, विकास मील, हेमन्त सिहाग, अजीज गौरी, हाजी जाफर, प्यारेलाल दानोदिया, इस्माईल भाटी, इस्लाम खान, धमेन्द्र ढाका, नरेश पिलानिया, अली हसन, सोयल, शमशेर खां, अब्दुला कुरेशी, सलीम गौरी, मनीष कुमावत, हेमन्त सैनी, बुन्दा लुहार, गोपाल शर्मा, मदन मेघवाल, आनन्द सैनी, अनूप लुगरिया, जाफर दोलतखानी, नानकराम डूडी, दिपेश शर्मा, सुलेमान मणियार, निरज शर्मा, फारूक चौहान, रामानन्द सातडा, सचिन सैनी, रामनिवास सारण, खालिद कुरेशी, प्रित चावरिया, सुरेन्द्र कोठारी, प्रताप पुनियां, हरफूल भाम्भू, निरंजन शर्मा सहित सैकडो कांग्रेस कार्यकर्ता व पदाधिकारी मौजुद रहें।