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राज्यपाल के आदेश नहीं मानने पर RUHS कुलपति को नोटिस:चिकित्सा शिक्षा विभाग ने 7 दिन में मांगा स्पष्टीकरण; वीसी के इंटरव्यू कमेटी ने कर दिया था अयोग्य


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राज्यपाल के आदेश नहीं मानने पर RUHS कुलपति को नोटिस:चिकित्सा शिक्षा विभाग ने 7 दिन में मांगा स्पष्टीकरण; वीसी के इंटरव्यू कमेटी ने कर दिया था अयोग्य

राज्यपाल के आदेश नहीं मानने पर RUHS कुलपति को नोटिस:चिकित्सा शिक्षा विभाग ने 7 दिन में मांगा स्पष्टीकरण; वीसी के इंटरव्यू कमेटी ने कर दिया था अयोग्य

जयपुर : राजभवन से समय-समय पर जारी आदेशों की पालना नहीं करने पर चर्चित राजस्थान स्वास्थ्य विज्ञान विश्वविद्यालय (RUHS) के कार्यवाहक कुलपति डॉ. धनंजय अग्रवाल की मुश्किलें बढ़ गई हैं। चिकित्सा शिक्षा विभाग ने कुलपति को नोटिस जारी कर राजभवन के आदेशों की पालना नहीं करने पर 7 दिन में स्पष्टीकरण मांगा है। साथ ही विभाग ने कुलपति के इस कृत्य को घोर लापरवाही और राजकार्य के प्रति जानबूझकर की गई लापरवाही माना है।

दरअसल कुलपति की नियुक्ति के लिए चयन कमेटी में विश्वविद्यालय की तरफ से सदस्य का नाम भेजना था, जिसके संबंध में राजभवन से पत्र कुलपति को जारी किया था। लेकिन कुलपति डॉ. धनंजय अग्रवाल ने सदस्य की सूचना राजभवन को नहीं भिजवाई।

समय पर नाम नहीं भिजवाने पर राजभवन ने कुलपति को रिमाइंड नोटिस भी भेजा। कोई जवाब नहीं देने पर जब चेतावनी नोटिस भेजा तब जाकर कुलपति ने सदस्य का नाम भिजवाया। इस पूरे मामले में राजभवन के आदेशों में देरी करने पर पिछले साल 29 अक्टूबर को नोटिस जारी कर 3 दिन में स्पष्टीकरण मांगा था।

राजभवन को नहीं दिया स्पष्टीकरण

नोटिस के 3 दिन बीतने के बाद भी कुलपति ने राजभवन को अपना स्पष्टीकरण नहीं भिजवाया। कुलपति की ओर से की इन आदेशों की अवहेलना को सरकार ने घोर लापरवाही और राजकार्य में बाधा मानते हुए चिकित्सा शिक्षा विभाग से अब नोटिस जारी करवाकर सात दिन में स्पष्टीकरण भिजवाने के लिए कहा है।

क्या कुलपति की नियुक्ति रुकवाना चाहते है डॉ. अग्रवाल?

राजभवन के आदेश के बाद भी चयन समिति के लिए सदस्य का नाम देरी से भेजने, इंडियन मेडिकल एसोसिएशन के राजस्थान चैप्टर की तरफ से सरकार को पत्र लिखकर इंटरव्यू में शामिल हुए बाहरी व्यक्ति का विरोध दर्ज करवाने समेत अन्य कार्यों के चलते चिकित्सा विभाग में इन दिनों यह बड़ी चर्चा है कि क्या डॉ. अग्रवाल कुलपति के लिए हुए इन इंटरव्यू (साक्षात्कार) के परिणामों को रुकवाकर उन इंटरव्यू को निरस्त करवाना चाहता हैं?

क्योंकि स्वयं डॉ. अग्रवाल ने जब इंटरव्यू के लिए आवेदन किया था, तब सिलेक्शन कमेटी ने उन्हें नियमों के तहत कुलपति के योग्य नहीं मानते हुए इंटरव्यू से बाहर कर दिया था। कुलपति के इस इंटरव्यू के लिए सलेक्शन कमेटी के पास देशभर से 40 से ज्यादा आवेदन आए थे, जिसमें से केवल 8 उम्मीदवारों को योग्य मानते हुए इंटरव्यू के लिए कॉल किया गया था। इसमें डॉ. वी.बी. सिंह, डॉ. लाखन पोसवाल, डॉ. राजेश शर्मा, डॉ. एस.एम. शर्मा, डॉ. योगेश सरीन, डॉ. प्रमोद गोविंदराव येवले, डॉ. भगवंत राय मित्तल और डॉ. पंकजा शामिल हैं।

4 घंटे देरी से शुरू हुआ था इंटरव्यू

पिछले महीने जब कुलपति के चयन के लिए राज्यपाल की ओर से गठित कमेटी ने 28 जनवरी को इंटरव्यू किए तो उसे भी तय समय से 4 घंटे की देरी के बाद शुरू किया गया। ऐसी चर्चा थी कि इसे एक उच्च स्तर के अधिकारी की मदद से रुकवाने का प्रयास किया गया था, लेकिन राज्यपाल की तरफ से चयनित सदस्यों ने इसका विरोध करते हुए इंटरव्यू को रोकने से मना कर दिया और 4 घंटे की देरी के बाद इंटरव्यू कॉल किए।

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