राजस्थान की पारंपरिक संस्कृति को जीवित रखने की अनोखी पहल: खरखड़ा के धेदड परिवार ने ऊंट गाड़ी से भरा मायरा
खरखड़ा से बाडलवास तक ऊंट गाड़ीयों में बैठकर नाचते गाते गये मायरा भरने के लिए, सुरेश धेदड को किसान संघ ने किया सम्मानित
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जनमानस शेखावाटी संवाददाता : विजेन्द्र शर्मा
खेतड़ी : खरखड़ा के सुरेश धेदड ने अपने भांजे का पारंपरिक तरीके से मायरा भरने के लिए एक अनोखा कदम उठाया। उन्होंने खरखड़ा से बाडलवास तक ऊंट गाड़ीयों में बैठकर नाचते गाते मायरा भरने के लिए निकल पड़े। यह एक पारंपरिक तरीका है जो कि पुराने समय से चला आ रहा है, लेकिन आजकल के आधुनिक समय में यह तरीका लगभग विलुप्त हो गया है।सुरेश धेदड की इस अनोखी पहल ने लोगों को प्रेरित किया और उन्हें अपनी पारंपरिक संस्कृति को जीवित रखने के लिए प्रेरित किया। इस अवसर पर पुर्व सरपंच राजेश धेदड ने बताया कि सुरेश का यह कदम न केवल प्रेरक है, बल्कि यह हमें अपनी पारंपरिक संस्कृति को जीवित रखने का भी संदेश देता है।उन्होंने कहा कि सुरेश ने न केवल अपने भांजे के मायरा भरने के लिए पारंपरिक तरीके को अपनाया, बल्कि उन्होंने यह भी दिखाया कि कैसे हम अपनी पारंपरिक संस्कृति को जीवित रख सकते हैं और साथ ही साथ पर्यावरण की रक्षा भी कर सकते हैं।इस अवसर पर राजेश धेदड, प्रकाश, ग्यारसी लाल, उदमीराम, बलबीर, कृष्ण कुमार सैन, विक्रम सिंह, राकेश योगी, हिमांशु, उदयवीर, सियाराम, गिरधारी लाल, निखिल सहित धेदड परिवार के सदस्य मौजूद रहे।
किसान संघ खेतड़ी ने निजामपुर मोड पर पारंपरिक तरीके से मायरा भरने जा रहे सुरेश धेदड व परिजनों का माला पहनाकर स्वागत किया
किसान संघ खेतड़ी ने निजामपुर मोड पर पारंपरिक तरीके से मायरा भरने जा रहे सुरेश धेदड व परिजनों का माला पहनाकर स्वागत किया। इस अवसर पर किसान संघ के सदस्यों ने सुरेश धेदड की इस अनोखी पहल की प्रशंसा की और उन्हें इस तरह के और भी कार्यक्रम आयोजित करने के लिए प्रेरित किया।इस अवसर पर किसान संघ खेतड़ी के तहसील अध्यक्ष एडवोकेट पाबुदान सिंह, एडवोकेट संजय सुरोलिया, गजानंद कुमावत, कृष्ण सिंह, मदनलाल सहित अनेक लोग मौजूद थे।
सुरेश धेदड़ ने बताया कि मायरा लेकर देव नगर बाडलवास की सीमा में सायं 5:00 पहुंचने पर ग्रामीण महिलाएं और बच्चे ऊंट गाड़ियों में मायरा आता देखने के लिए अपनी अपनी छतों पर चढ़ गए। महिलाओं और बच्चों ने ऐसा मायरा पहली बार देखा। मायरा लेकर बहन के घर पहुंचने पर खेतड़ी विधायक इंजीनियर धर्मपाल गुर्जर, पूर्व विधायक दाताराम गुर्जर और खेतड़ी पंचायत समिति प्रधान मनीषा गुर्जर ने सुरेश धेदड़ की इस पहल को सराहनीय कदम बताया । एवं अपनी संस्कृति एव धरोहर को जीवित रखने का लोगों से अनुरोध किया।सुरेश धेदड की इस पहल ने न केवल खरखड़ा और खेतड़ी के लोगों को प्रेरित किया, बल्कि यह पूरे क्षेत्र के लिए एक प्रेरणा का स्रोत बन गया है। यह एक ऐसी पहल है जो कि हमें अपनी पारंपरिक संस्कृति को जीवित रखने और पर्यावरण की रक्षा करने के लिए प्रेरित करती है।