113 साल पुराने किंग एडवर्ड मेमोरियल का नाम बदला:अब महर्षि दयानन्द विश्रान्ति गृह के नाम से जाना जाएगा, जारी हुआ नोटिफिकेशन
113 साल पुराने किंग एडवर्ड मेमोरियल का नाम बदला:अब महर्षि दयानन्द विश्रान्ति गृह के नाम से जाना जाएगा, जारी हुआ नोटिफिकेशन

अजमेर : अजमेर के स्टेशन रोड स्थित 113 साल पुराने ब्रिटिशकालीन किंग एडवर्ड मेमोरियल (रेस्ट हाउस) का नाम बदल दिया गया है। अब यह महर्षि दयानंद विश्रांति गृह के नाम से जाना जाएगा। सहकारिता विभाग के रजिस्ट्रार राजीव कजोत ने मंगलवार को इस संबंध में आदेश जारी किए हैं।
विधानसभा अध्यक्ष वासुदेव देवनानी ने पिछले दिनों अजमेर के ऋषि उद्यान में महर्षि दयानंद सरस्वती की 200वीं जयन्ती पर आयोजित राष्ट्रीय समारोह में इसकी घोषणा की थी। आदेश के मुताबिक किंग एडवर्ड सप्तम मेमोरियल सोसायटी का रजिस्ट्रेशन राजस्थान सोसायटी एक्ट 1958 के तहत 16 सितम्बर 1975 को किया गया था। अजमेर के विभिन्न संगठनों, प्रबुद्धजनों और सामाजिक संस्थाओं ने विधानसभा अध्यक्ष देवनानी से मुलाकात कर एडवर्ड मेमोरियल का नाम बदले जाने का आग्रह किया था।
113 साल पहले हुई थी किंग एडवर्ड मेमोरियल की स्थापना
- अजमेर रेलवे स्टेशन रोड स्थित किंग एडवर्ड सप्तम मेमोरियल (रेस्ट हाऊस) सोसायटी अजमेर का भवन 113 वर्ष पूर्व सन् 1912-1913 में प्रमुख रूप से अजमेर आने वाले जायरीन एवं पुष्कर जाने वाले धार्मिक यात्रियों को सस्ती दर पर प्रवास उपलब्ध कराने के उद्देश्य से निर्मित हुआ था।
- सन् 1975 से रजिस्टर्ड, किंग एडवर्ड सप्तम मेमोरियल (रेस्ट हाऊस) सोसायटी इसका संचालन, रखरखाव आज दिनांक तक कर रही है। राज्य सरकार के गजट नोटिफिकेशन दिनांक 3 सितम्बर 2014 से उक्त वर्णित भवन को पुरा स्मारक घोषित किया जा चुका है। परिसर का कुल क्षेत्रफल 17542 वर्गगगज (लगभग 9 बीघा) है।