डिलीवरी के समय होने वाली मुश्किलों से बचने के लिए महिलाओं को करना चाहिए ये योगासन – डॉ चंचल शर्मा
प्रेग्नेंट महिला के शरीर में कई बदलाव आते हैं, उन परेशानियों से बचने के लिए अपनाए ये योगासन
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किसी भी महिला को प्रेगनेंसी के दौरान अपने स्वास्थ्य का विशेष ध्यान रखना होता है, क्यूंकि गर्भावस्था के दौरान महिला को अपने साथ गर्भ में पल रहे बच्चे का भी ख्याल रखना होता है। इस दौरान आप क्या खाते हैं, कितनी देर चलते हैं, कौन से एक्सरसाइज करते हैं, यह सभी जानकारी बेहद महत्वपूर्ण हो जाती है। प्रेगनेंसी के दौरान फिजिकल एक्टिविटी करने से आपकी डिलीवरी आसान हो जाती है। कुछ ऐसे योगासन जिसे अगर आप नियमित रूप से करते हैं तो आपकी प्रेगनेंसी बहुत हेल्थी होती है।
आशा आयुर्वेदा की डायरेक्टर और स्त्री रोग विशेषज्ञ डॉ चंचल शर्मा इस विषय में बताती हैं कि ज्यादातर महिलाओं को डिलीवरी के समय परेशानियों का सामना करना होता है लेकिन अगर आप मुश्किलों से बचना चाहती हैं तो आपको नियमित रूप से शारीरिक क्रियाकलापों में शामिल होना चाहिए। इसके लिए आप इन योगासनों को अपनी दिनचर्या में शामिल कर सकती हैं।
ऐसे योगासन जो आपको डिलीवरी की मुश्किलों से बचा सकते हैं
मार्जरी आसन: प्रेगनेंसी के दौरान महिलाओं को पीठ और कमर में काफी दर्द रहता है जिससे आराम के लिए आप नियमित रूप से मार्जरी आसन का अभ्यास कर सकते हैं। इससे आपकी रीढ़ लचीली होती है और बच्चे के जन्म के समय उसकी पोजीशन भी सही रहती है जिससे डिलीवरी आसान हो जाती है।
बद्धकोणासन: बद्धकोणासन एक ऐसा योगासन है जिसके नियमित अभ्यास से आपका प्रजनन अंग मजबूत होता है और खासतौर से यह आपके पेल्विक एरिया को हेल्थी बनाए रखता है। गर्भवती महिलाओं को यह योगासन जरूर करना चाहिए क्यूंकि इससे डिलीवरी आसान हो जाती है।
वीरभद्रासन: प्रेगनेंसी के दौरान महिलाओं के अंदर शारीरिक और मानसिक रूप से कई बदलाव होते हैं जिसके कारण डिलीवरी के समय उन्हे दोनों रूप से मजबूत होना चाहिए। वीरभद्रासन एक ऐसा योगासन है जिससे आपके पीठ, पैर, कमर आदि की मसल्स मजबूत होती हैं और ब्लड का फ्लो भी सही रहता है। ब्लोटिंग और थकान जैसी स्थिति में इस योगासन से राहत मिलती है।
अनुलोम विलोम: प्राणायाम आपके स्वास की गति को सही रखते हैं और इससे मस्तिष्क शांत रहता है जिससे तनाव कम होता है। यह गर्भवती महिला का तनावग्रस्त होना काफी नुकसानदायक हो सकता है। इसलिए प्रेगनेंसी के दौरान हर महिला को नियमित रूप से अनुलोम विलोम का अभ्यास करना चाहिए।
डॉ चंचल शर्मा बताती हैं कि इन सभी योगासन को करते समय आपको अपनी स्वास्थ्य का विशेष ध्यान रखना चाहिए। स्वयं को जरुरत से ज्यादा दवाब ना दें। शरीर को उतना ही मोड़ें जितना वह आसानी से मुड़ सकता है नहीं तो यह आपके लिए नुकसानदायक भी हो सकता है। किसी तरह की समस्या होने पर फ़ौरन अपने स्वास्थ्य सेवा प्रदाता से संपर्क करें।