पटवारियों ने निकाली विरोध रैली:धरना प्रदर्शन किया, कानूनगों भी आए समर्थन में, 7 दिन से हड़ताल पर, कामकाज अटके
पटवारियों ने निकाली विरोध रैली:धरना प्रदर्शन किया, कानूनगों भी आए समर्थन में, 7 दिन से हड़ताल पर, कामकाज अटके

झुंझुनूं : गिरदावरी एप में संशोधन करने सहित नौ सूत्री मांग को लेकर सोमवार को पटवारियों ने झुंझुनूं में विरोध रैली निकालकर धरना प्रदर्शन किया। विरोध प्रदर्शन को कानूनगो ने भी समर्थन दिया। वे आकस्मिक अवकाश लेकर आंदोलन में शामिल हुए। विरोध रैली कलेक्ट्रेट से शुरू हुई, जो एक नम्बर रोड़ होते हुए शहीद जेपी जानू तक पहुंची। फिर वापस रैली के रूप में कलेक्ट्रेट पर पहुंचे। जहा पटवारियों ने धरना प्रदर्शन किया। पटवार संघ के जिलाध्यक्ष होशियार सिंह ने बताया कि नौ सूत्री मांगों को लेकर पटवार संघ लंबे समय से आंदोलन की राह पर है।
पूर्व में सरकार से मिले आश्वासन के बाद राज्य भर के पटवारी काम पर लौटे थे, लेकिन सरकार की ओर से समय रहते मांगों को पूरा नहीं किया। जिसके चलते पटवारी एक बार फिर से आंदोलन को मजबूर हैं। जब तक मांगों को पूरा नहीं किया जाएगा आंदोलन जारी रहेगा। गौरतलब है कि अपनी मागों को लेकर पटवारी 13 जनवरी से कार्य बहिष्कार कर धरने पर बैठे है।
जिले में करीब 300 पटवारी हड़ताल पर चल रहे हैं। हड़ताल के चलते लोगों को नामांतरण खुलवाने, गिरदावरी करवाने, जाति-मूल निवास प्रमाण पत्र बनवाने, बैंक से ऋण संबंधित प्रक्रिया, कृषि गणना, राजस्व वसूली, जमीन का सीमा ज्ञान, खाता विभाजन करवाने, सामाजिक सुरक्षा पेंशन का सत्यापन करवाने सहित अन्य पटवारी कार्यालय संबंधित कामों में परेशानी का सामना करना पड़ रहा है।
इन मांगां को लेकर कर रहे आंदोलन
गिरदावरी एप में संशोधन करवाना व सरकार द्वारा बनाए गए एप में सर्वेयर की नियुक्ति नहीं करवाने मुख्य मांग है। इनके अलावा भू-अभिलेख निरीक्षक पद की डीपीसी और भू-अभिलेख निरीक्षक पद से नायक तहसीलदार पद की डीपीसी जो लंबित पड़ी है, उसका जल्द निस्तारण करने, 752 भू-अभिलेख निरीक्षक के नए पदों के सूजन के लिए पत्रावली एक साल से पेंडिंग पड़ी है, जिसे जल्द क्लियर करने और नए पद सृजित करने, पटवार भवनों में फर्नीचर, लैपटॉप, कंप्यूटर, प्रिंटर सहित अन्य सुविधाएं देने और पटवार मंडलों की संख्या बढ़ाने, नायब तहसीलदार से तहसीलदार के पद पर की जाने वाली पदोत्रति में कोटा बढ़ाने, हार्ड ड्यूटी भत्ता 2500 से बढ़ाकर 5 हजार व स्टेशनरी भत्ता 400 से बढ़ाकर 1000 रुपए करने की मांग शामिल हैं।