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नीमकाथाना में ब्रेन हेमरेज से व्याख्याता की मौत:डॉक्टरों बोले- सर्दी हो सकती है वजह; 5 दिन पहले एक पुलिस कर्मी की भी हुई थी मौत


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नीमकाथाना में ब्रेन हेमरेज से व्याख्याता की मौत:डॉक्टरों बोले- सर्दी हो सकती है वजह; 5 दिन पहले एक पुलिस कर्मी की भी हुई थी मौत

नीमकाथाना में ब्रेन हेमरेज से व्याख्याता की मौत:डॉक्टरों बोले- सर्दी हो सकती है वजह; 5 दिन पहले एक पुलिस कर्मी की भी हुई थी मौत

नीमकाथाना : नीमकाथाना के सावंलपुरा शेखावतान स्थित राजकीय उच्च माध्यमिक विद्यालय को गहरा सदमा लगा है। विद्यालय में कार्यरत भूगोल के व्याख्याता देवेंद्र कालावत का ब्रेन हैमरेज के कारण निधन हो गया।

गणेश्वर के रहने वाले कालावत चार दिन पहले स्कूल जाने की तैयारी कर रहे थे, जब अचानक उनकी तबीयत बिगड़ गई और दिमाग की एक नस फट गई। गंभीर स्थिति में उन्हें जयपुर के निजी अस्पताल में भर्ती कराया गया, जहां उपचार के दौरान उनका निधन हो गया।

5 दिन पहले गांवड़ी गांव का रहने वाला पुलिसकर्मी कैलाश वर्मा की भी ब्रेन हैमरेज होने की वजह से मौत हो गई थी। कैलाश वर्मा जयपुर ट्रैफिक पुलिस में तैनात थे।

नियमित स्वास्थ्य जांच भी है जरूरी

एचसी प्रभारी गौतम सैनी ने बताया- बढ़ती सर्दी के कारण ब्रेन हेमरेज के मामलों में वृद्धि देखी जा रही है। डॉ. गौतम सैनी ने इस संबंध में महत्वपूर्ण जानकारी साझा करते हुए कहा कि उच्च रक्तचाप और मधुमेह के रोगियों को विशेष सावधानी बरतनी चाहिए। उन्होंने सभी को नियमित स्वास्थ्य जांच करवाने और मानसिक तनाव से दूर रहने की सलाह दी है।

बुजुर्गों को सतर्क रहने की ज्यादा जरूरत

ब्रेन हेमरेज या स्ट्रोक की परेशानी वैसे तो हर उम्र के लोगों में हो सकती है। लेकिन देखने में आ रहा है कि 55 साल से अधिक उम्र के लोगों को इस तरह की समस्या ज्यादा होती है। अभी तक मेडिकल कॉलेज में युवा मरीज कम ही आए हैं। वहीं बीपी और शुगर के मरीजों को भी संभलकर रहने की जरूरत है।

बचाव के लिए ताजा भोजन, व्यायाम करें, धूम्रपान छोड़ें

ताजे फल और सब्जियां खाएं। ये हृदय और रक्त वाहिकाओं के स्वास्थ्य को बनाए रखने में मदद करते हैं। नमक का सेवन सीमित करें। सप्ताह में कम से कम 150 मिनट तेज चलना, दौड़ना या साइकिल चलाना स्ट्रोक के जोखिम को कम कर सकता है। धूम्रपान को छोड़ने से रक्तचाप में सुधार और रक्त वाहिकाओं की सेहत बेहतर होती है।

शराब का अत्यधिक सेवन उच्च रक्तचाप और हेमोरेजिक स्ट्रोक का खतरा बढ़ाता है। उच्च रक्तचाप का प्रबंधन दवाओं और जीवनशैली में बदलावों के जरिए करें। मधुमेह, कोलेस्ट्रॉल की जांच करें और इसे नियंत्रित करने के लिए दवाएं और आहार में बदलाव करें। वजन नियंत्रित रखें।

मोटापे से उच्च रक्तचाप, मधुमेह और हृदय रोगों का खतरा बढ़ जाता है, जो स्ट्रोक के जोखिम को बढ़ाता है। योग, ध्यान और अन्य तनाव-नियंत्रण तकनीकों का अभ्यास करें। हर रात 7-8 घंटे की पर्याप्त नींद लें। हृदय रोग, मधुमेह, और उच्च रक्तचाप के लिए नियमित स्वास्थ्य जांच कराएं। समय पर इलाज और प्रबंधन से स्ट्रोक का खतरा कम हो सकता है।

ब्रेन हेमरेज क्या है और कैसे होता है

मस्तिष्क में ब्लीडिंग की स्थिति को ब्रेन हैमरेज कहा जाता है। इसका बड़ा कारण मस्तिष्क या उसके आसपास के टिश्यू को आपूर्ति करने वाली ब्लड आर्टरी (रक्त धमनी) में लीकेज है। चूंकि मस्तिष्क की संरचना ऐसी है कि वह खुद से ऑक्सीजन और पोषण को स्टोर नहीं कर सकता। इसके लिए वह रक्त धमनियों के नेटवर्क पर निर्भर रहता है। मस्तिष्क में रक्तस्राव होने पर ब्लड वेसल फट जाती हैं और मस्तिष्क में रक्त भर जाता है। इससे मस्तिष्क पर प्रेशर बढ़ता है। यह टिश्यू और सेल्स तक ऑक्सीजन और पोषक तत्वों को पहुंचने से रोक देता है।

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