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थप्पड़, लात-घूंसे मारने वाले कंडक्टर के समर्थन में आया यूनियन:रिटायर्ड आईएएस के खिलाफ कानूनी कार्रवाई नहीं करने पर औद्योगिक शांति भंग करने की चेतावनी


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थप्पड़, लात-घूंसे मारने वाले कंडक्टर के समर्थन में आया यूनियन:रिटायर्ड आईएएस के खिलाफ कानूनी कार्रवाई नहीं करने पर औद्योगिक शांति भंग करने की चेतावनी

जयपुर : जयपुर में लो-फ्लोर बस में रिटायर्ड IAS और कंडक्टर के बीच हुआ विवाद थमने का नाम नहीं ले रहा है। बस कंडक्टर को थप्पड़ मारने और बाद में कंडक्टर के निलंबन के विरोध में जेसीटीएसएल कर्मचारी यूनियन ने आंदोलन की चेतावनी दी है। यूनियन ने इसे अन्याय बताते हुए तत्काल कार्रवाई की मांग की है।

दरअसल 10 जनवरी 2025 को जयपुर में लो-फ्लोर बस (मार्ग संख्या 32) में रिटायर्ड आईएएस और कंडक्टर घनश्याम शर्मा के बीच किराए को लेकर विवाद हुआ। यूनियन का कहना है कि रिटायर्ड आईएएस अधिकारी ने कम दूरी का टिकट लेकर लंबी दूरी तय की। कंडक्टर द्वारा अतिरिक्त किराए की मांग करने पर अधिकारी ने बहस करते हुए थप्पड़ मार दिया।

जेसीटीएसएल कर्मचारी यूनियन के अध्यक्ष विपिन चौधरी ने कहा, यह कंडक्टर के साथ खुला अन्याय है। घनश्याम शर्मा ने सिर्फ अपनी ड्यूटी निभाई, लेकिन उन्हें रिटायर्ड आईएएस के प्रभाव के चलते प्रताड़ित किया गया। हम उनके निलंबन को तुरंत रद्द करने और आईएएस के खिलाफ कानूनी कार्रवाई की मांग करते हैं। यदि हमारी मांगें पूरी नहीं हुईं, तो हम बड़ा आंदोलन करेंगे।

यूनियन के अध्यक्ष ने आरोप लगाया है कि- एक भारतीय प्रशासनिक सेवा के रिटायर्ड IAS अधिकारी ने पहले ड्यूटी परिचालक को रौब दिखाया व थप्पड़ मारा। परिचालक की ड्यूटी होती है अगर कोई यात्री कम दूरी की टिकिट लेकर लंबी दूरी तय करता है तो उससे किराया लेकर टिकिट बनाए और उससे टोके। ऐसा नहीं किया जाए या नहीं किया जाता तो अन्य यात्री भी ऐसा करते। रिटायर्ड IAS यात्री अगर गलती से आगे चला गया या जान बुझकर आगे गया, उनकी जिम्मेदारी बनती थी कि वो आगे का टिकिट ले। लेकिन उक्त यात्री ने अहम में टिकिट लेने व आगे का किराया देने की बजाय परिचालक से झगड़ा किया व पहले चलकर थप्पड़ मारा।

परिचालक ने बाद में अपने बचाव किया। इसके बाद भी उक्त IAS यात्री ने रुतबे/पहुंच (Approach) का दुरुपयोग करके बिना किसी प्राथमिक जांच के एक तरफा अनुशासनात्मक कार्यवाही करवाके रविवार के अवकाश के दिन भी परिचालक को निलंबित करवाया गया और FIR दर्ज करवाकर पुलिस के स्तर पर भी परिचालक को प्रताड़ित करवाया जा रहा है, इस प्रकार नियमानुसार ड्यूटी कर रहे परिचालक को अनावश्यक विलन बनाकर प्रताड़ित किये जाने से आम परिचालकों में भारी आक्रोश है।

यूनियन ने प्रशासन और पुलिस से निष्पक्ष जांच की अपील की है। यूनियन का यह भी कहना है कि कंडक्टरों पर हो रहे ऐसे अन्याय से उनके बीच गहरा आक्रोश है, जो जल्द ही औद्योगिक शांति भंग कर सकता है।

क्या था मामला

नायला रोड कानोता निवासी रिटायर्ड आईएएस आरएल मीना (75) ने रिपोर्ट में बताया कि वह शुक्रवार 10 जनवरी सुबह 11 बजे जयपुर से नायला जाने वाली लो-फ्लोर बस में सफर कर रहे थे। उन्होंने कानोता बस स्टॉप तक का टिकट ले लिया था। आरोप है कि सफर के दौरान बस नायला तक पहुंच गई, लेकिन कंडक्टर ने उन्हें कानोता बस स्टॉप पर नहीं उतारा।

लो-फ्लोर बस के नायला पहुंचने पर रिटायर्ड आईएएस नीचे उतरने लगे। कंडक्टर घनश्याम ने नायला उतरने के दौरान रिटायर्ड आईएएस से किराए के 10 रुपए और मांगे। रिटायर्ड आईएएस ने उनके बस स्टॉप पर नहीं उतारकर आगे ले आने के चलते कंडक्टर की गलती बताकर रुपए देने से मना कर दिया। किराए की बात को लेकर दोनों के बीच कहासुनी हो गई। देखते ही देखते विवाद बढ़ने पर मामला हाथापाई तक पहुंच गया।

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