समरावता प्रकरण में 39 आरोपी जेल से हुए रिहा:हाईकोर्ट के आदेश के बाद 51 दिन बाद आए बाहर, लोगों ने किया स्वागत
समरावता प्रकरण में 39 आरोपी जेल से हुए रिहा:हाईकोर्ट के आदेश के बाद 51 दिन बाद आए बाहर, लोगों ने किया स्वागत
टोंक : टोंक जिले के समरावता प्रकरण में हाईकोर्ट से 39 आरोपियों की जमानत होने के बाद उन्हे शनिवार रात को जिला कारागार से दस-दस के ग्रुप में रिहा किया गया। हालांकि इनमें से एक आरोपी इलाज के लिए अस्पताल में भर्ती है। उसे भी कानूनी रूप से रिहा किया गया। अब उसकी देखभाल उसके परिजन करेंगे।
इन आरोपियों को रिहा करते समय कानून व्यवस्था बनी रहे, इसके लिए टोंक DSP के नेतृत्व में पुलिस जाप्ता भी जेल के बाहर करीब आधा किमी तक तैनात रहा। वहां परिजनों और समर्थकों को आने नहीं दिया। पुलिस जाप्ते की सीमा खत्म होते ही परिजन और समर्थक कार में बिठाकर सवाई माधोपुर रोड किनारे निर्दलीय प्रत्याशी रहे नरेश मीणा के कार्यालय ले गए। जहां उनका माला पहनाकर स्वागत किया गया।
युवाओं ने जमकर की नारेबाजी
इस दौरान युवाओं ने नरेश मीणा जिंदाबाद, भगत सिंह जिंदाबाद के जमकर नारे लगाए। ये सभी आरोपी 51 दिन बाद जेल से बाहर आए है। इन्हे पुलिस ने 13 नवंबर 2024 को हिरासत में लिया था और 15 नवंबर 2024 को कोर्ट के आदेश पर जेल में बंद थे। इनकी शुक्रवार को हाईकोर्ट जयपुर से जमानत हुई है। उसके बाद शनिवार को उनियारा कोर्ट में कानूनी प्रक्रिया पूरी होने के बाद रात करीब साढ़े 8 बजे टोंक जेल से रिहा किया गया।
बता दे कि 13 नवंबर 2024 को देवली-उनियारा विधानसभा के उपचुनाव के लिए मतदान हुआ था। इसमें समरावता गांव के लोगों ने उनके गांव को उनियारा उपखंड कार्यालय में शामिल करने की मांग को लेकर मतदान का बहिष्कार कर रखा था। उस समय निर्दलीय प्रत्याशी रहे नरेश मीणा भी ग्रामीणों के साथ धरने पर बैठ गया था। मतदान बहिष्कार के बावजूद 3 लोगों के जबरन वोट दिलाने का आरोप लगाते हुए नरेश मीणा ने SDM अमित चौधरी को थप्पड़ मार दिया था।
20 आरोपी अभी भी है जेल में
मामले में 14 नवंबर 2024 को पुलिस ने नरेश मीणा को धरना स्थल से गिरफ्तार कर लिया था। इस मामले में पुलिस ने 4 नाबालिग समेत 63 आरोपियों को पकड़ा था। उनमें से 4 नाबालिग बच्चों की जमानत तो डीजे कोर्ट से दिसंबर में हो गई। 3 जनवरी 2025 को 39 आरोपियों की जमानत हो गई थी। हाईकोर्ट जयपुर के आदेश पर 4 जनवरी को रात साढ़े 8 बजे इनको कानूनी प्रक्रिया पूरी कर छोड़ा गया। इनमे से 38 आरोपियों को जेल से छोड़ा गया और 1 आरोपी सआदत अस्पताल में भर्ती है। उसे भी कानूनी रूप से रिहा कर दिया है। अब उसे परिजनों के सुपुर्द कर दिया है। इस तरह 20 आरोपी अभी भी जेल में है।
लड्डू खिलाकर-माला पहनाकर किया स्वागत
जेल से रिहा हुए सभी आरोपियों का नरेश मीणा के चुनाव कार्यालय में जोरदार स्वागत किया गया। सभी को माला पहनाई, लड्डू खिलाए गए, तिलक लगाकर दुपट्टा पहनाया। नरेश मीणा के समर्थन में जमकर नारेबाजी की गई। समर्थकों ने आतिशबाजी भी की। इस दौरान सरपंच संघ जिलाध्यक्ष मुकेश मीणा, छान सूर्याबास छान सरपंच आर डी गुर्जर, एडवोकेट लाखन सिंह मीणा, पवन खरेड़ा समेत बड़ी संख्या में नरेश मीणा के समर्थक मौजूद रहे।
संघर्ष जारी रहेगा, जयपुर में होगा बड़ा आंदोलन
जेल से रिहा हुए अग्रसेन मीणा ने कहा कि नरेश मीणा का संघर्ष लोगों के लिए प्रेरणादायक है। किसानों, छात्रों के लिए वे लड़ाई लड़ते है। उनका जैसा संघर्षशील मैंने आज तक नहीं देखा। अब उनके आदेशानुसार आगे का कदम उठाएंगे।
सरपंच संघ जिलाध्यक्ष मुकेश मीणा ने अपनी मांगों को दोहराते हुए समरावता मामले की न्यायिक जांच कराने, नुकसान का मुआवजा देने और सभी लोगों को रिहा करने के साथ ही दोषी अधिकारियों के खिलाफ कार्रवाई की मांग की है। मांगे नहीं मानी गई तो सरकार के खिलाफ बड़ा आंदोलन जयपुर में होगा। इसके लिए जगह भी देख ली है ।