[pj-news-ticker post_cat="breaking-news"]

सरकार ने नीमकाथाना जिले को किया रद्द:1952 से चल रही थी जिला बनाने की मांग, सांसद और विधायक ने कहा कि जन आंदोलन करेंगे


निष्पक्ष निर्भीक निरंतर
  • Download App from
  • google-playstore
  • apple-playstore
  • jm-qr-code
X
टॉप न्यूज़नीमकाथानाराजस्थानराज्यसीकर

सरकार ने नीमकाथाना जिले को किया रद्द:1952 से चल रही थी जिला बनाने की मांग, सांसद और विधायक ने कहा कि जन आंदोलन करेंगे

सरकार ने नीमकाथाना जिले को किया रद्द:1952 से चल रही थी जिला बनाने की मांग, सांसद और विधायक ने कहा कि जन आंदोलन करेंगे

नीमकाथाना : प्रदेश में पिछली कांग्रेस सरकार के समय नए बने 19 नए जिलों में से 9 जिलों को सरकार ने समाप्त कर दिया है। इनमें नीमकाथाना भी शामिल हैं। अब यह वापस सीकर जिले में शामिल होगा। शनिवार को कैबिनेट की बैठक में ये फैसला लिया गया। सरकार के इस फैसल के बाद लोगों में भारी आक्रोश है। गौरतलब है कि नीमकाथाना को जिला बनाने की मांग 1952 से की जा रही थी। यहां से पहले विधायक कपिल देव मोदी ने नीमकाथाना को जिला बनाने का विधानसभा में प्रस्ताव भेजा था।

नीमकाथाना जिले में संगठनों ने खेतड़ी मोड़ पर मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा का पुतला फूंका।
नीमकाथाना जिले में संगठनों ने खेतड़ी मोड़ पर मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा का पुतला फूंका।

जिला हटाने के खिलाफ विरोध प्रदर्शन तेज

नीमकाथाना जिले को हटाने की घोषणा के बाद जिला मुख्यालय पर विरोध प्रदर्शन शुरू हो चुका है। अलग-अलग संगठनों ने खेतड़ी मोड़ पर मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा का पुतला फूंका। इसके अलावा, विधायक सुरेश मोदी के कार्यालय के सामने जिला बनाओ समिति ने भी मुख्यमंत्री का पुतला फूंका।

विधायक सुरेश मोदी ने जिला संघर्ष समिति की बैठक में कहा कि सरकार ने नीमकाथाना जिले को छोटी मानसिकता के चलते हटाया है, जिसे किसी भी हाल में बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। उन्होंने जनता से आह्वान किया कि अब सड़कों पर उतरकर आंदोलन किया जाएगा और सरकार को इसका करारा जवाब दिया जाएगा।

जनप्रतिनिधियों ने कहा- सरकार बदला ले रही

नीमकाथाना विधायक सुरेश मोदी ने सरकार के इस फैसले का विरोध किया है। उन्होंने कहा कि सरकार की मंशा जनहित की नहीं है। हम इस फैसले के खिलाफ जन आंदोलन करेंगे।

सीकर सांसद अमराराम ने कहा कि नीमकाथाना जिले के साथ-साथ सरकार ने सीकर संभाग को भी रद्द कर दिया है। जिसे बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। अब हम आंदोलन करेंगे। उन्होंने कहा कि सीकर लोकसभा और नीमकाथाना विधानसभा सीट भारतीय जनता पार्टी को नहीं मिली इसका बदला उन्होंने लिया है।

एसएफआई के गोपाल सैनी ने कहा कि नीमकाथाना से जिले का दर्जा समाप्त कर सरकार ने गलत फैसला लिया है। हम जन आंदोलन करेंगे। स्थानीय लोगों का कहना है कि लंबे संघर्ष के बाद नीमकाथाना को जिला बनाया गया था। पिछली सरकार में नीमकाथाना के जिला बनने के बाद लोगों को काफी राहत मिली थी। अब लोगों को परेशान होगी।

गौरतलब है कि पिछली सरकार के फैसले के बाद नए जिल के गठन के बाद से ही यहां कलेक्टर और एसपी कार्यालय खोल दिया गया था और इन अधिकारियों समेत बाकी सभी जिला अधिकारियों की नियुक्ति कर दी गई थी। जिलों के गठन को लेकर सरकार ने पूर्व आईएएस ललित के. पंवार की अध्यक्षता में एक रिव्यू कमेटी का गठन किया था। इस कमेटी ने नए जिलों का दौरा कर अपनी रिपोर्ट दी। इसके बाद कैबिनेट सब कमेटी बनाई गई।

मंत्रियों की कमेटी ने भी ललित के पंवार कमेटी की सिफारिश के आधार पर अपनी रिपोर्ट सरकार को सौंप दी थी। अब सरकार ने कैबिनेट की बैठक में अपना फैसला लिया है।

नए जिलों पर कैबिनेट सब कमेटी बनाई गई थी।
नए जिलों पर कैबिनेट सब कमेटी बनाई गई थी।

ये जिले रहेंगे : बालोतरा,ब्यावर,डीग,डीडवाना-कुचामन,कोटपूतली-बहरोड, खैरथल-तिजारा, फलौदी और सलूंबर।

ये जिले निरस्त- दूदू,केकड़ी,शाहपुरा, नीमकाथाना, गंगापुरसिटी, जयपुर ग्रामीण, जोधपुर ग्रामीण, अनूपगढ़, सांचौर।

Related Articles