नवलगढ़ के सुप्रसिद्ध रोटा घेवर: शुद्ध देसी घी से बनी एक अद्भुत मिठाई
नवलगढ़ के सुप्रसिद्ध रोटा घेवर: शुद्ध देसी घी से बनी एक अद्भुत मिठाई

जनमानस शेखावाटी संवाददाता : रविंद्र पारीक
नवलगढ़ : नवलगढ़ अपनी ऐतिहासिक धरोहर के लिए प्रसिद्ध है, लेकिन यहां की रोटा घेवर भी एक विशेष पहचान रखती है। यह मिठाई शुद्ध देसी घी से बनाई जाती है और नवलगढ़ की शान बन चुकी है।
क्या है रोटा घेवर?
रोटा घेवर राजस्थानी मिठाई है, जिसे मुख्य रूप से सर्दियों के मौसम में बनाया जाता है। इसे खासतौर पर मकर संक्रांति पर तैयार किया जाता है। रोटा घेवर की खास बात यह है कि इसे विशेष तरीके से, खास मिश्रण से तैयार किया जाता है जिसमें मुख्य रूप से मैदा, देसी घी और शक्कर का प्रयोग होता है।
रोटा घेवर में सबसे पहले मैदा का घोल तैयार किया जाता है। फिर इसे एक खास तरीके से गर्म देसी घी में डाला जाता है ताकि वह गोल आकार में बंध सके और हल्का सुनहरा रंग प्राप्त कर सके। इस पूरी प्रक्रिया में खास तरह का अनुभव और कला शामिल होती है, जो इसे एक बेहतरीन स्वाद देती है।
नवलगढ़ में रोटा घेवर की प्रमुख महेंद्र हलवाई, श्री गोविंदम स्वीट हैं। जो अपनी रोटा घेवर के लिए खासे प्रसिद्ध हैं। श्री गोविंदम स्वीट में बन रही रोटा घेवर की खास बात यह है कि इन्हें शुद्ध देसी घी में बनाया जाता है, जिससे इनका स्वाद लाजवाब होता है और यह शुद्धता का प्रतीक बनती है।
रोटा घेवर विशेष रूप से सर्दियों के मौसम में बनाई जाती है, क्योंकि इस मौसम में घी का स्वाद और उसकी महक सबसे उत्तम होती है। राजस्थान के सर्दी में यह मिठाई लोगों के बीच खास आकर्षण का केंद्र बनती है। रोटा घेवर की ताजगी और स्वाद को लेकर यहां के लोग और पर्यटक हर वर्ष इस समय का बेसब्री से इंतजार करते हैं।
रोटा घेवर न केवल स्थानीय लोगों के लिए एक प्रिय मिठाई है, बल्कि यहाँ आने वाले पर्यटकों के लिए भी एक खास अनुभव बन चुकी है। रोटा घेवर नवलगढ़ की पहचान बन गई है और इसके स्वाद को लेकर पर्यटकों के बीच चर्चा का विषय रहता है।
नवलगढ़ की रोटा घेवर एक अद्भुत मिठाई है, जो शुद्ध देसी घी से बनी होती है और इसका स्वाद किसी भी मिठाई प्रेमी को आकर्षित कर सकता है। महेंद्र हलवाई इसे सच्चे स्वाद के साथ पेश करते हैं, और यह सर्दियों के मौसम में एक खास आकर्षण बनकर उभरती है। रोटा घेवर नवलगढ़ के खाने-पीने की संस्कृति का एक महत्वपूर्ण हिस्सा है, जिसे न केवल स्थानीय लोग बल्कि दूर-दूर से आने वाले लोग भी चखने के लिए आते हैं।