अजमेर : ख्वाजा गरीब नवाज के सालाना उर्स में हर साल जायरीन के मोबाइल चोरी, चेन स्नैचिंग, जेबतराशी और ठगी की 500 से ज्यादा वारदात होती हैं। कारण यह है कि यहां जायरीन की भीड़ में दिल्ली, महाराष्ट्र, प.बंगाल और अन्य शहरों के पचास से ज्यादा गैंग शामिल होते हैं, उर्स में जायरीन की भीड़ की आड़ में आपराधिक गिरोह आसानी से वारदात करते हैं और निकल जाते हैं। इस बार जिला पुलिस अलर्ट मोड़ पर है। उर्स से पहले ही पुलिस ने संदिग्ध र लोगों को ट्रेस करना शुरू कर दिया है। दरगाह इलाके के हर मकान को पुलिस चेक कर रही है।
खासकर किराए से रहने वाले बाहरी लोगों पर पुलिस का फोकस है। दरगाह थाना प्रभारी नरेन्द्र सिंह जाखड का कहना है कि इलाके में डोर-टू-डोर सर्वे किया जा रहा है, इसमें होटल, गेस्ट हाउस के अलावा किराए के मकानों को बारीकी से चेक किया जा रहा है। उल्लेखनीय है कि इस बार उर्स की शुरुआत चांद दिखाई देने पर 1 जनवरी से होगी।
नियमित पुलिस वैरिफिकेशन से अंकुश संभव
बाहर के अपराधियों की पहचान नियमित पुलिस वैरिफिकेशन से संभव है।तत्कालीन डीजी हरीश मीणा के कार्यकाल में प्रदेश भर में पुलिस ने थाना वार बीट कांस्टेबलों के माध्यम से किरायेदार और बाहरी लोगों का ब्योरा एकत्र कर उनकी तस्दीक की कार्रवाई शुरू की थी, लेकिन यह प्रक्रिया नियमित नहीं है।
विधानसभा अध्यक्ष वासुदेव देवनानी की ओर से दरगाह इलाके में संदिग्ध लोगों की पहचान के लिए पुलिस और प्रशासन के अधिकारियों को निर्देश दिए जाने के बाद से पुलिस लगातार में डोर-टू-डोर सर्वे कर बाहर के लोगों का इलाके ब्योरा जुटा रही है। इससे उर्स में आपराधिक गैंग के लोग भी ट्रेस होंगे। इस बारे में थाना प्रभारी नरेन्द्र सिंह जाखड़ का कहना है कि पुलिस होटल, धर्मशाला और गेस्ट हाउस में ठहरने वाले लोगों की नियमित तस्दीक कर रही है।
5 साल पहले बांग्लादेश के गिरोह ने डॉक्टर दंपती के यहां की थी लूट
शहर में हत्या, चोरी, ठगी, जेबतराशी और मादक पदार्थ तस्करी जैसी आपराधिक वारदात में अन्य राज्यों से यहां आने वाले अपराधियों की लिप्तता उजागर होती है। पांच साल पहले आनासागर लिंक रोड निवासी डॉक्टर दंपती के मकान में घुसकर बांग्लादेशी लुटेरों के गिरोह ने वारदात को अंजाम दिया था। बाद में यह गिरोह पकड़ा गया। पिछले दो साल के दौरान दरगाह में उर्स और मोहर्रम व महाना छठी के मौके पर पकड़े गए चेन स्नैचर, जेबतराश और नकबजन गिरोह में ज्यादातर यूपी, बिहार, बंगाल, महाराष्ट्र और एमपी के 25 से ज्यादा अपराधी पकड़े गए हैं।
पिछले साल उर्स में डिग्गी इलाके के एक होटल में जायरीन के तौर पर ठहरे शातिर जेबतराश गिरोह के चौदह बदमाशों को पकड़ा गया था। इससे पहले दरगाह इलाके में खादिम के मकान से बीस लाख का माल पार करने के मामले में गिरफ्तार एनुअल भी मूल रूप से बंगाल का रहने वाला था। वर्ष 2022 में दरगाह पुलिस ने हावड़ा और उस्मानपुर दिल्ली गैंग के 11 बदमाशों को पकड़ा था, इनसे 40 लाख रुपए के मोबाइल फोन और सोने की चेन व अन्य जेवरात बरामद किए गए थे। सभी आरोपी दरगाह इलाके में एक होटल में जायरीन के तौर पर ठहरे थे। इनके पास से 6 आईफोन 133 मल्टीमीडिया मोबाइल फोन व करीब दस लाख रुपए कैश बरामद किए गए थे।
लगातार बढ़ रही है बाहरी गैंग की सक्रियता
दरगाह इलाके में मादक पदार्थ तस्करी, चोरी, जेबतराशी, ठगी के ज्यादातर मामलों में खुद को प. बंगाल का मूल निवासी बताने वाले लोगों की लिप्तता पाई गई है। पिछले पांच साल में 22 से ज्यादा ऐसे लोगों को पुलिस ने गिरफ्तार भी किया है। ये लोग जायरीन के तौर पर गेस्ट हाउस या अन्य जगहों पर ठहरते हैं या फिर मजदूरी या अन्य कारोबार करने की आड़ में किराएदार के तौर पर रहते हैं। अंदरकोट और तारागढ़ इलाके में ऐसे लोगों की संख्या लगातार बढ़ रही है।