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किसानों कहीं से भी देख सकेंगे बकाया व जमा राशि:ग्राम सेवा सहकारी समितियों में बैंकों की तर्ज पर होगा ऑनलाइन कार्य, एक क्लिक पर मिलेगी पूरी जानकारी, ग्रामीणों का फायदा होगा


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किसानों कहीं से भी देख सकेंगे बकाया व जमा राशि:ग्राम सेवा सहकारी समितियों में बैंकों की तर्ज पर होगा ऑनलाइन कार्य, एक क्लिक पर मिलेगी पूरी जानकारी, ग्रामीणों का फायदा होगा

किसानों कहीं से भी देख सकेंगे बकाया व जमा राशि:ग्राम सेवा सहकारी समितियों में बैंकों की तर्ज पर होगा ऑनलाइन कार्य, एक क्लिक पर मिलेगी पूरी जानकारी, ग्रामीणों का फायदा होगा

झुंझुनूं : गांवों में खुली सहकारी समितियों में किसान को कितना लोन मिला, कितने रुपए माफ हुए। कितने पैसे कब जमा करवाए। अब कितना बकाया है। कितना ब्याज जोड़ा गया।

ऐसी तमाम जानकारी किसान एक क्लिक में जान सकेंगे।

अब उनको सहकारी समितियों के व्यवस्थापक व अध्यक्षों के चक्कर नहीं काटने पड़ेंगे। यह संभव होगा सहकारी समितियों को ऑनलाइन करने से। केन्द्र सरकार की योजना के तहत जिले की सभी 279 ग्राम सेवा सहकारी समितियों को ऑनलाइन किया जा रहा है।

पहले चरण में 76 को ऑनलाइन किया जा चुका। दूसरे चरण में भी इतनी ही ग्राम सेवा सहकारी समितियों को ऑनलाइन किया जाएगा। करीब एक साल में सभी सहकारी समितियों को ऑनलाइन करने का लक्ष्य तय किया गया है।

झुंझुनूं केन्द्रीय सहकारी बैंक लि. के महाप्रबंधक संदीप शर्मा ने बताया कि जिले में मार्च तक 278 ग्राम सेवा सहकारी समितियां थी। अब इनकी संख्या बढ़कर 279 हो गई है। पहले चरण में करीब 76 ग्राम सेवा सहकारी समितियों को ऑनलाइन किया जा चुका है। शेष में भी कार्य जारी है। इससे पूरा काम काज पारदर्शी तरीके से होगा। ग्रामीणों को फायदा होगा।

केन्द्र सरकार ने की सख्ती

केन्द्र सरकार व रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया की सख्ती के बाद अब ऐसा किया जा रहा है। विभाग की मंशा ग्रामीण अंचल में रहने वाले लोगों तक सहकारिता विभाग, नाबार्ड और रिजर्व बैंक के दिशा-निर्देश पहुंचाना है। ताकि ग्रामीण अंचल तक केन्द्र व राज्य सरकार की योजनाओं का लाभ पहुंचाया जा सके। वहीं सहकारिता विभाग फसली ऋण के साथ-साथ अन्य ऋण भी देगा।

दूर होगी किसानों की शिकायत

अभी राजस्थान की अनेक सहकारी समितियों में शिकायत रहती है कि किसान के नाम से लोन उठा लिया गया, हकीकत में किसान को लोन मिला ही नहीं। किसान ने लोन जमा करवा दिया, लेकिन हकीकत में जितनी राशि दी, उतना लोन जमा नहीं किया। कई बार सरकार लोन माफ कर देती है। माफी के पैसे कई बार व्यवस्थापक उठा लेते हैं। अब ऐसा करने पर तुरंत पकड़ में आ सकेगा। अब अनुदान योजना की राशि, पासबुक में एंट्री और अपने बैंक खाते का स्टेटमेंट महज एक क्लिक पर मिल जाएगा। जिले के पिलानी क्षेत्र की एक सहकारी समिति किसानों के बकाया जमा नहीं करवाने पर विवादों में रह चुकी।

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