केसीसी महीला अधिकारी ने लेखा सहायक आशीष जैन के खिलाफ बिलों की राशी का गबन करने का लगाया आरोप, लीजधारकों के बिल के घोटाले का मामला
केसीसी महीला अधिकारी ने लेखा सहायक आशीष जैन के खिलाफ बिलों की राशी का गबन करने का लगाया आरोप, लीजधारकों के बिल के घोटाले का मामला
खेतड़ी नगर : केसीसी प्रोजेक्ट के वित्त विभाग की महिला अधिकारी ने केसीसी प्रोजेक्ट लेखा सहायक कर्मचारी के खिलाफ लीज धारकों के बिलों का पैसा गबन करने का आरोप लगाते हुए धोखा धड़ी का मामला दर्ज करवाया। पुलिस से मिली जानकारी के अनुसा केसीसी प्रोजेक्ट के सहायक महाप्रबंधक (वित्त) पद पर कार्यरत सुमन वर्मा पुत्री केसी वर्मा ने लेखा सहायक कर्मचारी आशीष जैन के खिलाफ बिलों की राशी को धोखाधड़ी से लीजधारकों के बिलों के गबन करने का मामला दर्ज करवाया।
सुमन वर्मा ने रिपोर्ट में बताया कि केसीसी प्रोजेक्ट द्वारा कुछ दुकाने, क्वार्टर एवं अन्य संस्थान लीज पर आवंटित कर रखी है। उक्त संस्थानों से एक निश्चित राजि लीज किराये के तौर पर हर माह ली जाती है। साथ ही उस संस्थान में खपत होने वाली बिजली, पानी एवं अन्य मद किराये में सम्मिलित होते है। हर माह कंप्यूटर विभाग द्वारा लीज किराये के बिल बनाएं जाते है एवं वित्त विभाग द्वारा इस बिल का मैसेज लीजधारको को मोबाईल पर भेजा जाता है। जिसमें पेयटीएम का पेमेंट लिंक होता है. जिसके द्वारा लीजधारक अपना बिल जमा कर सकते है। रिपोर्ट में बताया कि कुछ लीजधारक एचसीएल के खाते में सीधे भुगतान करते है और उसका भुगतान एवं बिलों का विवरण वित्त विभाग में जमा करवाते हैं, जिनमें बड़े ठेकेदार, सरकारी संस्थान आदि शामिल है। इसके अतिरिक्त कुछ लीजधारकों ने बैंक मैन्डेट के माध्यम से रजिस्टर कर रखा है. उन लोगों के बिल स्वतः ही एचसीएल द्वारा उनके रजिस्टर किए हुए बैंक खाते से रिकवर कर लिया जाता है। इसके बाद वित्त विभाग द्वारा जिन बिलों के भुगतान कंपनी खाते में प्राप्त हुए का विवरण कम्प्यूटर विभाग को भेज दिया जाता है। इसके अनुसार जिन बिलों का भुगतान प्राप्त नहीं हुआ वह अगले माह के बिल में एरियर के रूप में जुड़ जाता है।
रिपोर्ट में बताया कि अक्तूबर माह में कुछ बिलों में संदेह होने पर जांच की गई, फरवरी 2024 से सितंबर 2024 के बिलों और भुगतानों की जांच की गई तो पाया गया की न तो उन बिलों का किसी भी अधिकृत माध्यम से भुगतान प्राप्त हो रहा है और ना ही अगले माह के बकाया (एरियर) में दर्ज हो रहा है। इसके आधार पर 20 लीजधारकों के बिलों में अक्तूबर 2024 माह में एरियर दर्ज किया गया। जिसके चलते नंबर माह में 205 लीजधारकों के बिलों में एरियर दर्ज किया गया। रिपोर्ट में बताया कि बकाया बिलो में एरियर दर्ज न होने का कारण कंप्यूटर सिस्टम पर अनधिकृत रूप में दूसरे की आईडी, पासवर्ड काम में लेकर, वित्तीय दुरुपयोग किया जाना सामने आया। इस संबंध में 26 नंबर को कंपनी के कुछ आवंटित दुकानदारों, किरायेदारों द्वारा लिखित पत्र के माध्यम से नगर प्रशासन विभाग को शिकायत की कि कंपनी के किराया एवं अन्य मद में उनके द्वारा निर्गत की गई राशि उन्होंने कंपनी के वित्त विभाग में काम करने वाले कर्मचारी आशीष जैन, लेखा सहायक को अपनी बिल राशि का पैसा नकद, यूपीआई के माध्यम से व व्यक्तिगत खाते में जमा करते रहे है। बदले में आशीष जैन द्वारा जमा बिलों की फर्जी रसीद हिंदुस्तान कॉपर लिमिटेड के नाम दी गई है।
रिपोर्ट के अनुसार एचसीएल सिर्फ तीन माध्यमों से ही भुगतान प्राप्त करता है एवं किसी भी कर्मचारी को बिल राशि व्यक्तिगत खाते में लेने के लिए अधिकृत नहीं किया गया है। आशीष जैन द्वारा कंपनी के सिस्टम विभाग के कंप्यूटर डाटा में, अनाधिकृत रूप से, दूसरे की आईडी, पासवर्ड काम में लेकर शिकायतकर्ताओं के बकाया का विलोपन किया गया है, जिसके कारण शिकायतकर्ताओं के बकाया में वृद्धि होती गई। विनीय दुर्विनियोग एवं छल द्वारा कंपनी के राजस्व की हानि, वित्त विभाग में कार्य करने वाले कर्मी आशीष जैन द्वारा की गई है। यह राशि कंपनी के दुकानदारों, किरायेदारों, हितधारकों द्वारा कंपनी को प्रदान की जाने वाली राशि आशीष जैन को दी गई थी और उसके द्वारा यह राशि कंपनी में जमा नहीं की गई थी। आशीष जैन को दी गई राशि का मामला पूर्णतः दुकानदारों / किरायेदारों/ हितधारकों एवं आशीप जैन के बीच का है। कंपनी के पास आशीप जैन के पास शिकायतकर्ताओं की जमा की गई राशि का विवरण मौजूद होना नही बताया। आशीष जैन के खिलाफ वित्तीय दुर्विनियोग एवं धोखाधड़ी करने का मामला दर्ज कर जांच करने की मांग की। पुलिस ने आशीष जैन के खिलाफ लीजधारकों के बिलों की राशी धोखाधड़ी से हड़प कर गबन करने का मामला दर्ज कर जांच शुरू कर दी।