[pj-news-ticker post_cat="breaking-news"]

बाबू सहित 4 गिरफ्तार, साइबर थाना पुलिस जांच में जुटी, आबकारी विभाग ने ठेकेदारों से 4.5 करोड़ वसूले


निष्पक्ष निर्भीक निरंतर
  • Download App from
  • google-playstore
  • apple-playstore
  • jm-qr-code
X
चूरूटॉप न्यूज़राजस्थानराज्य

बाबू सहित 4 गिरफ्तार, साइबर थाना पुलिस जांच में जुटी, आबकारी विभाग ने ठेकेदारों से 4.5 करोड़ वसूले

बाबू ने किया साढ़े 8 करोड़ का गबन; शराब ठेकेदारों को फीस जमा होने की एंट्री दिखाता, उसे अपने खाते में जमा करा देता था

चूरू : साइबर थाना पुलिस ने आबकारी विभाग ने 8.54 करोड़ का साइबर फ्रॉड पकड़कर चार लोगों को गिरफ्तार किया है। गिरफ्तार आरोपियों में एक आबकारी विभाग का कार्मिक भी है। पूरे मामले का सूत्रधार आबकारी विभाग का बाबू ही निकला, जिसने कुछ ठेकेदार व उनके पार्टनर को लालच देकर मिलीभगत कर गबन के मामले को अंजाम दिया।

उक्त कार्मिक ने 29 ठेकेदारों की ओर से जमा होने वाले आबकारी शुल्क, बेसिक लाइसेंस फीस एवं परमिट फीस की राशि को बिना चालान जमा करवाए ही क्रेडिट कर दिया तथा राशि को अन्य के सहयोग से खुद हड़प लिया। इसकी भनक लगते ही जिला आबकारी अधिकारी ने अलग-अलग थानों में मामले दर्ज कराए तथा आबकारी आयुक्त को पूरे मामले की जानकारी दी। बाद में अलग-अलग थानों में दर्ज मामलों को एसपी जय यादव के निर्देश पर साइबर थाने में शिफ्ट कर मामले की जांच कराई गई।

आबकारी विभाग में साढ़े आठ करोड़ के फ्रॉड मामले में चूरू की साइबर थाना पुलिस ने आबकारी एलडीसी सहित चार जनों को गिरफ्तार किया।

मामले में साइबर थाना पुलिस ने चार लोगों को गिरफ्तार कर उनसे करीब 4.5 करोड़़ रुपए की वसूली कर ली। अब तक 18 ठेकेदारों ने राशि जमा करवा दी। साइबर थाना प्रभारी सुभाषचंद्र ने बताया कि मामले में अजय कुमार पुत्र रतनसिंह जाट निवासी खेमाणा, राजगढ़, हाल वरिष्ठ सहायक आबकारी वृत्त राजगढ़ के अलावा विकास पुत्र रामस्वरूप यादव, रामपुरा बेरी, राजकुमार पुत्र माईधन निवासी बिरमी खालसा एवं नरेंद्रसिंह पुत्र सवाईसिंह निवासी नौसरिया को गिरफ्तार किया है।

विभाग के कार्मिक अजयकुमार ने साफ्टवेयर में सेंधमारी कर आबकारी विभाग में जमा होने वाली राशि का कुछ ठेकेदार एवं उनके पार्टनर से मिलकर गबन कर लिया। मामले का पता चलते ही कमेटी बनाकर संबंधित को नोटिस दिए तथा संबंधित थाने में एफआईआर भी दर्ज कराई गई। अब तक 18 ठेकेदारों ने राशि जमा करा दी। -लक्ष्मीनारायण, जिला आबकारी अधिकारी, चूरू

डीईओ की आईडी से ऑनलाइन राशि जमा दिखा देता था, सहयोगियों को भी देता था हिस्सा

साइबर थाना एसएचओ सुभाषचंद्र ने बताया कि जिले में 29 शराब के अनुज्ञाधारक हैं। नियमानुसार संबंधित ठेकेदार को राशि अपनी आईडी एवं पासवर्ड से बैंक में खुद जमा करानी होती है, लेकिन कुछ ठेकेदार एवं उनके पार्टनर विभाग के बाबू के लालच में आ गए। उसने झांसा दिया कि उसका बैंक में ऑनलाइन खाता है तथा आईडी भी है। वह राशि जमा करवा देगा। उसने झांसा व लालच देकर कुछ ठेकेदारों के पार्टनर को अपनी ओर मिला लिया।

ये पार्टनर ठेकेदारों से शुल्क की राशि जमा कराने के नाम पर लेकर अजय के पास पहुंच जाते। कार्मिक अजय डीओ की ऑनलाइन आईडी से संबंधित ठेकेदारों के लेजर में बिना चालान जमा कराए ही राशि क्रेडिट कर देता और राशि को अन्य सहयोगियों के साथ खुद हड़प लेता। चूंकि ठेकेदार की विभाग की लेजर में राशि जमा थी, इसलिए वे मदिरा का उठाव करते रहे।

विभाग ने मूल ठेकेदारों को दिया नोटिस, अब तक 4.5 करोड़ रुपए वसूले

विभाग में गबन के मामले का पता चलते ही जिला आबकारी अधिकारी लक्ष्मीनारायण ने कमेटी बना दी। मामले की सूचना आबकारी आयुक्त को दी गई। बाद में बिना चालान किए ही लेजर में क्रेडिट की राशियों के संबंध में ठेकेदारों को राशि जमा करवाने के लिए नोटिस दिए।

इसके बाद अब 18 ठेकेदारों ने करीब 4.5 करोड़ रुपए जमा करवा दिए हैं। लालच के कारण लाइसेंसधारी हुए धोखाधड़ी के शिकार

आबकारी विभाग के अनुसार मामले में सबसे ज्यादा नुकसान उन ठेकेदारों को हुआ, जिनके नाम से मदिरा की दुकान का लाइसेंस था। उन्हें अब नोटिस के बाद राशि जमा करानी पड़ रही है, जबकि उनके सहयोगी के कारण उन्हें व विभाग को नुकसान उठाना पड़ा।

Related Articles