जयपुर : जयपुर के एक निजी अस्पताल में एक ऐसी बच्ची ने जन्म लिया है, जिसके दोनों हाथ-पैर में कुल 24 अंगुलियां हैं। बच्ची के प्रत्येक हाथ-पैर में 6-6 अंगुलियां हैं। डॉक्टर्स का कहना है कि अमूमन दो अंगुलियां तो हो जाती हैं, लेकिन ऐसे मामले 10 लाख में से किसी एक में देखे जाते हैं। बच्ची बिल्कुल स्वस्थ है। रविवार को बच्ची और मां को हॉस्पिटल से डिस्चार्ज कर दिया गया।
बच्ची के पिता अजय कुमार जैन ने बताया- पत्नी निकिता जैन ने 7 नवंबर को बच्ची को जन्म दिया। बच्ची के दोनों हाथ-पैर में 1-1 अंगुली ज्यादा है। मां निकिता जैन ने बताया- बच्ची के जन्म से वह बहुत खुश हैं। हमारे इस बच्ची की 24 अंगुलिया हैं, जो हमारे जैन धर्म के 24 तीर्थंकरों का रूप है। जब मैं प्रेग्नेंट थी तब किसी भी दिन पूजा करना नहीं छोड़ा था। मैं मानती हूं कि इस बच्ची में कुछ तो स्पेशल है।
हमारे परिवार में किसी के हाथ-पैर में 6 अंगुलियां नहीं
पिता अजय कुमार जैन ने बताया- डॉक्टर से जानकारी मिली है कि बच्ची के 24 अंगुलियां हैं। हम सबको इससे अलग ही खुशी हुई। लोगों ने इसे देवी का रूप बताया। कहा- घर में लक्ष्मी का आगमन हुआ है। 7 नवंबर को शाम 5.11 बजे बच्ची का जन्म हुआ। हमारे परिवार में किसी भी सदस्य के हाथ-पैर में 6 अंगुलियां नहीं थी।
डॉक्टर ने बताया- कैसे गर्भ में होता है यह सब
दरअसल, इसे मेडिकल की भाषा में पॉलीडेक्टली 24 कहा जाता है। इसमें बच्चों के हाथ और पैर दोनों में ही अतिरिक्त अंगुली होती है। ज्यादातर केस में हाथ की छोटी अंगुली या पैर के अंगूठे की तरफ अतिरिक्त अंगुली होती है। यह बच्चे के जन्म से पहले ही विकसित हो जाती है। जब बच्चे के हाथ और पैर मां के गर्भ में पहली बार बनते हैं। उनका आकार दस्ताने जैसा होता है। इसके बाद अंगुलियां बनती है। इस दौरान ही यह अतिरिक्त अंगुली बन सकती है।
कोई भी बच्चा अतिरिक्त अंगुली के साथ में पैदा हो सकता है
गायनेकोलॉजिस्ट डॉक्टर मंजू चौधरी ने बताया- कोई भी बच्चा अतिरिक्त अंगुली के साथ पैदा हो सकता है। कई बार यह वंशानुगत भी होता है। डॉक्टर यह भी मानते हैं कि जिन बच्चों के अतिरिक्त अंगुली होती है। उन्हें अन्य बच्चों की तुलना में सेहत की समस्याएं भी कम होती है या न के बराबर होती है। यह वंशानुगत सिंड्रोम हो तो बच्चे को बीमारियां भी हो सकती है।
इससे बच्चों के आम जीवन में कोई परेशानी नहीं होती
डॉक्टर मंजू चौधरी ने बताया- कई बार डॉक्टर जन्म से पहले अल्ट्रासाउंड के जरिए इसका पता लगा लेते हैं। फिर जन्म के बाद इसका इलाज करते हैं। हालांकि बचपन में इसका इलाज करना आसान होता है। बच्चे की उम्र बड़ी होने लगती है तो इलाज में काफी परेशानी आती है। अंगुली की साइज बड़ी हो जाती है। हालांकि डॉक्टर कहते हैं कि इससे बच्चों के आम जीवन में कोई परेशानी नहीं होती है।
इससे कोई नुकसान नहीं, निकलवाने की जरूरत नहीं
डॉक्टर मंजू चौधरी ने बताया- अंगुली का अंगुली से जुड़ा होने को सिनडेक्टली और अलग होने को पॉलीडेक्टली कहा जाता है। इसका कोई नुकसान नहीं होता है। यह अनुवांशिक भी होती है। कुछ लोग इसके कारण अपने आप में झिझक जरूर रखते हैं। ऐसा करने की जरूरत नहीं।