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राजस्थान भाजपा नेता को सुप्रीम कोर्ट का आदेश- सरेंडर करें:2 सप्ताह का मिला टाइम; विधायक रहते हुए AEN-JEN पर हमले का आरोप


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राजस्थान भाजपा नेता को सुप्रीम कोर्ट का आदेश- सरेंडर करें:2 सप्ताह का मिला टाइम; विधायक रहते हुए AEN-JEN पर हमले का आरोप

राजस्थान भाजपा नेता को सुप्रीम कोर्ट का आदेश- सरेंडर करें:2 सप्ताह का मिला टाइम; विधायक रहते हुए AEN-JEN पर हमले का आरोप

जयपुर : सुप्रीम कोर्ट से पूर्व विधायक और भाजपा नेता गिर्राज सिंह मलिंगा को झटका लगा है। एईएएन-जेईएन मारपीट मामले में उन्हें 2 सप्ताह में सरेंडर करना होगा। कोर्ट के आदेशानुसार सरेंडर करने के 4 सप्ताह बाद मामले में सुनवाई शुरू होगी। शुक्रवार को जस्टिस वी. रामासुब्रमण्यम और अरविंद कुमार की बेंच ने उनकी जमानत पर हाईकोर्ट के आदेश पर लगी रोक को हटा लिया है।

अदालत ने मलिंगा से कहा- वह 2 सप्ताह में सरेंडर करे। उनके सरेंडर करने के 4 सप्ताह बाद अदालत मामले की सुनवाई करेगी। दरअसल, राजस्थान हाईकोर्ट के 5 जुलाई के जमानत को रद्द करने के आदेश पर सुप्रीम कोर्ट ने ही 22 जुलाई को रोक लगाई थी।

क्या है पूरा मामला ? धौलपुर के बाड़ी डिस्कॉम ऑफिस में 28 मार्च 2022 को AEN हर्षदापति और JEN नितिन गुलाटी के साथ मारपीट की घटना हुई थी। प्रकरण में एईएन हर्षदापति ने मलिंगा (तत्कालीन कांग्रेस विधायक) और अन्य के खिलाफ 29 मार्च को नामजद मारपीट, राजकार्य में बाधा और एससी-एसटी एक्ट में केस दर्ज कराया था। केस में 5 लोगों को गिरफ्तार किया गया था।

घटना के बाद तत्कालीन धौलपुर एसपी शिवराज मीणा का भी तबादला कर दिया गया था। बिजली विभाग के इंजीनियर्स के साथ मारपीट होने के बाद निगम के कर्मचारियों में आक्रोश भड़क गया था। उसके बाद गिर्राज मलिंगा ने 11 मई को जयपुर के तत्कालीन पुलिस कमिश्नर आनंद श्रीवास्तव के सामने सरेंडर किया था।

12 मई की दोपहर को उन्हें एससी-एसटी कोर्ट में पेश किया गया। जहां से कोर्ट ने मलिंगा को 15 दिन की ज्यूडिशियल कस्टडी में भेज दिया था।

हाईकोर्ट ने कहा था- जमानत का मिसयूज किया

धौलपुर के बाड़ी डिस्कॉम ऑफिस में AEN और JEN को पीटने के मामले में आरोपी गिर्राज सिंह मलिंगा को 17 मई 2022 को हाईकोर्ट ने ही जमानत दी थी। 5 जुलाई को AEN हर्षदापति की याचिका पर सुनवाई करते हुए अदालत ने माना कि मलिंगा ने जमानत का मिस यूज किया।

इसके चलते कोर्ट ने उनकी जमानत को निरस्त कर दिया था। हर्षदापति की ओर से कहा गया था कि मलिंगा ने कोर्ट से कोरोना का बहाना बनाकर जमानत का लाभ लिया था। जमानत मिलते ही उन्होंने जुलूस निकाला था। मामले में पीड़ित और गवाहों को धमकाया था। ऐसे में आरोपी की जमानत याचिका को निरस्त किया जाए।

गिर्राज सिंह मलिंगा तीन बार विधायक रहे हैं। उन पर पहले भी कई आरोप लगते रहे हैं।
गिर्राज सिंह मलिंगा तीन बार विधायक रहे हैं। उन पर पहले भी कई आरोप लगते रहे हैं।

बीजेपी के टिकट पर लड़ा था पिछला चुनाव

गिर्राज सिंह मलिंगा ने पिछला विधानसभा चुनाव बीजेपी के टिकट पर बाड़ी विधानसभा सीट से लड़ा था। लेकिन वे बसपा के जसवंत सिंह गुर्जर से चुनाव हार गए। इससे पहले मलिंगा लगातार 15 साल से इस सीट से विधायक रहे हैं।

पहली बार वे 2008 में बसपा के टिकट पर चुनाव लड़कर विधायक बने। इसके बाद उन्होंने कांग्रेस जॉइन कर ली। कांग्रेस के टिकट पर वे 2013 और 2018 में विधायक बने। लेकिन जब कांग्रेस ने उन्हें पिछले चुनावों में टिकट नहीं दिया तो उन्होंने कांग्रेस छोड़कर बीजेपी जॉइन कर ली थी।

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