टोडा : नीमकाथाना व कोटपूतली बहरोड़ जिले की सीमा पर स्थित ग्राम पंचायत लादी का बास की ढाणी सांझा में आजादी के 70 साल बाद भी बिजली नहीं पहुंची है। इससे ग्रामीणों को हर बार की तरह इस बार भी दीपकों की रोशनी में ही दीपावली मनानी पड़ी। आजादी के 70 साल बाद भी ग्रामीण लालटेन व चिमनी की रोशनी में जी रहे हैं। इन लोगों के बच्चे आज भी लालटेन व मोमबत्ती की रोशनी में ही पढ़ाई कर रहे हैं। हालांकि ढाणी के ग्रामीणों ने 17 अक्टूबर को कलेक्टर कार्यालय में जनसुनवाई में बिजली लगवाने की अपील भी कर चुके हैं।
ढाणी के लोगों का कहना है कि उनके साथ सरकार और प्रशासन के साथ बिजली निगम भी भेदभाव कर रहा है। ग्रामीणों का कहना है कि जब किसी अधिकारी को बिजली के लिए कहते हैं तो वे वन विभाग की जमीन होने की बात कह कर पल्ला झाड़ लेते हैं। ढाणी तक 40 फीट चौड़ी डामरीकृत सड़क भी पहुंच चुकी है।
सांझा की ढाणी के राजू वर्मा ने बताया कि वर्ष 2018 में सहायक अभियंता कार्यालय पाटन में घरेलू कनेक्शन के लिए गांव के लोगों ने पांच फाइलें जमा करवाई थी। वे स्वीकृत होने के बाद डिमांड नोटिस की राशि भी जमा करवा दी। उसके बाद बिजली निगम ने लाइन स्वीकृत कर दी थी। बिजली लाइन के लिए 55 खंभे भी सीकर से स्वीकृत कर ढाणी के पास डाल दिए गए, लेकिन निगम ने लाइन खींचने की बजाए उन खंभों को उठाकर अन्य लाइनों में लगा दिया।
2018 का मामला है। किस योजना के तहत लाइन स्वीकृत हुई थी, इसका पता कर रहे हैं। जल्दी समस्या का समाधान करेंगे। – नरेश सिंह नरूका, सहायक अभियंता, पाटन
ये मामला कलेक्टर कार्यालय में जनसुनवाई के दौरान भी आया था। घरेलू कनेक्शन के लिए पांच फाइलें भी जमा करने का बात सामने आई है। मामला 7 साल पुराना है। उनके क्षेत्राधिकार में 2 किलोमीटर तक ही 11केवी की लाइन खींचने का नियम है और ढाणी 3:30 किलोमीटर पड़ती है। मामले की जानकारी के अनुसार वन विभाग की जमीन ढाणी के बीच में होने की वजह से लाइन को तोड़ दिया गया था। अब मामले को दिखवा रहा हूं। यदि ऐसी कोई योजना है तो उसके तहत ढाणी में बिजली लगवाने की कोशिश करेंगे। – शीशराम वर्मा , अधीक्षण अभियंता, नीमकाथाना