एक ही परिवार के 12 जनाजे निकले:पति के इंतजार में 9 घंटे घर में रखे रहे शव, रात 11 बजे किए गए सुपुर्द-ए-खाक
एक ही परिवार के 12 जनाजे निकले:पति के इंतजार में 9 घंटे घर में रखे रहे शव, रात 11 बजे किए गए सुपुर्द-ए-खाक
धौलपुर : धौलपुर जिले के बाड़ी कस्बे के पास ही करीम कॉलोनी, गुमट में शनिवार की रात पहाड़ सी गुजरी। एक घर के आंगन में छह शव रखे रहे। इनका अंतिम संस्कार सोमवार सवेरे होगा। यह हादसा बाड़ी शहर से 8 किलोमीटर दूर सुन्नीपुर में 19 अक्टूबर की रात 11 बजे हुआ था। इमसें तीन परिवारों के 12 लोगों की मौत हो गई थी। एक 12 साल का बच्चा घायल हुआ है, जिसका जयपुर में इलाज चल रहा है। ये सभी लोग एक शादी समारोह से अपने घर लौट रहे थे। रविवार सुबह एक साथ इतने लोगों की मौत की खबर से हर कोई सन्न रह गया। सीएम भजन लाल ने भी घटना पर दुख जताते हुए परिवार को सांत्वना दी है।
हमारी मीडिया की टीम सोमवार दोपहर करीब 12 बजे करीम कॉलोनी में पहुंची। जहीर और नहनू आपस में चाचा-भतीजा हैं। दोनों का परिवार एक साथ रहता है। हादसे में परिवार के छह सदस्यों की मौत हो गई है। नहनू अहमदाबाद रहता है। उसके आने के बाद ही इनका अंतिम संस्कार किया जाएगा। पूरी रात ये शव घर के आंगन में रखे रहे और जहीर इनके पास बैठा सुबकता रहा। पूरे मोहल्ले में कोई सोया नहीं।
हादसे के बाद दोपहर में जब यहां पहुंचे तो पूरा माहौल गमगीन था। हम चाहते थे कि कोई हमसे बात करे। एक-दो लोगों से बात की, लेकिन वे कुछ बोलते उससे पहले ही उनके आंसू निकल जाते। होंठ बुदबुदाते और फिर चुप हो जाते। करीब 2 बजे बाड़ी अस्पताल की मॉर्च्युरी से 12 शव करीम कॉलोनी पहुंचे थे। एंबुलेंस से एक के बाद एक शव उतरते देख लोगों का दिल बैठता जा रहा था।
तीनों परिवार में जान गंवाने वालों में 8 बच्चे, 3 महिलाएं इस हादसे में इरफान का पूरा परिवार ही खत्म हो गया। खुद इरफान उर्फ बंटी (38), पत्नी जूली (34), बेटी आसमा (14), बेटा सलमान (8), साकिर (6) की मौत हो गई है। इरफान अपने छोटे भाई आसिफ के बेटे अजान (5) और सानिफ (13) को भी अपने साथ ले गया था। इसमें से आजान की मौत हो गई। वहीं सानिफ का जयपुर में इलाज चल रहा है।
जहीर खान के परिवार में दो लोगों की मौत हुई। जहीर की पत्नी परवीन (32) और उनके 10 साल के बेटे दानिश ने इस हादसे में अपनी जान गंवाई है।
जहीर के भतीजे नहनू के परिवार में 4 लोगों की मौत हुई। नहनू की पत्नी जरीना (35), बेटियां आसियाना (10), सूफी (7) और बेटा सानिफ (9) इसमें शामिल हैं।
करीम कॉलोनी शव पहुंचते ही इरफान के घर में उनके परिवार के 6 लोगों को सुपुर्द-ए-खाक करने की तैयारी शुरू हो गई। वहीं जहीर के घर से मृतकों को रविवार को नहीं दफनाया गया। नहनू घर पर नहीं है। वो अहमदाबाद में मॉर्बल फैक्ट्री में काम करता है। हादसे की सूचना मिलते ही ट्रेन से चला था। रविवार देर रात को ही पहुंचा और बाकी शवों को सुपुर्द-ए-खाक किया गया।
दोपहर 3 से शाम 4 बजे के बीच करीम कॉलोनी में लोगों की भीड़ बढ़ती जा रही थी। जहीर खान चौखट पर बैठे हुए थे। इनकी पत्नी परवीन (32) और उनके 10 साल के बेटे दानिश की मौत हुई है।
जहीर इतने सदमे में हैं कि उन्हें कुछ समझ ही नहीं आ रहा था कि क्या हो रहा है? क्या करना है? एक टक लोगों को देखे जा रहे थे। ना रो रहा था, ना ही कोई प्रतिक्रिया दे रहे थे। वहां आने वाले लोग उसे सांत्वना दे रहे थे, लेकिन जहीर अपनी ठोड़ी पर हाथ रखे गुमसुम बैठे थे।
जहीर खान के पड़ोस में रहने वाले जगन्नाथ कोली ने बताया- जहीर खान करीम कॉलोनी में टेलरिंग का काम करते हैं। मौसी के बेटे की शादी थी तो उन्होंने नहनू के परिवार के साथ ही अपने परिवार को भी समारोह में शामिल होने के लिए भेज दिया, लेकिन खुद नहीं गए। जहीर अब अकेले रह गए हैं। उनका पूरा परिवार उजड़ गया।
शाम करीब 5 बजे इरफान के घर से एक साथ 6 जनाजे कब्रिस्तान के लिए निकले। शाम 5:30 बजे मदीना मस्जिद के इमाम ने अंतिम नमाज पढ़ी। आसिफ ने अपने बेटे, भाई-भाभी, भतीजी और भतीजों को मिट्टी दी। आसिफ अब घायल बेटे सानिफ (13) के इलाज के लिए जयपुर रवाना हो चुका है। वहीं जहीर के घर अभी भी लोगों का तांता लगा हुआ है। पूरी कॉलोनी में मातम छाया हुआ है।
शादी समारोह से लौटते समय हुआ हादसा परिवार के करीब 15 लोग सरमथुरा इलाके के बरौली में बहन के घर भात भरने गए थे। शादी समारोह में शामिल होकर देर रात को सभी टेम्पो से बाड़ी (धौलपुर) लौट रहे थे। 19 अक्टूबर की रात करीब 11 बजे नेशनल हाईवे-11 बी पर सुन्नीपुर गांव के पास धौलपुर से जयपुर जा रही तेज रफ्तार बस ने टेम्पो को टक्कर मार दी।
हादसे के बाद मौके पर चीख पुकार मच गई थी। इस दौरान हाईवे से गुजर रहे दूसरे वाहन सवार मौके पर रुके और पुलिस को सूचना दी। पुलिस ने टेम्पो सवार लोगों को बाड़ी हॉस्पिटल पहुंचाया। हादसे में बस भी क्षतिग्रस्त हुई है, जिसे पुलिस ने कब्जे में ले लिया है।