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विशेष कमेटी तय करेगी क्षेत्र की कौन सी पहाड़ी अरावली रेंज में होगी शामिल, एनजीटी ने दिए निर्देश


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विशेष कमेटी तय करेगी क्षेत्र की कौन सी पहाड़ी अरावली रेंज में होगी शामिल, एनजीटी ने दिए निर्देश

विशेष कमेटी तय करेगी क्षेत्र की कौन सी पहाड़ी अरावली रेंज में होगी शामिल, एनजीटी ने दिए निर्देश

सीकर : सीकर अरावली की पहाड़ियों में खनन के मामले को लेकर एनजीटी ने फैसला सुनाया है। एनीजीटी भोपाल ने सुनवाई करते हुए अरावली की पहाड़ियों की श्रेणियों की परिभाषा को लेकर कमेटी गठित करने के निर्देश दिए हैं। ये कमेटी पूरे अरावली एरिया का सर्वे कर दो माह में रिपोर्ट देगी। इसके आधार पर ही तय किया जाएगा कि पहाड़ अरावली की श्रेणी में आता है या नहीं।

दरअसल दांतारामगढ़ तहसील की खोरा ग्राम पंचायत के खसरा नंबर 80 की पहाड़ियों में खदानें चल रही हैं, जो अरावली की पहाड़ियों की श्रेणी में आती हैं। हालांकि खनन विभाग के अधिकारी इन पहाड़ियों पर नियमों की पालना करते हुए लीज आवंटन की बात कह रहे हैं। उन्होंंने बताया कि दांतारामगढ़ एरिया में 12 खदान संचालित थीं। इनमें से 6 को सुप्रीम कोर्ट के आदेश पर बंद कर दिया था। बाकी की 6 खानें अब भी चल रही हैं। इनका आवंटन नियमों के अनुसार किया गया है। एनजीटी भोपाल ने केंद्रीय पर्यावरण, वन और जलवायु परिवर्तन मंत्रालय के सचिव, दिल्ली, हरियाणा, राजस्थान और गुजरात के वन विभाग सचिव और भारतीय वन सर्वेक्षण का एक प्रतिनिधि तथा केंद्रीय अधिकार प्राप्त समिति के एक-एक प्रतिनिधि को कमेटी का सदस्य नियुक्त किया है।

समुद्र तल से 100 मी. ऊंची पहाड़ी अरावली श्रेणी में, इन पर माइनिंग गैर कानूनी

खनन विभाग के अनुसार जिस पहाड़ी की ऊंचाई समुद्र तल से 100 मीटर ऊंची है, वो पहाड़ियां अरावली श्रेणी में आती है। अरावली की पहाड़ियों में खनन के लिए लीज आवंटित नहीं की जा सकती। इसके बाद भी बड़ी संख्या में ऐसी लीज आवंटित हुई हैं। दांतारामगढ़ एरिया का प्रकरण भी इसी तरह का है। एनजीटी को की गई शिकायत के अनुसार अरावली में लीज आंवटन में विभाग द्वारा अनियमितता बरती गई है। कई पहाड़ी 100 मीटर से ऊंची हैं, लेकिन विभाग ने ऊंचाई की गणना सही नहीं की। आरोप है कि उन पहाड़ी की ऊंचाई का नाप चोटी से करनी चाहिए, लेकिन ऐसा नहीं किया गया है। दांतारामगढ़ क्षेत्र में दिन 6 खानें अरावली श्रेणी में हैं। लेकिन विभागीय अधिकारियों के अनुसार जब उनका आवंटन किया गया था तब 100 मीटर ऊंचाई श्रेणी तय नहीं की गई थी। नियमानुसार ये आवंटन सही हैं।

सीकर-नीमकाथाना जिले में पत्थरों की खदानें है, जहां भारी मात्रा में अवैध तरीके से खनन किया जा रहा है। यही वजह है कि अरावली पहाड़ियां छलनी हो चुकी है। रैवासा, दांतारामगढ, गणेश्वर, बालेश्वर एरिया की पहाड़ियां अरावली श्रेणियों में आती है। इसके बाद भी इनमें अवैध तरीके से पत्थर निकाल रहे है। दांतारामगढ़ एरिया में जो लीजे है, वो भी अरावली श्रेणी में आती है। विभागीय अधिकारियों के अनुसार वो लीजे नियमों के मुताबिक आवंटित है। गौरतलब है कि मामले को लेकर एनजीटी कलेक्टर सहित खनन, परिवहन विभाग तक को नोटिस दे चुकी है।

क्षेत्र में जिन पहाड़ियों पर खनन चल रहा है, वे नियमानुसार ही आवंटित की गई हैं। हालांकि कमेटी द्वारा सर्वे करने के बाद जो रिपोर्ट दी जाएगी। उसके आधार पर ही आगे से श्रेणी तय होगी। – छगनलाल सैन, एएमई, खनन विभाग

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