चूरू : राजस्थान राज्य में हाथ से मैला उठाने वाले कार्मिकों के नियोजन का प्रतिषेध और उनका पुनर्वास नियम 2013 (एम. एस. एक्ट 2013) के अन्तर्गत अस्वच्छ शौचालय एवं मैन्युवल स्केवेन्जर्स (हाथ से मैला उठाने वाले व्यक्तियों) के सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता मंत्रालय, नई दिल्ली द्वारा करवाए जा रहे सर्वे में कोई भी व्यक्ति जिले में मैला उठाने वाला नहीं पाया गया है।
सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता विभाग के सहायक निदेशक नगेंद्र सिंह राठौड़ ने बताया कि यदि किसी व्यक्ति तक सर्वे टीम नहीं पहुंच पाई हो अथवा कोई मैला उठाने वाला व्यक्ति सर्वे से वंचित रह गया हो तो वह संबंधित एसडीएम या बीडीओ कार्यालय में अपना वितरण उपलब्ध करवाकर सर्वे में शामिल हो सकता है।
उन्होंने बताया कि हाथ से मैला उठाने से तात्पर्य किसी समय अस्वच्छ शौचालय, खुली नाली, गड्ढे, ऎसे स्थान या परिसरों से जिनको केन्द्रीय या राज्य सरकार अधिसूचित करे ऎसे स्थानों, परिसरों से मल-मूल को पूर्णतया विघटित होने से पूर्व हाथ से सफाई करने, उसके निपटान में, किसी रीति से उठाने के लिए किसी व्यक्ति, स्थानीय प्राधिकरी या अभिकरण द्वारा किसी व्यक्ति को नियोजित किया जाता है तो वह कार्य हाथ से मैला उठाने की प्रकृति का है। अगर यह कार्य ऎसी युक्तियों की सहायता से, संरक्षात्मक साधनों के उपयोग से अस्वच्छ शौचालय, खुली नाली, गड्ढ़े, ऎसे स्थान या परिसरों से जिनको केन्द्रीय या राज्य सरकार अधिसूचित करके लगाया जाता है तो वह व्यक्ति हाथ से मैला उठाने वाला कर्मी नहीं समझा जाएगा।