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हेल्थ डिपार्टमेंट ने की मेडिकल स्टोर पर कार्रवाई:37 रुपए का प्रोटीन का डिब्बा 400 रुपए बेचा जा रहा है


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हेल्थ डिपार्टमेंट ने की मेडिकल स्टोर पर कार्रवाई:37 रुपए का प्रोटीन का डिब्बा 400 रुपए बेचा जा रहा है

हेल्थ डिपार्टमेंट ने की मेडिकल स्टोर पर कार्रवाई:37 रुपए का प्रोटीन का डिब्बा 400 रुपए बेचा जा रहा है

सवाई माधोपुर : मेडिकल स्टोर संचालक लोगों को किस तरह लूट रहे हैं, इसकी बानगी सवाई माधोपुर में गुरुवार शाम को खाद्य सुरक्षा टीम की कार्रवाई में सामने आई। मेडिकल स्टोर संचालकों की ओर से लोकल ब्रांड का 37 रुपए का प्रोटीन का डिब्बा 400 रुपए, 30 रुपए की सिरप लोगों को 156 रुपए में बेचकर चांदी कूट रहे है।

त्यौंहारी सीजन में राज्य सरकार के आदेश पर कलेक्टर शुभम चौधरी एवं CMHO डॉक्टर धर्मसिंह मीणा के निर्देशन में खाद्य सुरक्षा टीम की ओर से जिले में शुद्ध के लिए युद्ध अभियान चलाया जा रहा है। अभियान के तहत खाद्य सुरक्षा विभाग की टीम ने गुरुवार शाम को खाद्य निरीक्षक वीरेन्द्र सिंह के नेतृत्व में बजरिया एमपी कॉलोनी स्थित जे.के. मेडिकल एजेंसी पर कार्रवाई की। टीम ने मेडिकल से दो डिब्बे प्रोटीन व खाना हजम करने की 40 सिरप जब्त की एवं नमूने लेने की कार्रवाई की। टीम ने मेडिकल की दुकान से जो प्रोटीन का डिब्बा जब्त किया, उसकी ओरिजनल कीमत 37 रुपए है, जबकी बाजार में मेडिकल की दुकानों पर यह 4 सौ रुपए प्रिंट रेट पर ग्राहकों को बेचा जा रहा है। इसी तरह टीम की ओर से जब्त सिरप की ओरिजनल कीमत 30 रुपए है, जबकि बाजार में 156 रुपए में बेची जा रही है।

खाद्य निरीक्षक विरेंद्र सिंह ने बताया कि टीम ने जे.के. मेडिकल एजेंसी पर छापेमार कार्रवाई की गई और प्रोटीन व सिरप जब्त कर सेंपल लिए गए। मेडिकल स्टोर संचालक द्वारा जिस प्रोटीन के डिब्बे की ओरिजनल कीमत 37 रुपए है उसे 4 सौ रुपए एवं जिस सिरप की कीमत 30 रुपए है उसे 156 रुपए में बेचा जा रहा है। प्रोटीन के डिब्बे और सिरप पर प्रिंट रेट भी बाजार में बेचे जा रहे दाम के ही है,जबकि उनकी ओरिजनल कीमत बहुत कम है। खाद्य सुरक्षा टीम की इस कार्रवाई से यह सामने आया कि फार्मा कम्पनियों से लेकर डॉक्टरों, मेडिकल एजेंसी ओर मेडिकल स्टोर का कमीशन फिक्स है, जो लोगों की जेब पर भारी पड़ रहा है।

मेडिकल स्टोर पर बेचा जा रहा प्रोटीन का डिब्बा।
मेडिकल स्टोर पर बेचा जा रहा प्रोटीन का डिब्बा।

कथित डॉक्टरों व नीम हकीम से नहीं कराए उपचार

क्योंकि ये लोकल ब्रांड की दवा या प्रोडक्ट लिखते हैं, जिन्हें मेडिकल संचालक द्वारा असली कीमत से अधिक अंकित एमआरपी राशि पर बेचा जाता है। दवाओं की लूट से बचने के लिए केन्द्र सरकार ने जन औषधि केन्द्र खोल रखे हैं, जहां ब्रांडेड प्रोडक्ट या दवाईयां बाजार से लगभग 70 से 80 प्रतिशत तक सस्ती दर पर मिलती है। विशेषज्ञ चिकित्सक से परामर्श के बाद ब्रांडेड प्रोटिन सहित विभिन्न प्रोडक्ट व दवाईयां जन औषधि केन्द्र से क्रय कर मेडिकल माफियाओं की आर्थिक लूट से बचा जा सकता है। इस मेडिकल लूट से बचने के लिए आमजन जन औषधि केन्द्रों से बाजार भाव से सस्ती दरों पर ब्रांडेड कम्पनी के प्रोटीन सहित विभिन्न प्रोडक्ट व दवाईयां खरीद सकते हैं।

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