वायरल वीडियो का मामला:1997 मॉडल की महिंद्रा की जीप में कंपनी फिटेड 16 नंबर टायर की जगह दोगुने चौड़े लगाए, छत भी हटा दी, रजिस्ट्रेशन निलंबित
वायरल वीडियो का मामला:1997 मॉडल की महिंद्रा की जीप में कंपनी फिटेड 16 नंबर टायर की जगह दोगुने चौड़े लगाए, छत भी हटा दी, रजिस्ट्रेशन निलंबित

जयपुर : डिप्टी सीएम प्रेमचंद बैरवा के बेटे का जीप चलाते हुए वायरल हुआ वीडियो का मामला थम ही नहीं रहा है। परिवहन विभाग ने बैरवा के बेटे चिन्मय का चालान काटने के बाद बुधवार को जीप की आरसी भी रद्द कर दी। विभाग ने यह कार्रवाई मोटर वाहन अधिनियम 1989 की धारा 194ए और 53 (प्रथम) ए के तहत की है। यानी आपने क्षमता से अधिक यात्रियों को वाहन में बैठाया है और वाहन में बदलाव कर उसे सार्वजनिक स्थान पर चलाया, जिससे चालक और आमजन की जान को जोखिम हुआ है।
बता दें कि वायरल वीडियो में जीप में जो टायर दिख रहे हैं वह वाहनों में लगने वाले टायरों से दोगुना चौड़े हैं। जीप की छत भी गायब है। आरसी डीटीओ रमेश मीना ने निलंबित की है। एआरटीओ प्रकाश टेहलयानी ने बताया कि जीप का पहला रजिस्ट्रेशन नवंबर 1997 को हुआ था।
कार्तिकेय भारद्वाज इसका चौथा मालिक है। 21 दिन पहले काटे गए चालान में पुलिस ने ऑल्ट्रेशन, बिना सीट बेल्ट, खतरनाक तरीके से ड्राइविंग को आधार मानते हुए चालान बनाया था। इसमें धारा-53 (प्रथम) ए के तहत वाहन स्वामी के खिलाफ 5000 रुपए और वाहन चला रहे बैरवा के बेटे चिन्मय पर 2000 रुपए का जुर्माना किया था। चिन्मय का सीट बेल्ट के गाड़ी चलाने और खतरनाक ड्राइविंग की धारा (94-बी) में चालान काटा था। कार्तिकेय पर ऑल्ट्रेशन के लिए जुर्माना लगाया था। चिन्मय ने जुर्माना चुका दिया है।
रेसिंग कारों में लगने वाले टायर लगाए
टेहलयानी ने बताया कि जीप में दो बड़े बदलाव किए हैं। पहला जीप की सॉफ्ट टॉप (छत) और सेफ्टी सीट बेल्ट को हटा दिया है। कंपनी इस तरह का हुट (गोले में) लगाकर देती है।
शहर की सड़कों पर दौड़ रही कई मॉडिफाई कारें
शहर की सड़कों पर इस तरह के बदलाव की कई जीप दौड़ रही हैं, जिनमें इस तरह के मॉडिफिकेशन (वाहनों के प्रोटोटाइप से छेड़छाड़) किए गए हैं। विभाग ने जीप के मूल स्वरूप में छेड़छाड़ पर यह कार्रवाई की है। ऐसे में सवाल उठता है कि क्या विभाग सड़कों पर दौड़ रहे इस तरह के सभी वाहनों पर कार्रवाई करेगा?
दूसरा टायर 16 की जगह 19 नंबर के लगे हैं, मड/ऑफ रोडिंग/ब्रॉड टायर कहलाते हैं। ये पहाड़ों और रेसिंग कारों में इस्तेमाल होते हैं। सुधार के बाद आरसी बहाल हो सकती है।