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जज बोले- तहसीलदार की सरकारी कार कुर्क की जाए:एक्सीडेंट केस में 12 साल से नहीं चुकाए 1.50 लाख; दो बार हो चुकी है कुर्की


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जज बोले- तहसीलदार की सरकारी कार कुर्क की जाए:एक्सीडेंट केस में 12 साल से नहीं चुकाए 1.50 लाख; दो बार हो चुकी है कुर्की

जज बोले- तहसीलदार की सरकारी कार कुर्क की जाए:एक्सीडेंट केस में 12 साल से नहीं चुकाए 1.50 लाख; दो बार हो चुकी है कुर्की

बयाना (भरतपुर) : 17 साल पहले जुगाड़ (किसान वाहन) से बाइक सवार दो लोगों का एक्सीडेंट हुआ। कोर्ट ने कहा कि कलेक्टर और DTO ऐसे वाहनों के खिलाफ कार्रवाई नहीं करते, इसलिए हादसे के लिए वे भी जिम्मेदार हैं। लिहाजा मुआवजे की एक तिहाई राशि कलेक्टर-डीटीओ चुकाएंगे। 12 साल से सरकारी अधिकारी आदेश टालते जा रहे हैं। शुक्रवार को जज ने सरकारी कार कुर्क करने के आदेश दे दिए।

मामला भरतपुर के बयाना का है। मोटर वाहन दुर्घटना दावा अधिकरण (अपर जिला एवं सेशन न्यायाधीश सं.-1) बयाना के आदेश पर तहसीलदार की कार शुक्रवार को कुर्क कर बयाना थाना इंचार्ज के सुपुर्द कर थाने में खड़ी कर दी गई।

बयाना थाने में तहसीलदार की सरकारी बोलेरो कार कुर्की के बाद।
बयाना थाने में तहसीलदार की सरकारी बोलेरो कार कुर्की के बाद।

2007 में जुगाड़ ने बाइक को मारी थी टक्कर

एडवोकेट हितेंद्र पटेल ने बताया- 17 साल पहले 17 नवंबर 2007 को बयाना थाना इलाके के गांव भंभूरी के रहने वाले बने सिंह और दीवान सिंह एक रिश्तेदार की शादी के कार्ड बांटने बाइक पर निकले थे। दमदमा में कार्ड बांटकर वे बयाना लौट रहे थे।

बयाना की ओर आते एक जुगाड़ ने बाइक को टक्कर मार दी। हादसे में बने की टांग कट गई। दीवान सिंह के सिर में चोट लगी। बयाना थाने में केस दर्ज कराया गया। जुगाड़ के ड्राइवर के खिलाफ चार्जशीट पेश की गई।

मामला मोटर वाहन दुर्घटना दावा अधिकरण (अपर जिला एवं सेशन न्यायाधीश सं.-1) के सामने आया। पीड़ित पक्ष ने मुआवजे की मांग करते हुए याचिका पेश की। तत्कालीन पीठासीन ऑफिसर ने कमलचंद नाहर ने पीड़ित के पक्ष में 4.50 लाख का अवार्ड जारी कर दिया।

इस राशि में से एक तिहाई राशि (1.50 लाख) जिला कलेक्टर और जिला परिवहन अधिकारी (डीटीओ) को चुकाने का आदेश दिया गया। जज ने कहा- आपकी लापरवाही के कारण इलाके में जुगाड़ चल रहे हैं। आप इनके खिलाफ कार्रवाई नहीं करते। इसलिए मुआवजे की 30 परसेंट राशि आप पीड़ित को देंगे। बाकी राशि जुगाड़ का मालिक देगा।

मोटर वाहन दुर्घटना दावा अधिकरण (अपर जिला एवं सेशन न्यायाधीश सं.-1) ने जारी किया आदेश।
मोटर वाहन दुर्घटना दावा अधिकरण (अपर जिला एवं सेशन न्यायाधीश सं.-1) ने जारी किया आदेश।

आरोपी जुगाड़ मालिक ने राशि भरी, कलेक्टर-डीटीओ ने नहीं

आदेश पर जुगाड़ मालिक ने राशि (3 लाख) अदा कर दी। लेकिन जिला कलेक्टर और जिला परिवहन अधिकारी ने आज तक डेढ़ लाख रुपए राशि पीड़ित को नहीं दी। पिछले साल दिसंबर में प्राधिकरण ने सरकारी गाड़ी को कुर्क करने का आदेश देते हुए कहा- तहसीलदार बयाना की गाड़ी को कुर्क कर पीड़ित पक्ष को राशि चुकाई जाए।

आदेश पर 12 दिसंबर 2023 को तहसीलदार की गाड़ी कुर्क कर ली गई। इस कार्रवाई के खिलाफ तत्कालीन तहसीलदार ने एप्लीकेशन देकर कहा- यह राजकीय वाहन है, सरकारी काम में आता है। कुर्क किए जाने के बाद से सरकारी काम अटक रहे हैं। हमें एक महीने की मोहलत दी जाए। हम राशि दे देंगे।

प्राधिकरण ने एप्लीकेशन मंजूर करते हुए एक महीने की मोहलत दे दी। लेकिन 9 महीने तक पीड़ित पक्ष को राशि नहीं दी गई।

इसके बाद शुक्रवार 4 अक्टूबर को प्राधिकरण ने दोबारा बयाना तहसीलदार की गाड़ी को कुर्क करने के आदेश जारी किए। इसके बाद प्राधिकरण के सहायक नाजिर रामअवतार गुप्ता ने कल शाम 6 बजे तहसीलदार की गाड़ी को कुर्क किया और बयाना थाने के सुपुर्द कर दिया। तहसीलदार की कार अब बयाना थाने में खड़ी है।

बयाना केतवाली थाना के एचएम शांतिलाल मीणा ने बताया- तहसीलदार की गाड़ी को न्यायालय अपर जिला न्यायाधीश संख्या 1 के आदेश पर कुर्क कर बयाना थाना परिसर में खड़ा कर दिया है।

जिला प्रशासन 17 साल में क्लेम के डेढ़ लाख रुपए नहीं चुका पाया।
जिला प्रशासन 17 साल में क्लेम के डेढ़ लाख रुपए नहीं चुका पाया।

तहसीलदार बोले- क्लेम राशि के लिए बजट ही नहीं आ रहा

कार्रवाई के बाद बयाना तहसीलदार विनोद कुमार मीना ने कहा- इस मामले में राज्य सरकार के स्तर से परिवहन विभाग को बजट आना है, लेकिन बजट नहीं मिलने के कारण क्लेम राशि अदा नहीं कर पा रहे हैं। वैसे भी तहसील कार्यालय का इस मामले से कोई सीधा संबंध नहीं है।

लेकिन जिला कलेक्टर का प्रतिनिधि होने के नाते तहसीलदार कार्यालय की गाड़ी को कुर्क किया गया है। गाड़ी कुर्क होने से अब फील्ड में नहीं जा पा रहे हैं, इससे राजकार्य प्रभावित होगा।

12 दिसंबर को कोर्ट ने गाड़ी कुर्क करने के आदेश दिए। तहसीलदार ने एक महीने में राशि अदा करने के लिए कहा। मगर कई महीनों के बाद भी राशि जमा नहीं हुई। ~ हितेंद्र पटेल अधिवक्ता

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