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समरथ को नहीं दोष गुसाईं…….


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झुंझुनूंटॉप न्यूज़राजस्थानराज्य

समरथ को नहीं दोष गुसाईं…….

समरथ को नहीं दोष गुसाईं.......

संत तुलसीदास जी रामचरित मानस में जो उपरोक्त चौपाई लिख कर गये है आज के परिवेश में सजा याफ़्ता मुजरिम राम रहीम पर फिट बैठती है । जब सरकारे सता सुख को लेकर ऐसे मुजरिम को चुनावों के समय पैरोल पर छोड़ देती है तो प्रश्न उठने लाजिमी है । संगीन मामले में सजा याफ़्ता का बार बार जेल से बाहर आना क्या हमारे सिस्टम में कहीं न कहीं लोचा तो नहीं या फिर सता की देहरी तक पहुंचने की सीढ़ी के तौर पर राम रहीम का उपयोग किया जा रहा है । इडी के मामले में बहुत से राजनेता जेल में थे उनको जमानत का इस बात को लेकर विरोध किया जाता रहा है कि उनको जमानत मिलने से केस प्रभावित हो सकता है । जबकि राम रहीम के मामले में पूरा सता सिस्टम प्रभावित हो रहा है शायद यह उनको नहीं दिखाई दे रहा है । भयमुक्त, अपराध मुक्त , भ्रष्टाचार पर जीरो टॉलरेंस का आलाप करने वाली भाजपा सरकार राम रहीम को बार बार जेल से बाहर कर समाज व अपराधियों को क्या संदेश देना चाह रही है यह समझ से परे है । हरियाणा सरकार जेल के कानून कायदों का हवाला देकर अपना पल्ला नहीं झाड़ सकती । यह डर कहीं न कहीं सता सरकने का है जिससे भयभीत अपराधी को बार बार छोड़ा जा रहा है । आखिर हरियाणा में चुनाव व राम रहीम की पैरोल का चोली दामन का साथ है या यह कहें कि जब मन किया राम रहीम जेल से बाहर आ सकता है ।‌ राम रहीम के हरियाणा में दलित समुदाय के लाखों अनुयाई हैं । सूत्रों की मानें तो चुनाव आयोग ने पाबंद किया है कि न तो राम रहीम चुनाव प्रचार का हिस्सा बनेगा और न ही सोशल मीडिया पर किसी राजनीतिक दल के समर्थन में चुनावो से संबधित पोस्ट डालेगा इसके साथ ही हरियाणा में भी दाखिले पर रोक रहेगी । राम रहीम ने 20 दिन पैरोल की मांग की थी । उसने जेल विभाग को दिये आवेदन में यह कहा था कि वह यूपी के बरनावा आश्रम में रहेगा । राम रहीम को चार साल में 11 बार पैरोल मिली है । दिलचस्प बात यह है कि इनमें 8 बार ठीक चुनावों से पहले रियायत दी गई ।

हरियाणा की 90 सीटों पर चुनाव होने हैं । हरियाणा में चुनाव से पहले राम रहीम की पैरोल इस लिए अहम है कि सिरसा, फतेहाबाद, कैथल, हिसार, कुरूक्षेत्र, दादरी , करनाल, पानीपत, अंबाला और भिवानी इलाकों में डेरा सच्चा सौदा का बेहद प्रभाव है । करीब 35 विधानसभा सीटों पर डेरे का सीधा प्रभाव देखने को मिलता है ।

अब राम रहीम की पैरोल को लेकर यही कहा जा सकता है समरथ को नहीं दोष गुसाईं……….

राजेन्द्र शर्मा झेरलीवाला, वरिष्ठ पत्रकार व सामाजिक चिंतक

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