[pj-news-ticker post_cat="breaking-news"]

झुंझुनूं की बेटी ने देश में पहले स्थान पर:राइटिंग प्रतियोगिता में फर्स्ट रैंक प्राप्त की, अंतरराष्ट्रीय लेवल पर लेगी हिस्सा


निष्पक्ष निर्भीक निरंतर
  • Download App from
  • google-playstore
  • apple-playstore
  • jm-qr-code
X
झुंझुनूंटॉप न्यूज़राजस्थानराज्य

झुंझुनूं की बेटी ने देश में पहले स्थान पर:राइटिंग प्रतियोगिता में फर्स्ट रैंक प्राप्त की, अंतरराष्ट्रीय लेवल पर लेगी हिस्सा

झुंझुनूं की बेटी ने देश में पहले स्थान पर:राइटिंग प्रतियोगिता में फर्स्ट रैंक प्राप्त की, अंतरराष्ट्रीय लेवल पर लेगी हिस्सा

झुंझुनूं : राष्ट्रीय लेटर राइटिंग प्रतियोगिता में झुंझुनूं के इंदिरा नगर की रहने वाली अनुशा चौधरी ने ऑल इंडिया फर्स्ट रैंक प्राप्त की है। ये प्रतियोगिता भारतीय डाक व तार विभाग द्वारा आयोजित करवाई गई थी। प्रतियोगिता आयोजन 10 मार्च 2024 को हुआ था। अब इस प्रतियोगिता का परिणाम जारी हुआ है। डाक अधीक्षक ने अनुशा को पत्र के जरिए उनको प्रथम स्थान प्राप्त करने की जानकारी दी है। अनुशा को जयपुर में 9 अक्टूबर को होने वाले समारोह में चीफ पोस्ट मास्टर जनरल पुरस्कार से सम्मानित करेंगे।

राइटिंग प्रतियोगिता में फर्स्ट रैंक प्राप्त की
राइटिंग प्रतियोगिता में फर्स्ट रैंक प्राप्त की

प्रशस्ति पत्र व 25 हजार रुपए नकद इनाम मिलेगा

समारोह में प्रशस्ति पत्र व 25 हजार रुपए नकद इनाम दिया जाएगा। अनुशा चौधरी झुंझुनूं के प्रसिद्ध डॉक्टर डॉ. अशोक चौधरी व डॉ.अर्षा चौधरी की बेटी हैं। अनुशा डूंडलोद पब्लिक स्कूल की स्टूडेंट है। फिलहाल 7वीं कक्षा में अध्ययनरत है। बेटी की सफलता पर परिवार में खुशी का माहौल है।

अनुशा चौधरी ने बताया कि मेरी राइटिंग 5वीं कक्षा डेवलप हो गई थी। मेरी हॉबी केशियो, चेस खेलना और किताबे पढ़ना है। प्रतियोगिता की जानकारी मुझे मेरी स्कूल से मिली थी। मेरे घरवालाें ने बहुत सहयोग किया। मेरे पिता ने मुझे सुझाव दिया था और होमो सैंपियंस नाम की किताब दी थी। मम्मी ने मुझे मेरे बर्थडे पर यह बुक गिफ्ट की थी।

अपने माता पिता के साथ अनुसा चौधरी
अपने माता पिता के साथ अनुसा चौधरी

इन बुक से मुझे बहुत मदद मिली। हमारी स्कूल के प्रिंसिपल सतवीर सर ने बहुत मोटिवेट किया और मदद की थी। जो लेटर लिखकर में प्रिंसिपल सर को दिखाती थी। वो उसे एडिट करके मुझे बताते थे कि इसी और अच्छा कैसे कर सकते है।

नेशनल और इंटरनेशनल लेवल पर आयोजित हुई प्रतियोगिता

प्रतियोगिता सर्कल, नेशनल और इंटरनेशनल लेवल पर हुई थी। अभी नेशनल पर मैं फर्स्ट हूं। ये लेटर 800 शब्दों में लिखा गया था। समराइज करके लिखूं तो टेक्नोलॉजी के हिसाब से हमने कितनी प्रोग्रेस की है। आगे भी एआई और रोबोट्स की मदद से कितनी प्रगति कर सकते हैं।

बड़ी बहन के साथ अनुसा चौधरी
बड़ी बहन के साथ अनुसा चौधरी

मां डॉ. अर्षा चौधरी ने बताया कि बहुत खुशी है कि मेरे बेटी ने ऑल इंडिया फर्स्ट रैंक हासिल की है। हर माता पिता का सपना होता है कि उनके बच्चे अच्छी प्रोग्रेस करे। माता पिता का नाम रोशन करे।

मैंने अपने बच्चां को शुरू से ही एडिटिंग और राइटिंग की आदत डाली है। स्कूल की तरफ से खूब मदद की गई है। बर्थडे और फेस्टिवल पर अपने बच्चों को बुक गिफ्ट करते है। हर बच्चे में काबिलियत होती है। अपने आप में विशेष होते है। बच्चों में छुपी कला को पहचानने की जरूरत होती है।

हमारी बेटी में राइटिंग स्किल है तो उसी तरफ प्रोत्साहित कर रहे है। मेरी बड़ी बेटी भी बहुत बड़ी ऑडिटर है, डिस्ट्रिक्ट से लेकर राष्ट्रीय स्तर पर वाद विवाद प्रतियोगिता में प्रथम रही है। इससे छोटी बेटी को बहुत बड़ी मदद मिली है।

राइटिंग प्रतियोगिता में फर्स्ट रैंक प्राप्त की, अंतरराष्ट्रीय लेवल पर लेगी हिस्सा
राइटिंग प्रतियोगिता में फर्स्ट रैंक प्राप्त की, अंतरराष्ट्रीय लेवल पर लेगी हिस्सा

हमेशा अपने विचार और ख्यालों में खोई रहती है

अनुशा लगातार एक महीने तक लेटर लिखने की कोशिश करती रही। हमेशा अपने विचार और ख्यालों में खोई रहती है और वो रोचक बातें करती है। मैने उसको राइटिंग के लिए डायरी रखने के लिए प्रोत्साहित किया था। विचारों को डायरी में लिखने के लिए कहा था। अपने सभी आइडिए अपनी डायरी में लिखती थी। मेरी बेटी ने उसे ही अपना बेस बनाया और राष्ट्रीय स्तर पर सिलेक्शन हो गया। मेरी बेटी ने राष्ट्रीय लेवल की प्रतियोगिता में हिस्सा लिया था। जो सिलेक्ट हुए वो अन्तर्राष्ट्रीय स्तर तक जाएंगे।

इसकी जानकारी हमें डूंडलोद पब्लिक स्कूल के प्रिंसिपल सतवीर सर ने दी थी। उन्होंने कहा कि था कि सीबीएसई की सभी स्कूलें इसमें भाग ले रही है। अनुशा की अच्छी राइटिंग है। मदद करेंगे तो निश्चित ही अपने को गौरव हासिल होगा।

पिता डॉ. अशोक चौधरी ने कहा कि सभी बच्चाें के माता पिता चाहते है कि उनके बच्चे संस्कारवान बनें। पढ़ लिखकर उनका नाम रोशन करें। सभी बच्चे अपने माता पिता को फॉलो करते है। उन्हें देखकर ही बच्चे सीखते है। मैंने पिता होने के नाते इस बात का ध्यान रखा है।

Related Articles