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उपराष्ट्रपति बोले-देशसेवा को निजी और राजनीतिक स्वार्थ से ऊपर रखें:पंडित दीनदयाल के मूर्ति अनावरण समारोह में कहा-आपातकाल में लोगों के अधिकार छीने थे, देश अंधकार में था


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उपराष्ट्रपति बोले-देशसेवा को निजी और राजनीतिक स्वार्थ से ऊपर रखें:पंडित दीनदयाल के मूर्ति अनावरण समारोह में कहा-आपातकाल में लोगों के अधिकार छीने थे, देश अंधकार में था

उपराष्ट्रपति बोले-देशसेवा को निजी और राजनीतिक स्वार्थ से ऊपर रखें:पंडित दीनदयाल के मूर्ति अनावरण समारोह में कहा-आपातकाल में लोगों के अधिकार छीने थे, देश अंधकार में था

सीकर : पंडित दीनदयाल उपाध्याय की 108वीं जयंती पर उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ ने कहा- हमें पंडित जी की सोच और दर्शन को समझना चाहिए। राष्ट्रहित और देश सेवा को निजी व राजनीतिक स्वार्थ से ऊपर रखें। जो हमारे देश को नुकसान पहुंचता है वह हमारा हितैषी नहीं है।

उप राष्ट्रपति ने सीकर के पंडित दीनदयाल उपाध्याय शेखावाटी विश्वविद्यालय में दीनदयाल उपाध्याय की मूर्ति का अनावरण किया। यहां ज्ञान उद्यान का लोकार्पण और ‘एक पेड़ मां के नाम’ अभियान के तहत पौधारोपण भी किया। कार्यक्रम में राज्यपाल हरिभाऊ बागडे और डिप्टी सीएम प्रेमचंद बैरवा भी मौजूद रहें।

पंडित दीनदयाल उपाध्याय की मूर्ति का अनावरण करते हुए उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ , राज्यपाल हरिभाऊ बागडे और डिप्टी सीएम प्रेमचंद बैरवा।
पंडित दीनदयाल उपाध्याय की मूर्ति का अनावरण करते हुए उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ , राज्यपाल हरिभाऊ बागडे और डिप्टी सीएम प्रेमचंद बैरवा।

आपातकाल का कालाखंड न भूले नौजवान

उप राष्ट्रपति आपातकाल की बात करते हुए बोले- मैं नवयुवकों से कहूंगा कि,आप आपातकाल का कालाखंड कभी मत भूलिए। इसको देखते हुए ही 26 नवंबर को संविधान दिवस मनाया जाता है। आप संविधान की गरिमा और अहमियत समझिए।

धनखड़ बोले- आपातकाल के दौरान हमारे साथ क्या हुआ। कितना बड़ा खिलवाड़ हुआ और देश कहां से कहां पहुंच गया। कितना अंधकार में चला गया और कैसे लोग जेल में चले गए। आजादी को 18 साल भी नहीं हुए थे लेकिन एक व्यक्ति विशेष ने केवल अपनी इच्छापूर्ति के लिए और अपने पद को बचाने के लिए लाखों लोगों के अधिकारों को एक तरीके से कूड़ेदान में पटक दिया था।

उन्होंने कहा-संविधान हत्या दिवस, 25 जून को मनाया जाता है। सोचना पड़ेगा कि भारत जैसे प्रजातंत्र में हजारों साल की संस्कृति, विरासत का धनी भारत कैसे एक व्यक्ति के सामने नतमस्तक हो गया कि कोई भी रक्षा के लिए नहीं आया।

पहले बिना भ्रष्टाचार के कोई काम नहीं होता था। अब बिचौलिए गायब हो गए हैं। ~ जगदीप धनखड़ उप राष्ट्रपति

कानून क्या करेगा, की धारणा को मिटाया

धनखड़ ने कि कहा- ‘नेवर फियर फेलियर।’ यदि चंद्रयान-2 असफल होता तो चंद्रयान 3 की आवश्यकता नहीं होती। चंद्रयान 2 बहुत हद तक सफल हुआ। उसे भी कुछ लोगों ने फेलियर बता दिया। कोई भी फेलियर आंशिक सफलता है। वह सफलता की सीढ़ी है।

आज चारों तरफ एक होड लगी है। कोचिंग सेंटर में जा रहे हैं और सरकारी नौकरी के अलावा कोई ऑप्शन नहीं है। आपका अपॉर्चुनिटी बास्केट बहुत बड़ा है। आईएमएफ कहता है कि भारत इज फेवरेट डेस्टिनेशन फॉर इन्वेस्टमेंट एंड अपॉर्चुनिटी। वह सरकारी नौकरी की वजह से नहीं कह रहा है। पहले कानून के सामने हर कोई एक नहीं था। कुछ लोग कानून से ऊपर थे और कानून उनका कुछ भी नहीं बिगाड़ सकता था। ऐसी धारणा बन गई थी तो कानून क्या करेगा। अब वह धारणा धाराशाही हो गई है।

भ्रष्टाचार के बिना कोई काम नहीं होता था

पहले बिना भ्रष्टाचार के कोई काम नहीं होता था। अब बिचौलिए गायब हो गए हैं। इसमें तकनीकी ने बहुत बड़ा सहयोग दिया है। आज के दिन हम जिस भारत को देख रहे हैं। वह भारत तीव्र गति से अग्रसर है। चारों तरफ हम देखते हैं जल,थल, आकाश और अंतरिक्ष हमारी प्रगति प्रत्याशित और सोच के परे हैं।

'एक पेड़ मां के नाम' अभियान के तहत पौधारोपण करते हुए उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़।
‘एक पेड़ मां के नाम’ अभियान के तहत पौधारोपण करते हुए उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़।

तीसरी महाशक्ति बनने जा रहा भारत

मैंने देखा है वह जमाना,जब मुझे डर लगता था। जब 89 में मैं लोकसभा का सदस्य और केंद्र में मंत्री बना तो अर्थव्यवस्था लंदन से भी छोटी थी। अब आने वाले 2 साल में जापान और जर्मनी से आगे जाकर दुनिया की तीसरी महाशक्ति बनने जा रहे हैं। अब यह देश रुकने वाला नहीं है लेकिन कुछ लोग बाधा उत्पन्न करना चाहते हैं। आप चुप मत रहिए और राष्ट्रवाद को ध्यान में रखते हुए हर हाल में इस बात का ध्यान कीजिए कि हम राष्ट्र के प्रति पूरी तरह समर्पित रहे। हम भारतीय हैं और भारतीयता हमारी पहचान है। राष्ट्र धर्म हमारा सबसे बड़ा धर्म है।

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