कृत्रिम जोड़ प्रत्यारोपण का मामला:64 साल के मरीज को लगाया कृत्रिम जबड़ा, 40 साल बाद मुंह खुला, अब 20 साल से कोई परेशानी नहीं
कृत्रिम जोड़ प्रत्यारोपण का मामला:64 साल के मरीज को लगाया कृत्रिम जबड़ा, 40 साल बाद मुंह खुला, अब 20 साल से कोई परेशानी नहीं

जयपुर : हिप और घुटने के बाद जबड़े का जोड़ प्रत्यारोपण करने में दंत चिकित्सकों ने कामयाबी हासिल की है। आरयूएचएस कॉलेज ऑफ डेंटल साइंसेज जयपुर के डॉक्टरों की टीम ने दौसा निवासी 64 वर्षीय टेंपोरल मेंडीबुलर ज्वाइंट (टीएमजे) एंकाइलोसिस नामक बीमारी से पीड़ित मरीज का ऑपरेशन के जरिए पहली बार जबड़े का जोड़ बदला गया है।
बीमारी में नीचे का जबड़ा, खोपड़ी की हड्डी से जुड़ जाने के कारण मुंह नहीं खुल पाता था, लेकिन पिछले माह ऑपरेशन के बाद अब न केवल आसानी से मुंह खुल रहा है बल्कि खाने-पीने में भी दिक्कत नहीं है। यह ऑपरेशन 5 घंटे तक चला। ऑपरेशन ओरल एवं मेक्सिलो फेसियल सर्जरी विभाग के डॉ. संकल्प मित्तल के निर्देशन में जयपुरिया के बेहोशी के डॉ. केके शांडिल्य का विशेष सहयोग रहा।
ऐसे किया ऑपरेशन
इस बीमारी का इलाज ऑपरेशन ही है, जिसमें चेहरे की नसों को बचाते हुए हड्डी काट के जबड़े को खोपड़ी से अलग किया जाता है। कृत्रिम जोड़ टाइटेनियम का बना होता है, जो 15 से 20 साल तक आसानी से चल जाता है। मुंह नहीं खुलने के कारण बेहोश करते समय ऑक्सीजन की नली डालना एक चुनौती रहता है।
पेड़ से गिरने पर लगी थी चोट
डॉक्टरों के अनुसार गांव में 40 साल पहले मरीज पेड़ से गिए गए थे, जिससे उनके जबड़े में चोट लगने से मुंह नहीं खुल रहा था। धीरे-धीरे कम होता गया। ऐसे में खाना खाने में दिक्कत होने लगी। और तरल पदार्थों से ही गुजारा करने लगें। मुंह खुलना पूरी तरह से बंद होने पर किसी के कहने पर इलाज के लिए जयपुर पहुंचे। फिर जांच में टीएमजे एंकाइलोसिस पाया गया।