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राजेश पायलट की पुण्यतिथि, गहलोत खेमे के कई नेता पहुंचे:8 सांसदों, 24 विधायकों ने दी श्रद्धांजलि; सचिन बोले- कार्यकर्ताओं की मेहनत से चुनाव जीते


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राजेश पायलट की पुण्यतिथि, गहलोत खेमे के कई नेता पहुंचे:8 सांसदों, 24 विधायकों ने दी श्रद्धांजलि; सचिन बोले- कार्यकर्ताओं की मेहनत से चुनाव जीते

राजेश पायलट की पुण्यतिथि, गहलोत खेमे के कई नेता पहुंचे:8 सांसदों, 24 विधायकों ने दी श्रद्धांजलि; सचिन बोले- कार्यकर्ताओं की मेहनत से चुनाव जीते

दौसा : पूर्व केंद्रीय मंत्री राजेश पायलट की 24वीं पुण्यतिथि पर मंगलवार को सर्वधर्म प्रार्थना और पुष्पांजलि कार्यक्रम हुआ। दौसा जिले के जीरोता गांव में बने स्मारक पर हुए कार्यक्रम में सचिन पायलट समेत बड़ी संख्या में कांग्रेस विधायक और नेता भी मौजूद रहे। खास बात ये रही कि कांग्रेस के सभी आठों सांसद इस कार्यक्रम में मौजूद थे। इसके अलावा गहलोत खेमे के भी कई नेता पायलट के साथ दिखे। सर्वधर्म प्रार्थना और पुष्पांजलि कार्यक्रम में सभी सांसदों, विधायकों और पूर्व विधायकों के पहुंचने के बाद कई सियासी मायने भी निकाले जा रहे हैं।

सर्वधर्म प्रार्थना सभा में कांग्रेस के आठों सांसद, बड़ी संख्या में विधायक और कांग्रेस नेता मौजूद रहे। गहलोत खेमे के कई नेता भी कार्यक्रम में पहुंचे।
सर्वधर्म प्रार्थना सभा में कांग्रेस के आठों सांसद, बड़ी संख्या में विधायक और कांग्रेस नेता मौजूद रहे। गहलोत खेमे के कई नेता भी कार्यक्रम में पहुंचे।

आठ सांसदों के पहुंचने के सियासी मायने
कांग्रेस के आठों सांसदों का राजेश पायलट की पुण्यतिथि के प्रोग्राम में पहुंचने के सियासी मायने हैं। इस कार्यक्रम में गहलोत खेमे में रहे कई नेता भी पहुंचे। इसे बदले हुए सियासी समीकरणों से जोड़कर देखा जा रहा है। पांच सांसद पायलट खेमे के जीतकर आए हैं। राजस्थान कांग्रेस की सियासत में अशोक गहलोत और सचिन पायलट खेमों के बीच शुरू से खींचतान चलती रही है। आगे भी इन खेमों की सियासत ही नरेटिव तय करेगी। इसके अलावा गहलोते खेमे में रहे परसराम मोरदिया भी इस कार्यक्रम में थे।

हरीश चौधरी और पायलट साथ, नए गठजोड़ का मैसेज
सचिन पायलट खेमे को हरीश चौधरी का भी साथ मिला है। दोनों के साथ आने से नए सियासी समीकरण भी बन रहे हैं। दरअसल, हरीश चौधरी और अशोक गहलोत के बीच सरकार के वक्त से ही खींचतान थी। हरीश चौधरी ने कई मुद्दों पर गहलोत के खिलाफ बयान दिए। अब भी कई मुद्दों पर मतभेद हैं।

हरीश चौधरी और सचिन पायलट के बीच काफी समय से नजदीकियां बढ़ने लगी हैं। इन दोनों नेताओं के गठजोड़ से नए समीकरण बना रहे हैं। हरीश चौधरी ने हनुमान बेनीवाल की पार्टी से गठजोड़ का विरोध किया था। इसके बाद बाड़मेर में उम्मेदाराम बेनीवाल को RLP से कांग्रेस में शामिल करवा लिया था।

दौसा के जीरोता में राजेश पायलट के स्मृति स्मारक पर बैठे सचिन पायलट और अन्य नेता।
दौसा के जीरोता में राजेश पायलट के स्मृति स्मारक पर बैठे सचिन पायलट और अन्य नेता।

पायलट बोले- कार्यकर्ता मेहनत नहीं करते तो सफलता नहीं मिलती
कार्यक्रम के बाद पायलट ने मीडिया से बातचीत की। पूर्वी राजस्थान में कांग्रेस की वापसी के सवाल पर कहा- जो भी लोग चुनाव जीते हैं, वह पार्टी के सिंबल पर जीतकर आए हैं। पार्टी ने उन्हें मौका दिया था। चुनाव में जीत का श्रेय नेताओं के साथ विशेष तौर पर पार्टी कार्यकर्ताओं को जाता है। यदि कार्यकर्ता बूथ पर मेहनत नहीं करते तो हमें सफलता नहीं मिलती। सबके सहयोग और सामूहिक नेतृत्व की मेहनत से ही जीते हैं। जहां हम चुनाव हारे हैं, वहां अगली बार ज्यादा मेहनत करेंगे।

नीट रिजल्ट के सवाल पर पायलट ने कहा- कई प्रकार के आरोप लग रहे हैं। सरकार ने जो स्पष्टीकरण दिया है, वह बिल्कुल भी संतोषजनक नहीं है। अपने बच्चों के भविष्य को लेकर लाखों परिवार चिंतित हैं। सरकार को बिल्कुल भी चिंता नहीं है।

पायलट ने कहा- भेदभाव की राजनीति नहीं चलेगी
लोकसभा चुनाव में राजस्थान के परिणाम को लेकर पायलट ने कहा- बहुत सारे एग्जिट पोल और कई तरह की बातों से अलग अप्रत्याशित परिणाम आए हैं। उत्तर प्रदेश, हरियाणा और राजस्थान जैसे राज्यों में डबल इंजन की सरकार को किसानों और नौजवानों ने स्पष्ट संदेश दिया है। अभी गठजोड़ की सरकार बनी है। किसी भी दल को स्पष्ट बहुमत नहीं मिला है।

चुनाव के परिणाम से राजनीतिक संदेश आया है कि दमन, प्रतिशोध, आक्रमण और भेदभाव की राजनीति नहीं चलेगी। पूर्व में संसद में जिस तरह 147 सांसदों को एक साथ निलंबित किया गया। मैं समझता हूं, इस तरह की कार्रवाई को लोगों ने पसंद नहीं किया।

राजेश पायलट की पुण्यतिथि पर पहली बार जीरोता गांव के स्मारक पर कार्यक्रम हुआ।
राजेश पायलट की पुण्यतिथि पर पहली बार जीरोता गांव के स्मारक पर कार्यक्रम हुआ।

नई सरकार के गठन पर पायलट बोले- सरकार का गठन कल-परसों में ही हुआ है, लेकिन अभी से कई दलों में आशंका पैदा हुई है। कोई शपथ लेने से मना कर रहा है, ऐसे में खींचतान शुरू हो गई है। अब समय बताएगा कि सरकार कितनी चलती है और कितना कामयाब होती है। कांग्रेस में राहुल गांधी, मल्लिकार्जुन खड़गे और हम सबने मिलकर जो मेहनत की है उसका परिणाम आया है कि आज कांग्रेस के 100 सांसद है। कांग्रेस पार्टी के लिए लोकसभा के परिणाम कुछ हद तक संतोषजनक है।

इस दौरान मणिपुर हिंसा को लेकर भी पायलट ने कहा- सरकार को बहुत पहले सचेत होना चाहिए था। किसी भी राजनेता, दल या सरकार को विनम्रता का परिचय देना चाहिए और जनता के अरमानों को पूरा करने की कोशिश करनी चाहिए। 10 साल से घमंड और अहंकार की सरकार थी। जनता ने आदेश दिया है कि घमंड को त्याग कर समर्पण भाव से काम करने की जरूरत है।

पायलट के साथ कांग्रेस के कई एमएलए और नेता भी मौजूद रहे। इनमें गहलोत खेमे के नेता भी शामिल हैं।
पायलट के साथ कांग्रेस के कई एमएलए और नेता भी मौजूद रहे। इनमें गहलोत खेमे के नेता भी शामिल हैं।

कांग्रेस के आठों सांसद सर्वधर्म प्रार्थना में पहुंचे
झुंझूनूं सांसद बृजेन्द्र ओला, दौसा सांसद मुरारीलाल मीणा, टोंक-सवाई माधोपुर सांसद हरीश मीना, करौली-धौलपुर सांसद भजनलाल जाटव, भरतपुर सांसद संजना जाटव, चूरू सांसद राहुल कस्वां, गंगानगर सांसद कुलदीप इन्दौरा और बाड़मेर विधायक उम्मेदाराम बेनीवाल सर्वधर्म प्रार्थना सभा में पहुंचे

ये विधायक रहे मौजूद
बायतू विधायक हरीश चौधरी, दांतारामगढ़ विधायक वीरेन्द्र सिंह, नीमकाथाना विधायक सुरेश मोदी, तारानगर विधायक नरेन्द्र बुढानिया, लाडनूं विधायक मुकेश भाकर, परबतसर विधायक रामनिवास गावड़िया, किशनपोल विधायक अमीन कागजी, राजाखेड़ा विधायक रोहित बोहरा, कुशलगढ़ विधायक रमिला खड़िया, मंडावा विधायक रीटा चौधरी, रामगढ़ विधायक जुबेर खान, रानीवाड़ा विधायक रतन देवासी, डूंगरपुर विधायक गणेश घोघरा, सरदारशहर विधायक अनिल शर्मा, फुलेरा विधायक विद्याधर चौधरी, हिंडौन विधायक अनिता जाटव, शाहपुरा विधायक मनीष यादव, मुंडावर ललित यादव, किशनगढ़ विधायक विकास चौधरी, राजगढ़-लक्ष्मणगढ़ विधायक मांगीलाल मीणा, खानपुर विधायक सुरेश गुर्जर, बसेड़ी विधायक संजय जाटव, श्रीकरणपुर विधायक रूपिन्द्र सिंह कुन्नर, संगरिया विधायक अभिमन्यु पूनिया शामिल हुए।

बड़ी संख्या में कई पूर्व मंत्री और पूर्व विधायक मौजूद रहेंगे
इसके अलावा हेमाराम चौधरी, परसराम मोरदिया, बृजकिशोर शर्मा, प्रताप सिंह खाचरियावास, ममता भूपेश, जाहिदा खान, नसीम अख्तर, कृष्णा पूनिया, जोगेन्द्र अवाना, धीरज गुर्जर, महेश शर्मा, संदीप यादव, वाजिब अली, लाखन मीणा, गफूर अहमद, मदनगोपाल मेघवाल, गंगा देवी, जी.आर. खटाणा, पी.आर. मीणा, प्रशांत बैरवा, वेदप्रकाश सोलंकी, कैलाश मीणा, राकेश पारीक, ओमप्रकाश हुड़ला, अमरसिंह जाटव, प्रकाश बैरवा, कमल बैरवा, महेन्द्र मीणा, रामचन्द्र रावत, रामस्वरूप कसाना, इन्द्राज गुर्जर, दिलीप चौधरी, प्रकाश चौधरी, दाताराम गुर्जर, राजेन्द्र गंडूरा, अशोक तंवर के साथ ही कई सांसद प्रत्याशी और अन्य नेता मौजूद रहे।

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