[pj-news-ticker post_cat="breaking-news"]

छह चिकित्सा संस्थानों पर तीन लाख का जुर्माना:एक का आवेदन निरस्त, क्लीनिकल एस्टेब्लिशमेंट एक्ट का कर रहे थे उल्लंघन


निष्पक्ष निर्भीक निरंतर
  • Download App from
  • google-playstore
  • apple-playstore
  • jm-qr-code
X
झुंझुनूंटॉप न्यूज़राजस्थानराज्य

छह चिकित्सा संस्थानों पर तीन लाख का जुर्माना:एक का आवेदन निरस्त, क्लीनिकल एस्टेब्लिशमेंट एक्ट का कर रहे थे उल्लंघन

छह चिकित्सा संस्थानों पर तीन लाख का जुर्माना:एक का आवेदन निरस्त, क्लीनिकल एस्टेब्लिशमेंट एक्ट का कर रहे थे उल्लंघन

झुंझुनूं : कलेक्टर चिन्मयी गोपाल ने 6 चिकित्सा संस्थानों पर 3 लाख 20 हजार रुपए का जुर्माना लगाया है। इसके अलावा एक लैब का आवेदन भी निरस्त कर दिया है। ये कार्रवाई क्लिनिकल एस्टेब्लिशमेंट एक्ट की पालना नहीं करने पर की गई है।

एक्ट की पालना के लिए 22 मई को जिला कलेक्टर की अध्यक्षता वाली जिला रजिस्ट्रीकरण प्राधिकरण कमेटी की बैठक हुई थी। जिसमें झुंझनूं जिला मुख्यालय स्थित आरएनजेपी डायग्नोस्टिक सेंटर, रविंद्र अस्पताल में संचालित लैब, चिड़ावा के सरकारी अस्पताल के सामने स्थित भारत लैब और सीसीएल लैब पर किए गए निरीक्षण में बिना रजिस्ट्रेशन पाए जाने एवं एक्ट की पालना नहीं करने पर 50-50 हजार रुपए जुर्माना लगाया है। यह जुर्माना पहली बार निरीक्षण में एक्ट के मानकों के अनुरूप सेवाएं व संसाधन नहीं मिलने पर लगाया गया।

दोबारा एक्ट के उल्लंघन पर दो लाख लगेगा जुर्माना

दोबारा एक्ट के उल्लंघन पर दो लाख तक का और इसके बाद भी पालना नहीं होने पर 5 लाख रूपए तक का जुर्माना लगाया जा सकता है। जिला कलेक्टर चिन्मयी गोपाल ने सीएमएचओ को इस मामले में किसी प्रकार की कोताही नहीं बरतने के निर्देश दिए हैं। निरंतर लैब के निरीक्षण करने के निर्देश दिए हैं।

जिला कलेक्टर ने माइक्रो केयर लैब का आवेदन भी निरस्त कर दिया है। क्योंकि लैब संचालक द्वारा आवेदन के बाद स्मरण पत्र भेजने के बाद भी निर्धारित दस्तावेजों की पूर्ति नहीं की गई। साथ ही चिड़ावा स्थित पायल अस्पताल एवं डायग्नोस्टिक सेंटर और झुंझुनू जिला मुख्यालय स्थित बालाजी ऑर्थाेपेडिक्स एवं जनरल अस्पताल पर भी बिना रजिस्ट्रेशन के लैब संचालित करने एवं एक्ट के न्यूनतम मानकों के अनुरूप सेवाएं नहीं देने के चलते दोनों पर 60-60 हजार रुपए की पेनाल्टी लगाई गई है। सीएमएचओ डॉक्टर राजकुमार डांगी ने बताया कि इस प्रकार के निरीक्षण जिले भर में नियमित तौर पर किए जाएंगे। साथ ही एक्ट की पालना नहीं करने वाले लैब एवं डायग्नोस्टिक सेंटर के मालिकों के विरोध एक्ट के प्रावधान अनुसार पेनाल्टी लगाते हुए कानूनी कार्रवाई की जाएगी।

Related Articles