अब खैर नहीं:डमी कैंडिडेट्स रोकने की बड़ी तैयारी, सरकार सभी भर्ती परीक्षाओं में लागू करेगी फेस आईडी, आंखों की पुतलियां तक मैच होंगी
अब खैर नहीं:डमी कैंडिडेट्स रोकने की बड़ी तैयारी, सरकार सभी भर्ती परीक्षाओं में लागू करेगी फेस आईडी, आंखों की पुतलियां तक मैच होंगी

जयपुर : प्रदेश की भजनलाल सरकार परीक्षाओं में डमी कैंडिडेट्स रोकने का बड़ा इलाज रही है। डीओआईटी विभाग एवं सी फेस ने मिलकर ऑथेंटिकेशन नाम का एप तैयार किया है। यह एप आसानी से परीक्षा केंद्र पर डमी या फर्जी अभ्यर्थी पकड़ लेगा। आरपीएससी व राजस्थान कर्मचारी चयन बोर्ड की परीक्षाओं में इसका इस्तेमाल होगा। आरपीएससी में इसकी ट्रेनिंग प्रक्रिया भी शुरू हो गई है। चयन बोर्ड में भी जल्द होगी।
इस तकनीक का इस्तेमाल सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता की छात्रों की स्कॉलरशिप, बुजुर्ग, विधवा, महिला पेंशन, किसान किट देने, कार्यालयाें में उपस्थिति आदि में भी किया जाएगा। डीओआईटी ने ट्रायल शुरू कर दिया है। डीओआईटी सचिव आरती डोगरा ने बताया कि हमारा डीओआईटी एंड सीफेस आॅथेंटिकेशन तैयार है। आरपीएससी के साथ सभी विभागों को इसकी ट्रेनिंग दे रहे हैं। इससे वेरिफिकेशन बहुत आसान हो जाएगा।
यूआईडीएआई के डेटा से जुड़ा है एप, तुरंत हो जाएगी परीक्षार्थी की जांच
डीओआईटी के संयुक्त निदेशक रणवीर सिंह ने बताया कि परीक्षा केंद्राें पर एप अधिकृत लोगों के फोन से जोड़ा जाएगा जो आधार से लिंक रहेगा। यह एप परीक्षा केंद्र पर लाइव चेहरा स्कैन करेगा और इसे यूनिक आईडेंटिफिकेशन अथॉरिटी ऑफ इंडिया (यूआईडीएआई) को भेजेगा। वहां आधार के डेटा से चेहरा और आंखों की पुतलियां मैच करेगा। कुछ सेकेंड में स्पष्ट हो जाएगा कि परीक्षार्थी असली है या डमी कैंडिडेट। इस एप को आसानी से प्ले स्टोर से भी डाउनलोड किया जा सकेगा। सिर्फ जांचने का सिस्टम कर्मचारियों के पास होगा।
अब तक कोई फूलप्रूफ सिस्टम नहीं: राजस्थान में अब तक परीक्षा में डमी अभ्यर्थियों को पकड़ने का फूलप्रूफ सिस्टम नहीं है। फॉर्म में लगाए गए फोटो को ही परीक्षा केंद्रों पर मैच किया जाता रहा है। पेपरलीक माफिया लगातार इसका फायदा उठाते रहे हैं।
बुजुर्गों को जीवित होने का सबूत देने को चक्कर नहीं लगाने पड़ेंगे: इस एप से पेंशन पाने बुजुर्गों को हर साल जीवित होने का प्रमाण देने के लिए दफ्तरों व ई-मित्र के चक्कर नहीं लगाने होंगे। एप पर फेस स्कैन कर जीवित होने का प्रमाण दिया जा सकेगा। अन्य योजनाओं में भी इसी तरह इसका प्रयोग किया जा सकेगा।