कोटा में बीटेक स्टूडेंट ने फंदा लगाकर जान दी:पीजी में रहकर कर रहा था ऑनलाइन तैयारी, 12 दिन में तीसरा सुसाइड
कोटा में बीटेक स्टूडेंट ने फंदा लगाकर जान दी:पीजी में रहकर कर रहा था ऑनलाइन तैयारी, 12 दिन में तीसरा सुसाइड

कोटा : कोटा में कोचिंग स्टूडेंट्स के सुसाइड के मामले लगातार बढ़ते जा रहे है। पिछले 12 दिन में तीसरा सुसाइड केस सामने आया है। 27 साल का स्टूडेंट अपने पीजी में पंखे से फंदा लगाकर फांसी पर लटका मिला। कमरे के बाहर टिफिन रखा होने पर घटना का पता चला। फिलहाल सुसाइड के कारण का पता नहीं चला है।
विज्ञान नगर थाना SHO कौशल्या ने बताया- स्टूडेंट नूर मोहम्मद यूपी के गोंडा जिले के वीरपुर का रहने वाला था। कोटा शहर के विज्ञान नगर थाना क्षेत्र में पीजी में रहता था। पीजी संचालक की सूचना पर पुलिस मौके पर पहुंची। शव को फंदे से उतारकर एमबीएस हॉस्पिटल की मॉच्यूरी में रखवाया गया है। परिजनों के आने पर पोस्टमार्टम करवाया जाएगा।

कमरे के बाहर मिला टिफिन
पुलिस ने बताया कि स्टूडेंट मैस से टिफिन मंगवाता था। 31 जनवरी को मैस वाला कमरे के बाहर टिफिन रखकर चला गया। एक फरवरी की शाम को वह वापस टिफिन लेकर आया। इस बीच पहले वाला टिफिन कमरे के बाहर ही रखा मिला। उसे खोलकर देखा तो वह भरा हुआ था।
पंखे से फंदा लगाकर लटका
कमरा खटखटाने पर स्टूडेंट ने नहीं खोला। इस पर टिफिन वाले ने पीजी संचालक को बताया। संचालक ने खिड़की से झांक कर देखा तो स्टूडेंट पंखे से फंदा लगाकर फांसी पर लटका था। सूचना पर पुलिस पहुंची और गेट तोड़कर शव को नीचे उतारा। संभावना है कि स्टूडेंट ने 31 जनवरी को ही सुसाइड कर लिया था, जिसका पता एक फरवरी को लगा। शव को मॉच्यूरी में रखवाया गया।
बीटेक में सिलेक्शन, चेन्नई में मिला था कॉलेज
SHO ने बताया- स्टूडेंट ने वर्तमान में किसी कोचिंग में एडमिशन नहीं ले रखा था। फोन पर उसके परिवार से संपर्क किया। परिवार से मिली जानकारी अनुसार उसका बीटेक में सिलेक्शन हुआ है और चेन्नई में कॉलेज मिला हुआ है। कोटा में रहकर ऑनलाइन क्लास ले रहा था। यही बात उसने दोस्तों को भी बता रखी थी।
2016 से कोटा में था
डीएसपी धर्मवीर ने बताया- स्टूडेंट ने साल 2016 से 2019 तक कोटा के एक कोंचिंग से जेईई की पढ़ाई की थी। साल 2019 के बाद उसका कोटा में किसी भी कोचिंग में एडमिशन नहीं हुआ था। ऑनलाइन पढ़ाई की बात सामने आई है। परिजनों के कोटा आने के बाद पूरी जानकारी सामने आएगी।
एक साल में तीसरा सुसाइड
कोटा में साल 2024 में स्टूडेंट्स के सुसाइड की यह तीसरी घटना है। इससे पहले एक छात्रा ने 29 जनवरी को फंदे से लटककर जान दे दी थी। 12वीं क्लास की स्टूडेंट निहारिका JEE की तैयारी कर रही थी। वहीं NEET की तैयारी कर रहे स्टूडेंट ने 23 जनवरी को सुसाइड कर लिया था। मोहमद जैद (19) उत्तरप्रदेश के मुरादाबाद का रहने वाला था। कोटा के जवाहर नगर थाना क्षेत्र के न्यू राजीव गांधी नगर इलाके में वह एक हॉस्टल में रहता था। उसने हॉस्टल के कमरे में फांसी का फंदा लगा लिया था। 24 जनवरी को घटना का पता चला था।
पिछले साल 26 सुसाइड हुए
- 14 जनवरी: यूपी निवासी अली राजा ने सुसाइड किया था। वह कोटा में JEE की तैयारी कर रहा था। वह पिछले 1 महीने से कोचिंग नहीं जा रहा था।
- 15 जनवरी: उत्तरप्रदेश के प्रयागराज के रहने वाले रणजीत (22) ने फंदा लगाकर सुसाइड किया था। उसके पास सुसाइड नोट मिला था। लिखा था- मैं विष्णु का अंश हूं, मैं भगवान से मिलने जा रहा हूं।
- 8 फरवरी: कुन्हाड़ी थाना क्षेत्र के लैंडमार्क सिटी इलाके में एक छात्रा ने मल्टी स्टोरी बिल्डिंग के 10वें माले से कूदकर सुसाइड कर लिया। छात्रा कृष्णा (17) बाड़मेर की रहने वाली थी।
- 8 फरवरी: उत्तरप्रदेश के धनेश कुमार ने फांसी लगाई थी। वह 3 महीने पहले ही कोटा आया था।
- 24 फरवरी: यूपी के बदायूं के रहने वाले 17 साल के अभिषेक ने फंदा लगाकर खुदकुशी कर ली थी। वह दो साल से कोटा में रह रहा था। अभिषेक NEET की तैयारी कर रहा था।
- 26 अप्रैल: राशि जैन (19) ने हॉस्टल के रूम में फंदा लगाया था। वह मध्यप्रदेश के सागर की रहने वाली थी। जो एक साल से कोटा में रहकर NEET की कोचिंग कर रही थी।
- 8 मई: स्टूडेंट नासिर (22) बेंगलुरु का निवासी था। उसने मल्टी स्टोरी बिल्डिंग के 10वें माले से कूदकर सुसाइड कर लिया। वह सुसाइड के एक दिन पहले जयपुर में NEET का एग्जाम देकर आया था।
- 11 मई: धनेश कुमार (15) ने हॉस्टल में फंदा लगाकर सुसाइड कर लिया था। स्टूडेंट 11वीं क्लास में पढ़ता था। NEET की तैयारी कर रहा था।
- 12 मई: बिहार के पटना निवासी नवलेश (17) ने हॉस्टल में फांसी लगाकर सुसाइड किया था। नवलेश 12वीं की पढ़ाई के साथ नीट की तैयारी कर रहा था।
- 24 मई: कुन्हाड़ी थाना क्षेत्र में बिहार के नांलदा के रहने वाले आर्यन (16) ने फांसी लगाकर सुसाइड किया था। वह नीट की तैयारी कर रहा था।
- 7 जून: पश्चिम बंगाल के कुरोलिया निवासी 18 साल के परितोष कोहिरी की संदिग्ध मौत हो गई। वह निजी कोचिंग से नीट की तैयारी कर रहा था।
- 12 जून: महाराष्ट्र निवासी 17 साल के भार्गव केशव ने कमरे में फांसी लगा ली। वो 2 महीने से JEE की तैयारी कर रहा था।
- 16 जून: बिहार के समस्तीपुर निवासी रोशन (21) ने सुसाइड किया था। उसने NEET का एग्जाम दिया था। जिसमें फेल हो गया था।
- 27 जून: यूपी के जोनपुर निवासी आदित्य (17) ने अपने रूम पर फांसी लगा ली। आदित्य नीट की तैयारी कर रहा था।
- 27 जून: उदयपुर के सलूंबर का निवासी मेहुल वैष्णव (18) ने हॉस्टल में फांसी लगा ली। स्टूडेंट दो महीने पहले ही कोटा आया था।
- 8 जुलाई: यूपी के रामपुर जिले के निवासी बहादुर सिंह (17) फांसी लगाकर सुसाइड किया। दो महीने पहले ही कोटा आया था।
- 3 अगस्त: NEET की तैयारी कर रहे यूपी के छात्र मनजोत ने सुसाइड किया था।
- 4 अगस्त: बिहार के चंपारण के भार्गव मिश्रा ने सुसाइड किया था। JEEकी तैयारी के लिए आया था।
- 10 अगस्त: यूपी के आजमगढ़ के रहने वाले मनीष प्रजापति (17) ने हॉस्टल में फंदा लगाकर सुसाइड कर लिया। मनीष 6 महीने पहले ही कोटा आया था और जेईई की तैयारी कर रहा था।
- 16 अगस्त: बिहार का रहने वाला वाल्मीकि प्रसाद जांगिड़ (18) जुलाई 2022 में कोटा आया था। स्टूडेंट ने कमरे की खिड़की से लटक कर सुसाइड किया था।
- 28 अगस्त: बिहार के रहने वाले आदर्श ने फंदे से लटककर सुसाइड कर लिया था।
- 28 अगस्त: महाराष्ट्र के स्टूडेंट आविष्कार संभाजी ने सुसाइड कर लिया। वह भी हॉस्टल के कमरे में फंदे से झूल गया था।
- 12 सितंबर: झारखंड की रिचा सिन्हा ने सुसाइड किया था। उसने बालकनी का दरवाजा बंद कर अपनी रूममेट के सामने ही सुसाइड किया था।
- 19 सितंबर: यूपी की मऊ की रहने वाली प्रियम सिंह ने सल्फास खाकर सुसाइड किया था। उसकी हॉस्टल के सामने तबीयत बिगड़ गई थी।
- 27 नवंबर: पश्चिम बंगाल के रहने वाले फोरिद ने फांसी लगाकर जान दी थी। फोरिद भी नीट की तैयारी कर रहा था।
- 30 नवंबर: नीट की तैयारी कर रही उत्तर प्रदेश के औरैया की रहने वाली निशा यादव ने फंदा लगाकर जान दे दी।
कमेटी ने बताए थे सुसाइड के कारण
कोचिंग स्टूडेंट्स के सुसाइड मामलों को लेकर राजस्थान सरकार ने 20 अक्टूबर 2023 को एक कमेटी बनाई थी। कमेटी ने स्टूडेंट्स के सुसाइड करने के कई प्रमुख कारण बताए थे।
- कॉम्पिटिटिव एग्जाम में एक-दूसरे से आगे निकलने की होड़ और अच्छी रैंक लाने का प्रेशर।
- कोचिंग के प्रैक्टिस टेस्ट में अच्छा परफॉर्म न कर पाने से होने वाली निराशा।
- बच्चों की योग्यता, रुचि और क्षमता से ज्यादा पढ़ाई का बोझ और पेरेंट्स की उम्मीदों पर खरा उतरने का प्रेशर।
- टीनएज में होने वाले मानसिक और शारीरिक बदलाव, परिवार से दूर रहना, काउंसिलिंग और सपोर्ट सिस्टम का अभाव।
- बार-बार होने वाले असेसमेंट टेस्ट और रिजल्ट की चिंता, कम स्कोर करने पर डांट या टिप्पणी सुनना, रिजल्ट के आधार पर बैच बदलने का डर।
- कोचिंग इंस्टीट्यूट का टाइट शेड्यूल, को-करिकुलर एक्टिविटीज न होना और छुट्टियां न मिलना।