जापान : 90 मिनट में 21 भूकंप के झटकों से सड़कों-भवनों को नुकसान, अब सुनामी का खतरा; 33 हजार घरों की बिजली गुल
सुनामी की चेतावनी के बाद लोगों से इशिकावा, निगाता, तोयामा और यामागाता प्रान्तों के तटीय क्षेत्रों को जल्द से जल्द छोड़ने का आग्रह किया गया है। कहा जा रहा है कि 5 मीटर (16 फीट) ऊंची लहरें उठ सकती हैं।

संवेदनशील और चिंताजनक मंजर के बीच भारतीय दूतावास की तरफ से आपदा से प्रभावित लोगों की मदद के लिए इमरजेंसी हेल्पलाइन नंबर जारी किया गया है। भारतीय दूतावास ने संपर्क के लिए ई-मेल एड्रेस भी जारी किया है। याकूब टोपनो, अजय सेठी और डीएन बर्नवाल के अलावा एस भट्टाचार्य और विवेक राठी के नंबर जारी किए गए हैं।
सरकारी निर्देशों पर नजर रखने की अपील, लगातार संपर्क में है दूतावास
दूतावास की तरफ से जारी बयान में कहा गया, एक जनवरी, 2024 को आए शक्तिशाली भूकंप और सुनामी के संबंध में आपदा प्रभावित लोगों की मदद के लिए आपातकालीन नियंत्रण कक्ष स्थापित किया गया है। जापान में स्थित भारतीय दूतावास ने कहा कि आपदा प्रभावित आबादी किसी भी सहायता के लिए पांच अधिकारियों के अलावा दो ई-मेल आईडी- [email protected] और [email protected] पर भी संपर्क कर सकती है।
दूतावास के मुताबिक, मदद पाने के लिए आपातकालीन नंबरों और ईमेल आईडी पर संपर्क करने के अलावा स्थानीय प्रशासन और सरकार के निर्देशों का पालन करें। दूतावास ने भरोसा दिलाया है कि अधिकारी संबंधित अधिकारियों के संपर्क में बने हुए हैं।
तोयामा, इशिकावा और निगाता प्रांत में बड़ी संख्या में प्रभावित हुए लोग
जापान में भूकंप के बाद तटीय इलाकों का मंजर (वीडियो ग्रैब) – फोटो : social media
भूकंप के कारण धंसी सड़कें, जापान की जनता बड़ी संख्या में प्रभावित

富山市 萩浦橋 津波到達中 pic.twitter.com/5TJkH4E1Mx
— マリン リペア 富山 (@hioooomn) January 1, 2024
जापान मौसम विज्ञान एजेंसी के अनुसार, इशिकावा प्रांत के वाजिमा बंदरगाह पर 1.2 मीटर की ऊंचाई तक ऊंची लहरें देखी गईं।
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एक रिपोर्ट के अनुसार, सुनामी की चेतावनी के बाद लोगों से इशिकावा, निगाता, तोयामा और यामागाता प्रान्तों के तटीय क्षेत्रों को जल्द से जल्द छोड़ने का आग्रह किया गया है। कहा जा रहा है कि पांच मीटर (16 फीट) ऊंची लहरें उठ सकती हैं। कोस्टल एरिया में रहने वाले लोगों को सुरक्षित जगहों पर जाने के लिए कहा गया है।
हवाई स्थित प्रशांत सुनामी चेतावनी केंद्र ने कहा है कि जापान तट पर भूकंप के केंद्र के 300 किलोमीटर के दायरे में खतरनाक सुनामी लहरें उठने की आशंका है। बता दें, भूकंप के झटके टोक्यो और पूरे कांटो इलाके में महसूस किए गए हैं।
इतनी बार महसूस किए गए झटके
जापान मौसम विज्ञान एजेंसी (जेएमए) ने कहा कि जापान के मुख्य द्वीप होन्शू के जापान सागर की ओर नोटो क्षेत्र में स्थानीय समयानुसार शाम चार बजकर छह मिनट पर 5.7 तीव्रता का भूकंप आया। इसके बाद शाम चार बजकर 10 मिनट पर 7.6 तीव्रता का भूकंप, चार बजकर 18 मिनट पर 6.1 तीव्रता का भूकंप, चार बजकर 23 मिनट पर 4.5 तीव्रता का भूकंप, चार बजकर 29 मिनट पर 4.6 तीव्रता का भूकंप और चार बजकर 32 मिनट पर 4.8 तीव्रता का भूकंप आया।
अमेरिकी भूगर्भ सर्वेक्षण ने बताया कि इसके तुरंत बाद 6.2 तीव्रता का एक और भूकंप आया।
जापान में मार्च 2011 में नौ तीव्रता वाले विनाशकारी भूकंप के कारण जबर्दस्त सुनामी आई थी। तब उठी सुनामी की लहरों ने फुकुशिमा न्यूक्लियर प्लांट को तबाह कर दिया था। इसे पर्यावरण को नुकसान के लिहाज से बड़ी घटना माना गया था। तब समुद्र में उठी 10 मीटर ऊंची लहरों ने कई शहरों में तबाही मचाई थी। इसमें करीब 18 हजार लोगों की मौत हुई थी।
जापान भूकंप के सबसे ज्यादा सेंसेटिव एरिया में है। यह पैसिफिक रिंग ऑफ फायर में आता है। रिंग ऑफ फायर ऐसा इलाका है जहां कॉन्टिनेंटल प्लेट्स के साथ ओशियनिक टेक्टॉनिक प्लेट्स भी मौजूद हैं। ये प्लेट्स आपस में टकराती हैं तो भूकंप आता है। इनके असर से ही सुनामी आती है और वॉल्केनो भी फटते हैं।पिछले साल दिसंबर में आया था फिलीपींस में भूकंप
इससे पहले, पिछले साल दिसंबर की शुरुआत में फिलीपींस में भूकंप के झटके महसूस किए गए थे। रिक्टर स्केल पर इसकी तीव्रता 6.8 मापी गई थी। राष्ट्रीय भूकंप विज्ञान केंद्र ने बताया था कि तड़के करीब 01:20 बजे भूकंप आया था। इसका केंद्र मिंडानाओ में 82 किमी की गहराई में था।