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भगवंत सिंह मान ने कहा- पंजाब के पास अन्य राज्यों को देने के लिए पानी की एक बूंद भी नहीं


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भगवंत सिंह मान ने कहा- पंजाब के पास अन्य राज्यों को देने के लिए पानी की एक बूंद भी नहीं

CM Bhagwant Mann: मुख्यमंत्री ने कहा कि पानी के संकट को कभी भी नजरअंदाज नहीं किया जा सकता, जिस कारण राज्य सरकार एस.वाई.एल. के निर्माण के लिए उठाए गए किसी भी कदम का डटकर विरोध करेगी।

CM Bhagwant Mann: पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत सिंह मान ने आज स्पष्ट शब्दों में कहा कि सतलुज-यमुना लिंक (एस.वाई.एल.) नहर के निर्माण का सवाल ही पैदा नहीं होता, क्योंकि राज्य के पास किसी को देने के लिए पानी की एक बूंद भी नहीं है। केंद्रीय जल संसाधन मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत द्वारा बुलाई गई अंतरराज्यीय मीटिंग में पंजाब के केस को जोरदार ढंग से रखते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य को अपनी सिंचाई जरूरतें पूरी करने के लिए 54 एम.ए.एफ. से अधिक पानी की जरूरत है। उन्होंने कहा कि स्थिति इतनी गंभीर है कि पंजाब के पास केवल 14 एम.ए.एफ. पानी है, जो किसानों को दिया जा रहा है। भगवंत सिंह मान ने कहा कि ऐसे हालात में किसी अन्य राज्य को पानी की एक बूंद भी देने का सवाल ही पैदा नहीं होता और पंजाब एस.वाई.एल. का निर्माण का सख्ती से विरोध करता है।

एक भी बूंद नहीं दिया जाएगा पानी

मुख्यमंत्री ने जोर देकर कहा कि सतलुज नदी पहले ही सूख चुकी है और इसमें पानी की एक बूंद भी देने का सवाल ही पैदा नहीं होता। उन्हें स्पष्ट रूप से कहा कि पंजाब के पास हरियाणा को देने के लिए कोई अतिरिक्त पानी नहीं है और अंतरराष्ट्रीय नियमों के अनुसार पानी की उपलब्धता का फिर से मूल्यांकन करना जरूरी है। भगवंत सिंह मान ने कहा कि पंजाब के 76.5 प्रतिशत ब्लॉक (153 में से 117) में भूजल का स्तर बहुत नीचे जा चुका है।

नहर के निर्माण की इजाजत नहीं

मुख्यमंत्री ने कहा कि पानी के संकट को कभी भी नजरअंदाज नहीं किया जा सकता, जिस कारण राज्य सरकार एस.वाई.एल. के निर्माण के लिए उठाए गए किसी भी कदम का डटकर विरोध करेगी। पानी के तेजी से घट रहे स्तर से पैदा हो रही स्थिति की गंभीरता पर गहरी चिंता जाहिर करते हुए भगवंत सिंह मान ने कहा कि यह बहुत ही अफसोस की बात है कि दुबई और अन्य खाड़ी के देशों में तेल निकालने के लिए जिन हाई पावर मोटरों का प्रयोग किया जा रहा है, उन्हीं मोटरों का प्रयोग राज्य में भूजल को निकालने के लिए किया जा रहा है।

केंद्र के समक्ष भी उठ चुका मुद्दा

मुख्यमंत्री ने कहा कि सतलुज नदी पहले ही सूख चुकी है, और इसमें से पानी की एक बूंद भी देने का सवाल ही पैदा नहीं होता। भगवंत सिंह मान ने कहा कि इसके उलट गंगा और यमुना का पानी सतलुज नदी के द्वारा पंजाब को दिया जाना चाहिए। उन्होंने कहा कि वह यह मुद्दा केंद्र सरकार के समक्ष पहले भी उठा चुके हैं।

लोगों की रक्षा करना पंजाब सरकार का फर्ज

उन्होंने कहा कि पंजाब अपनी आने वाली पीढियों के अधिकारों की रक्षा के लिए आगे होने वाली सुनवाईयों में भी सुप्रीम कोर्ट में राज्य के केस को जोरदार ढंग से पेश करेगा। भगवंत सिंह मान ने कहा कि पंजाब सरकार का फर्ज बनता है कि वह राज्य और यहां के लोगों के हितों की हर हाल में रक्षा करे और इसके लिए कोई कसर बाकी नहीं छोड़ी जाएगी।

बाढ़ के कारण हुआ था नुकसान

मुख्यमंत्री ने यह भी कहा कि चाहे यह राज्य हमेशा से ही राज्य के पानी पर अपने अधिकार का दावा करते आ रहे हैं, परन्तु जब पहाड़ी क्षेत्रों से आए अतिरिक्त पानी के कारण पंजाब बाढ़ की मार झेल रहा था। तब इन राज्यों ने पंजाब का पानी लेने से इनकार कर दिया था। उन्होंने कहा कि पंजाब ने पहाड़ी क्षेत्रों में ज्यादा बरसात होने के कारण बाढ़ की मार झेली है, परन्तु हमारे पानी पर अपना हक जताने वाले इन राज्यों को इससे कोई लेना-देना नहीं। भगवंत सिंह मान ने कहा कि बाढ़ के कारण पंजाब का बहुत नुकसान हुआ है, परन्तु राज्य से पानी मांगने वाले इन राज्यों को इसकी कोई परवाह नहीं।

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