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झुंझुनूं जिला में कमजोर रहा भाजपा का प्रदर्शन:लोकसभा चुनाव में लगाना होगा जोर; 8 में से 6 सीट कांग्रेस ने जीतीं


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झुंझुनूं जिला में कमजोर रहा भाजपा का प्रदर्शन:लोकसभा चुनाव में लगाना होगा जोर; 8 में से 6 सीट कांग्रेस ने जीतीं

झुंझुनूं जिला में कमजोर रहा भाजपा का प्रदर्शन:लोकसभा चुनाव में लगाना होगा जोर; 8 में से 6 सीट कांग्रेस ने जीतीं

झुंझुनूं : झुंझुनूं जिले में विधानसभा चुनाव में भाजपा का प्रदर्शन कमजोर ही रहा। झुंझुनू संसदीय क्षेत्र की 8 सीटों पर मिले परिणामों में कांग्रेस को भाजपा से 118653 वोट ज्यादा मिले हैं। भाजपा 8 में से 2 ही सीटों पर जीत दर्ज कर पाई। चुनाव के दौरान कई स्टार प्रचारकों ने सभा भी की। लेकिन इसका असर परिणाम में दिखाई नहीं दिया। ऐसे में लोकसभा चुनाव में इस बार भाजपा को अधिक जोर लगाना पड़ेगा।

झुंझुनूं संसदीय क्षेत्र में 8 विधानसभाओं में से 6 पर कांग्रेस काबिज है। दो विधानसभाओं पर भाजपा के विधायक हैं। इन विधायकों की जीत का अंतर कांग्रेस के विधायकों के मुकाबले काफी कम है। ऐसे में भाजपा को ये सीट निकालने के लिए खास रणनीति से मैदान में आना होगा। वहीं कांग्रेस ने भी भाजपा की ओर से कब्जाई दो विधानसभाओं में अपना जनाधार बढ़ाने के लिए अभी से तैयारी शुरू कर दी है।

जीत का अंतर भी भाजपा प्रत्याशियों से ज्यादा

नवलगढ़, खेतड़ी में भाजपा के प्रत्याशी जीते लेकिन नवलगढ़ में ही सिर्फ 23 हजार का अंतर रहा। बाकी खेतड़ी में 9 हजार 114 वोट का ही अंतर रहा है। सबसे ज्यादा मतों से जीत भी कांग्रेस प्रत्याशी की रही। हालांकि उदयपुरवाटी में भाजपा का हार का अंतर ज्यादा नहीं रहा। यहां भाजपा 416 वोटों के करीबी अंतर से हार गई थी।

सूरजगढ में 37414 वोटों से पीछे रही भाजपा

झुंझुनूं में कांग्रेस 28863, सूरजगढ़ में 37141 में व पिलानी 14845 में वोटों से कांग्रेस ने जीत दर्ज की। यानी भाजपा के प्रत्याशी आसपास भी इनके नहीं हैं। सूरजगढ़ से कांग्रेस प्रत्याशी से भाजपा प्रत्याशी 33 हजार व झुंझुनूं में 28 हजार 863 से अधिक वोटों से पीछे रहे। दूसरे नंबर पर यहां भाजपा पार्टी रही थी।

बहाना होगा पसीना

इन विधानसभाओं में जीत के अंतर को पाटने के लिए भाजपा को अधिक पसीना बहाना पड़ेगा। हालांकि कांग्रेस ने भी साफ संकेत दे दिए कि उनकी जीती विधानसभाओं से वोटों को आसानी से नहीं छीना जा सकता। राजनीतिक जानकार कहते हैं कि जीत के अंतर को पाटना और फिर उससे आगे निकलना पार्टियों के लिए कठिन होता है। खासकर, दो से तीन माह में ये लक्ष्य हासिल करना मुश्किल है। क्योंकि लोकसभा चुनाव की आचार संहिता मार्च के आखिरी में या अप्रैल के प्रथम सप्ताह में लग सकती है। ऐसे में भाजपा को जीत हासिल करने के लिए अभी से पसीना बहाना होगा।

इस पार्टी को इतने वोट मिले
विधानसभा कांग्रेस भाजपा जीत का अंतर
झुंझुनूं 86798 57935 28863
सूरजगढ़ 115684 78270 37414
खेतड़ी 27981 70597 9114
पिलानी 72835 57990 14845
नवलगढ़ 88857 112037 23180
फतेहपुर 84194 58201 25993
मंडावा 98747 80030 18717
उदयपुरवाटी 68399 67983 416

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