यह घटना बुधवार दोपहर एक बजकर एक मिनट पर हुई। लोकसभा में पीठासीन अधिकारी राजेंद्र अग्रवाल शून्य काल की कार्यवाही को संचालित कर रहे थे। मालदा उत्तर से भाजपा सांसद खगेन मुर्मू अपनी बात रख रहे थे। तभी दो शख्स दर्शक दीर्घा से नीचे कूद गए।
नीले रंग की जैकेट पहना एक युवक शख्स सांसदों की सीट पर कूदने लगा। वह लगभग तीन कतार लांघकर आसन की तरफ जाने लगा। अफरा-तफरी के माहौल के बीच कुछ सांसदों ने हिम्मत दिखाकर उसे घेर लिया। मार्शल भी दौड़कर आ गए। तभी उस युवक ने जूते के अंदर से कुछ पदार्थ निकाला। इसके बाद वहां पीले रंग का धुआं उठने लगा। बाद में सांसदों और मार्शलों ने मिलकर दोनों को पकड़ लिया। इसके बाद पीठासीन अधिकारी ने कार्यवाही स्थगित कर दी।
सांसद के मेहमान के तौर पर आया था शख्स
बताया जा रहा है कि दर्शक दीर्घा में कूदे दो शख्स में से एक मैसूर के सांसद के मेहमान के तौर पर संसद पहुंचा था। उसका नाम सागर बताया जा रहा है। बसपा से निष्कासित सांसद दानिश अली ने भी बताया कि पकड़े गए एक युवक का नाम सागर है। बता दें कि मैसूर से प्रताप सिम्हा भाजपा सांसद हैं।
नारे लगा रहे थे युवक
बसपा सांसद मलूक नागर ने बताया कि उनकी सीट के बगल में ही अचानक एक युवक दर्शक दीर्घा से कूद गया। इसके तुरंत बाद दूसरा युवक भी वहीं कूदा। जब सांसदों ने एक युवक को घेर लिया तो उसने जूते से कोई चीज निकाली, जिससे धुंआ उठने लगा। दोनों युवक ‘तानाशाही नहीं चलेगी’ नारा लगा रहे थे।
हाथ में कुछ था, जिससे आवाज आ रही थी
पीठासीन अधिकारी राजेंद्र अग्रवाल ने बाद में मीडिया को बताया कि एक व्यक्ति गैलरी से कूदा तो लगा कि शायद वह नीचे गिर गया है। तभी दूसरे व्यक्ति को दर्शक दीर्घा से कूदते देखा। इनमें से एक के हाथ में कुछ था, जिसमें पीले रंग का धुआं निकल रहा था, जबकि दूसरे के हाथ में कुछ था, जिससे पिट-पिट की आवाज आ रही थी। वे कुछ नुकसान नहीं कर पाए, उन्हें तुरंत काबू में कर लिया गया। हालांकि, उनका दर्शक दीर्घा से कूदना गंभीर विषय है। यह संसद की सुरक्षा में बड़ी चूक है। जांच होगी और कार्रवाई होगी।
आज ही संसद पर हमले की बरसी
संसद पर आतंकी हमले की बरसी भी आज ही है। 13 दिसंबर 2001 को आतंकियों ने पुराने संसद भवन पर आतंकी हमला किया था। घटना के बाद कई सांसदों ने संसद में इस घटना को सुरक्षा में बड़ी चूक बताते हुए सरकार से गंभीरता से कार्रवाई करने की अपील की। शिवसेना और बसपा सांसदों के अलावा कई और सांसदों ने भी संसद में हुई इस घटना की कड़ी निंदा की है।
संसद के बाहर भी प्रदर्शन
ट्रांसपोर्ट भवन के बाहर संसद भवन के गेट के पास भी दो लोग आतिशबाजी करते हुए प्रदर्शन कर रहे थे। सदन में हंगामे के कारण स्थगित हुई लोकसभा की कार्यवाही दोपहर करीब दो बजकर तीन मिनट पर दोबारा शुरू हुई। स्पीकर ओम बिरला ने सांसदों को सुरक्षा के प्रति गंभीर होने का आश्वासन दिया और कहा कि सुरक्षा एजेंसियां और पुलिस गहन पड़ताल कर रही हैं। उन्होंने कहा कि यह मामला गंभीर है, लेकिन फिलहाल सांसदों की सुरक्षा को लेकर चिंता की कोई बात नहीं है। उन्होंने कहा, हम सब की चिंता थी कि वह धुआं क्या था, प्राथमिक जांच में वह साधारण धुआं है। उसकी चिंता की जरूरत नहीं, उसकी प्रारंभिक जांच की गई है। फिलहाल, इस घटना के लिए कोई किसी को दोषी नहीं ठहरा रहा।
जांच में सामने आएंगे तथ्य
उन्होंने कहा कि सांसदों के सुझावों पर अमल भी किया जाएगा। स्पीकर ने कहा कि जरूरत पड़ने पर सांसदों के अनुमोदन पर दर्शकदीर्घा के लिए पास बनाने के नियम और शर्तों की समीक्षा भी की जाएगी। उन्होंने कहा कि जांच में जो भी तथ्य सामने आएंगे, इसे सबके साथ साझा किया जाएगा। उन्होंने आश्वस्त किया कि सदन की कार्यवाही बाधित करने के लिए अचानक कूदने वाले दोनों शख्स हिरासत में ले लिए गए हैं। पुलिस जांच कर रही है, सदन की कार्यवाही सुचारू रूप से चलती रहेगी।