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दुकानों में शो-केस में रखी मिठाइयों पर अब निर्माण व एक्सपायरी डेट डिस्पले करनी होगी


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दुकानों में शो-केस में रखी मिठाइयों पर अब निर्माण व एक्सपायरी डेट डिस्पले करनी होगी

दुकानों में शो-केस में रखी मिठाइयों पर अब निर्माण व एक्सपायरी डेट डिस्पले करनी होगी

झुंझुनूं : मिठाई विक्रेताओं को दुकान के शो-केस में बिक्री के लिए रखी मिठाइयों की भी अब मेकिंग और एक्सपायरी डेट मिठाइयों के साथ ही ट्रे पर प्रदर्शित करनी होगी। इसकी सख्ती से मॉनिटरिंग के लिए खाद्य सुरक्षा अधिकारियों को निर्देश दिए गए हैं।

लापरवाही बरतने पर संबंधित मिठाई विक्रेता/दुकानदार के खिलाफ चिकित्सा एवं स्वास्थ्य विभाग नियमानुसार सख्त कार्रवाई करेगा। दरअसल चिकित्सा एवं स्वास्थ्य विभाग आम आदमी की सेहत को लेकर अब गंभीर हुआ है। जिस तरह से डिब्बा बंद मिठाई / पैकिंग पर मेन्युफैक्चरिंग और एक्सपायरी डेट लिखी होती है, उसी तरह से अब खुली मिठाई के लिए भी यह नियम सख्ती से लागू किया जाएगा। मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी (सीएमएचओ) डॉ. राजकुमार डांगी ने कहा कि मिठाई कब बनाई गई और कब तक उसे उपयोग किया जा सकता है यानि वह कब खराब हो जाएगी इस बारे में जानना उपभोक्ताओं / ग्राहकों का अधिकार है।

अब खुली मिठाई विक्रेताओं को अपने ग्राहकों को यह सारी जानकारी मिठाई की ट्रे पर डिस्प्ले कर देनी होगी। डॉ. डांगी ने बताया कि नियम तो पहले से ही बने हुए हैं लेकिन इसकी सख्ती से पालना नहीं किए जाने पर आयुक्तालय ने इसे गंभीरता से लिया है। विभाग के उच्चाधिकारियों ने नियमों की सख्ती से पालना करवाने के निर्देश दिए हैं। इधर नवरात्र के साथ ही मिठाई की दुकानों पर त्योहारी खरीद शुरू हो चुकी है। खाद्य सुरक्षा अधिकारियों को सख्त निर्देश दिए गए हैं कि वे लगातार मिठाइयों की सैंपलिंग करें और तत्काल जांच कराएं।

गौरतलब है कि इन नियमों के तहत सोहन हलवा, गजक व चक्की ही ऐसी मिठाई है, जिसे दुकानदार बनाने के बाद एक महीने तक बेच सकेंगे। इसके अलावा बाकी कोई भी मिठाई सात दिन से ज्यादा पुरानी नहीं होनी चाहिए। एक दिन – कलाकंद। दो दिन – दुग्ध उत्पाद, रसगुल्ला, रस मलाई, रबड़ी रसमलाई, राजभोग, मलाई रोल, रसकदम, खीर मोहन आदि । चार दिन – मिल्क केक, पेड़ा, प्लेन बर्फी, मिल्क बर्फी, पिस्ता बर्फी, कोकोनट बर्फी, चॉकलेट बर्फी, सफेद पेड़ा, मोतीचूर मोदक आदि । सात दिन – घी व ड्राई फ्रूट लडडू, काजू कतली, घेवर, शक्कर पारा, गुड़ पारा, मूंग बर्फी, आटा लड्डू, ड्राई फ्रूट गुझिया, बूंदी लड्डू, काजू केसर बर्फी, बालूशाही, बादाम बर्फी, काजू खजूर, पिस्ता लोंग, छोटा केसर घेवर आदि । एक महीना – सोहन हलवा, गजक व चक्की आदि। झुंझुनूं . शहर की एक दुकान पर शो-केस में रखी मिठाइयां। चिकित्सा एवं स्वास्थ्य विभाग के खाद्य सुरक्षा अधिकारी मिठाई की दुकानों व गोदामों (जहां मिठाई बनाई जाती है) का समय-समय पर निरीक्षण करेंगे।

सीएमएचओ डॉ. राजकुमार डांगी ने मिठाई विक्रेताओं को सख्त हिदायत दी है कि वे मिठाई की ट्रे पर एक्सपायरी डेट भूल से भी गलत नहीं लिखें। मिठाई बनाने की तारीख गलत लिखने जैसी शिकायतों की जांच खाद्य पदार्थ के सैंपल टेस्ट से होगी। ट्रे में रखी मिठाई की मेकिंग और एक्सपायरी डेट उस ट्रे पर नहीं लिखी तो मिठाई विक्रेता को जुर्माना भुगतना होगा।

^हमारे विभाग के एफएसओ मिठाई विक्रेताओं को इस नियम की जानकारी दे रहे हैं। साथ ही इसकी सख्ती से पालना के लिए पाबंद भी कर रहे हैं। एफएसओ को भी सख्त निर्देश दिए गए हैं कि वे इसकी मॉनिटरिंग भी करें और लापरवाही बरतने वाले दुकानदारों के खिलाफ नियमानुसार कार्रवाई अमल में लाएं। – डॉ. राजकुमार डांगी, सीएमएचओ झुंझुनूं

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