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पाली : पाली में 324 साल से रोशन हो रहा अनौखा चिराग:बोले मान्यता हैं; खुदा शहर को आपदा से बचाता है, मन्नतें होती है पूरी


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पाली : पाली में 324 साल से रोशन हो रहा अनौखा चिराग:बोले मान्यता हैं; खुदा शहर को आपदा से बचाता है, मन्नतें होती है पूरी

पाली में 324 साल से रोशन हो रहा अनौखा चिराग:बोले मान्यता हैं; खुदा शहर को आपदा से बचाता है, मन्नतें होती है पूरी

पाली : अलग-अलग धर्मों को मानने वालों का नया साल सेलिब्रेशन करने का अपना तरीका होता है। पाली में मुस्लिम समुदाय पिछले 324 सालों से अनौखी परम्परा इस्लामी नया साल 1445 हिजरी को मनाने के लिए निभाते आ रहे है। शहर के भैरूघाट चौराहे पर इस्लामी नया साल की पूर्व संध्या पर जोधपुरी पत्थर से बना 70-80 किलो का चिराग जलाया जाता है। धार्मिक मान्यता है कि ऐसा करने से खुदा शहर को प्राकृतिक आपदाओं से बचाता है। पाली में यह परम्परा मुस्लिम समुदाय के लोग सालों से निभाते आ रहे है जो आज भी कायब है।

चिराग का इतिहास लिखा।
चिराग का इतिहास लिखा।

चिराग में जलाते है 9 लो, रोजाना डालते है डेढ़ किलो तेल
मुस्लिम समाज के प्रवक्ता शकील नौगरी बताते है कि सालों पुराना यह चिराग जोधपुरी पत्थर से बना हुआ है। जिसमें नौ लो जलाई जाती है और ईस्लामी साल की पूर्व संध्या से लेकर अगले 9 दिन तक शहर के भैरूघाट चौराहे पर यह चिराग जलाया जाता है। उसके बाद 10वें दिन मोहर्रम मनाया जाता है। रोजाना इस चिराग में तिल्ली का डेढ लीटर तेल डाला जाता है। इन 9 दिनों में रोजाना शाम के समय चिराग रोशन करते समय खुदा से शहर में अमन-चैन की दुआ मांगते है।

पाली के भैरूघाट चौराहे पर बुधवार शाम को चिराग रोशन करते मुस्लिम समुदाय के लोग।
पाली के भैरूघाट चौराहे पर बुधवार शाम को चिराग रोशन करते मुस्लिम समुदाय के लोग।

तेल डालकर मूराद मांगने पर होती है पूरी
70 साल के रमजान शाह बताते है कि सालों से ऐसी मान्यता चली आ रही है कि इस चिराग में तेल डालकर जो भी मन्नत मांगी जाती है वह पूरी होती है। उन्होंने बताया कि इस चिराग का निर्माण सिपाईयों का बास जूनी पाली मस्जिद के निर्माण के साथ हुआ है। मस्जिद हिजरी सन 1121 में बनी है। पाली में पिछले 324 सालों से उर्दू नया साल मोहर्रम की एक तारीख से 9 तारीख तक चिराग को रोशन किया जाता है।

पाली में बुधवार शाम को मोमिनों ने किया चिराग रोशन
पाली में इस बार भी इस्लामी नया साल 1445 हिजरी की पूर्व संध्या पर बुधवार शाम को भैरूघाट चौराहे पर चिराग मुस्लिम समुदाय के लोगों की और से परम्परा अनुसार रोशन किया गया। चिराग रोशन करने वाले परिवार के पांचवी पीढ़ी के बुजुर्ग रुस्तम शाह व पाली शहर मोहर्रम इंतजामिया कमेटी कार्यक्रम संयोजक शक़ील अहमद नागौरी , जूनी पाली मोहर्रम के लाइसेंसदार मोहम्मद यूसुफ पठान , इंतजामिया कमेटी सरपरस्त मोहम्मद सलीम मिस्कीन ने रोशन किया। इस दौरान मुस्लिम समाज के लोगों ने हजरत इमाम हुसैन की याद में फ़ातिहा ख्वानी की और आने वाले नए इस्लामी साल 1445 में देश और पाली में अमन चैन व खुशहाली की दुआ मांगी।

इस मौके पाली शहर मोहर्रम इंतजामिया कमेटी सदर अजीज फौजदर, सैकेट्री रफ़ीक अब्बासी, पार्षद आमीन अली रंगरेज, जूनी पाली मोहर्रम कमेटी सदर मोहम्मद सलीम पठान, अखाड़ा शेख चिराग भेरूघाट, अखाड़ा मीर अजीम जंगीवाडा लाइसेंसदार हाजी गुलाम नबी पठान, लाइसेंसदार मोहम्मद सत्तार पठान, उस्ताद मोहम्मद फारूक पठान, भंडारी मोहम्मद साबिर, भंडारी मोहम्मद अली, मोहम्मद सलीम खलीफा, पार्षद आमीन अली रंगरेज, आरीफ पिंजारा, गुल्लू बा, सदर मोहम्मद सलीम, अब्दुल सत्तार सेकेट्री, बाबू शाह, सलीम भाई, असलम भाई, वसीम, इंसाफ अली, इमरान हांडा, सलीम मोहम्मद, सफी मोहम्मद सिपाही, नियामत शाह, अकरम सिपाही, पाली शहर मोहर्रम इंतजामिया कमेटी के कैशियर असलम सिन्धी, अकरम शाह अशरफी, यासीन लोहार, जावेद जिलानी आदि मौजूद रहे।

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