सीकर में कर्मचारियों ने किया कलेक्ट्रेट का घेराव:केंद्र सरकार के खिलाफ नारेबाजी की; 11 मांगें पूरी नहीं हुईं तो उग्र आंदोलन करेंगे
सीकर में कर्मचारियों ने किया कलेक्ट्रेट का घेराव:केंद्र सरकार के खिलाफ नारेबाजी की; 11 मांगें पूरी नहीं हुईं तो उग्र आंदोलन करेंगे

सीकर : अखिल राजस्थान राज्य कर्मचारी संयुक्त महासंघ के बैनर तले सैकड़ों कर्मचारियों ने अपनी 11 सूत्री मांगों को लेकर सीकर कलेक्ट्रेट का घेराव किया। कर्मचारियों ने केंद्र और राज्य सरकार की नीतियों के खिलाफ जमकर नारेबाजी की और विरोध प्रदर्शन किया। बजरंग कांटा से कलेक्ट्रेट तक रैली निकालकर कर्मचारियों ने पुरानी पेंशन योजना की बहाली, समान काम-समान वेतन, और संविदा नियुक्तियों को बंद करने जैसी मांगों को लेकर अपना आक्रोश जताया। महासंघ के प्रदेश महामंत्री उपेंद्र शर्मा ने कहा कि यदि मांगें शीघ्र पूरी नहीं हुईं, तो कर्मचारी उग्र आंदोलन के लिए बाध्य होंगे। प्रदर्शनकारियों ने कलेक्ट्रेट पर धरना देकर जिला कलेक्टर को ज्ञापन सौंपा और मांगों पर तत्काल कार्रवाई की मांग की।

इन मांगों को लेकर किया प्रदर्शन
- पीएफआरडीए अधिनियम रद्द कर 53 हजार करोड़ रुपए जीपीएफ खाते में जमा हों।
- सभी कार्मिकों के लिए समान वेतन नीति और 2017 की मूल वेतन कटौती रद्द हो।
- जनवरी 2020 से जून 2021 तक का एरियर नकद भुगतान हो।
- सेवाकाल में 5 पदोन्नति या 7, 14, 21, 28, 32 वर्ष की सेवा पर वेतनमान स्वीकृत हो।
- संविदा और आउटसोर्स कर्मचारियों को नियमित किया जाए, रिक्त पदों पर स्थायी भर्ती हो।
- न्यूनतम वेतन 26 हजार, 50% पदोन्नति कोटा और 60 हजार पदों पर भर्ती शीघ्र हो।
- तृतीय श्रेणी शिक्षकों के स्थानांतरण पूर्ण हों, ‘नो वर्क, नो पे’ नीति रद्द हो।
- आरजीएचएस में सुधार कर कटौतियां बंद हों, सभी जांच और दवाइयां उपलब्ध हों।
- निजीकरण बंद हो। पीपीपी मॉडल और एनईपी-2020 रद्द हो, सार्वजनिक उपक्रम सुदृढ़ हों।
- पुलिस कर्मचारियों के लिए साप्ताहिक छुट्टी, कार्य समय निर्धारण और लंबित पदोन्नतियां पूरी हों।
- मंत्रालयिक कर्मचारियों को समान सुविधाएं व शासन सचिवालय के समान वेतन, भत्ते और निदेशालय का गठन हो।