प्रमुख समाज सेवी श्योचन्द राम यादव का जीवन परिचय
प्रमुख समाज सेवी श्योचन्द राम यादव का जीवन परिचय

संसार में सदा सदा के लिए रहने कोई नहीं आता है यूं तो इस सांसारिक जीवन में न जाने रोजाना कितने लोग जन्म लेकर आते हैं और मानव की देह में समय बिताकर बिना अपनी पहचान बनाए संसार से चले भी जाते हैं। लेकिन उनमें से कुछ विरले ऐसे भी होते हैं जो केवल समाज की सेवा के लिए ही जन्म लेते हैं और अपना सर्वस्व समाज के लिए ही न्योछावर कर देते हैं। समाज में अपनी अलग ही पहचान कायम करते हैं। जो इंसान बड़े दिलवाले होते हैं इसीलिए किसी कवि ने ठीक ही कहा है।
माई जने तो दो ही जने के दाता के सुर।
नहीं तो रहे बाज़डी मती गवा जै नूर।।
अपना और अपने परिवार का पालन पोषण करना तो एक जरूरत है किंतु इस अपने पन की भावना से मुक्त होकर समाज के लोगों के कल्याण की बात जो सोचते हैं वही व्यक्ति समाज व देश के लिए आदर्श बन पाते हैं। ऐसे ही जनहित के कार्यों में सदैव अपने आप को लगाए रखने वाले थे ग्राम निहालोठ में 16 जून 1940 निर्जला एकादशी को यादव परिवार में एक महान विभूति का जन्म हुआ था जो थे श्योचन्द राम यादव इनका जन्म रामदयाल यादव के यहां माता जानकी देवी की कोख से हुआ था।जो सरलता सौम्यता सादगी और उदारता के धनी थे। गर्व और गुमान तो उनसे कोसों दूर रहता था।समाज और राष्ट्र की नि.स्वार्थ भाव से सेवा करने के अवसर किसी बिरले व्यक्ति को ही मिलते हैं। यादव को अपनी मातृभूमि से गहरा लगाव था ग्राम के लिए पूर्ण समर्पण भाव से काम करते रहते थे। आपकी क्षमताओं पर शक नहीं किया जा सकता था। ख्यालों के तौर पर फैसलों को लेकर सपने देखने और उन्हें हकीकत में अमलीजामा पहनाने में वो माहिर थे। वो बहुमुखी प्रतिभा की जीती जागती एक बुलंद शक्शीयत थे। उन्होंने प्राथमिक शिक्षा घर पर रहकर ही प्राप्त की थी।
राव साहब के नाम से विख्यात स्व श्योचन्द राम एक प्रमुख समाज सेवी थे। उन्होंने जीवन पर्यन्त किसानों, मजदूरो और गरीब तबके के उत्थान में काम किया। अखिल भारतीय किसान एवं मजदूर मोर्चा के माध्यम से किसानो व गरीबो की समस्याओं के समाधान का निरन्तर प्रयास करते रहे। समाज सेवा के कार्यों में राव साहब बढ़ चढ़ कर हिस्सा लेते थे और समस्याओं के निदान के लिए संघर्ष करते रहे। मोर्चा के जिला उपाध्यक्ष भी रहे।पारिवारिक रूप से अपने परिवार को एकता की कड़ी में पिरोये रखा और गाँव में व परिवार के महत्वपूर्ण निर्णयों में उनकी अग्रणी भूमिका रहती थी।
श्योचन्द राम सांस्कारिक व्यक्तित्व के धनी थे और वहीं संस्कार उन्होंने अपनी संतानो को दिये। इनके पुत्र पौत्र व पौत्रियां उच्च शिक्षित तथा अच्छे पदों पर आसीन है। इनके तीन पुत्र व तीन पुत्रियां है। ज्येष्ठ पुत्र एडवोकेट उमराव सिंह यादव राजस्थान टैक्स बोर्ड मे राजकीय अधिवक्ता है तथा समाज सेवा के क्षेत्र में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते है। मंझले पुत्र सतपाल सिंह खेतीबाड़ी की देखभाल करते हैं तथा सबसे छोटे पुत्र महीपाल सिहं सरकारी अध्यापक है।
पौत्र संदीप, चेतन, तेजप्रकाश व देवेन्द्र तथा पौत्री रीना, कविता व मीना ने भी अपने दादा जी से उच्च संस्कार प्राप्त किये है। शिक्षा, समाजसेवा व स्वास्थ्य के क्षेत्र मे गाँव व आस पास के इलाके में उन्होंने बढ-चढ़ कर कार्य किया था। उन्हीं की प्रेरणा से, उनके आदर्शों को परिजनो द्वारा उनकी पुण्यतिथि पर सामाजिक कार्यक्रमो का आयोजन करते हैँ। श्योचन्द यादव ने समाज सेवा के क्षेत्र में अनेक कार्य करवाए थे, तथा वो समाज सेवा के प्रत्येक कार्य में बढ़-चढ़कर भाग लिया करते थे । उनको जब भी किसी कार्य के लिए याद किया जाता था तो वो सदैव दिल खोलकर मदद करते थे । छतीस कोम बिरादरी को साथ लेकर चलते थे। उनके अंदर मिलन सारिता कूट-कूट कर भरी हुई थी।जो भी एक बार उनसे मिल लेता था वह उनका ही होकर रह जाता था। वो बाल विवाह दहेज प्रथा बहु विवाह के कट्टर विरोधी थे। , वो कन्या भ्रूण हत्या के प्रबल विरोधी थे।
राव साहब अपने पीछे उक्त पुत्र पुत्रियों, पौत्र पौत्रीयों सहित प्रपौत्री आशना, मीमांसा एवम प्रपौत्र चिराग और नाती नतीनों सहित भरा पूरा खुशहाल परिवार छोड़ कर इस नश्वर संसार से विदा हुए हैं। अब उन्हीं के सुपुत्र एडवोकेट उमराव सिंह यादव उन्हीं के नक्शे कदमों पर चलकर समाज सेवा के कार्य में जुटे हुए हैं तथा वो अपने परिवार जनों के सहयोग से प्रतिवर्ष अपने पिताजी की पुण्यतिथि के अवसर पर नेत्र जांच शिविर ,रक्तदान शिविर लगाते हैं तथा समाज की विभिन्न प्रतिभाओं को तथा शिक्षा के क्षेत्र में अध्यनरत छात्रों को भी सम्मानित करते हैं। तथा समाज के सामने अच्छा उदाहरण प्रस्तुत कर रहे हैं। श्योचन्द राम यादव जेसे नेकदिल इंसान को मेरा शत शत बार नमन।
आलेख: डॉ रामानन्द शर्मा, (वरिष्ठ पत्रकार एवम् संपादकीय लेखक)