झुंझुनूं में रिंग रोड प्रोजेक्ट; 27 किमी बाइपास रोड का रूट मैप तैयार
झुंझुनूं में रिंग रोड प्रोजेक्ट; 27 किमी बाइपास रोड का रूट मैप तैयार

19 गांवों से निकलेगा बाइपास, शहर से बाहर जाने वाली आठ सड़कें जुड़ेंगी, सिरियासर व प्रतापपुरा के पास बनेंगे ओवरब्रिज
झुंझुनूं में बनने वाले बाइपास का रूट तय हो गया है। 27 किमी के दो बाइपास 19 गांवों से होकर गुजरेंगे। इन पर चार सर्किल व तीन आइलैंड और दो ओवरब्रिज बनाए जाएंगे। बाइपास का रूट तय करने के बाद प्रशासन ने अब जमीन अधिग्रहण की कवायद शुरू कर दी है। इसके लिए गुरुवार से गांवों में जनसुनवाई की जाएगी।
कहां से होकर गुजरेगा बायपास
दरअसल राज्य सरकार की ओर से पिछले साल बजट में झुंझुनूं में दो बाइपास सड़कों की मंजूरी दी गई थी। इसमें एक सीकर हाइवे पर ढिगाल टोल बूथ के नजदीक से वारिसपुरा रोड, बाकरा रोड व गुढ़ा – रोड होते हुए बगड़ बाइपास तक तथा दूसरा मंडावा रोड पर नई जोत बालाजी धाम से शुरू होकर सिरियासर होते हुए खंगा का बास के पास ढिगाल टोल बूथ तक बनाया जाएगा।
एक बाइपास के लिए खिदरसर, खंगा का बास, रघुनायपुरा, देरवाला, राजीव नगर, अंबेडकर नगर, बाकरा, उदावास, कुलोद कलां, पुरोहितों की वाणी, कुलोद खुर्द, खाजपुरा पुराना, हेजम्पुरा, चंद्रपुरा, काली पहाड़ी, जयपहाड़ी व बगड़ क्षेत्र की जमीन अधिग्रहित की जाएगी।
161 करोड़ रुपए मंजूर किए थे:
भजनलाल सरकार ने जुलाई 2024 में झुंझुनूं शहर के लिए दो बाइपास की घोषणा की थी। इनके लिए 161 करोड़ रुपए बजट का प्रावधान किया गया है। इसके लिए अब भूमि अधिग्रहण की कार्यवाही शुरू हो गई है। डीपीआर बनकर तैयार हो इसके लिए जनसुनवाई की जा रही है। जमीन अधिग्रहण के बाद काम शुरू होगा।
जमीन अधिग्रहण से प्रभावित किसानों व आमजन को जानकारी देने के लिए प्रशासन की ओर से 26 जून को दुर्जनपुरा, आबूसर, खीदरसर में जनसुनवाई होगी। एसडीएम व PWD अधिकारी मौजूद रहेंगे।
शहर को ट्रैफिक जाम से मिलेगी निजात
अभी जयपुर-सीकर समेत सभी रूटों पर जाने के लिए वाहनों को शहर के अंदर होकर गुजरना पड़ता है। भारी वाहन भी शहर के अंदर से गुजरते हैं। इस कारण शहर के रोड नंबर तीन पर जाम की स्थिति रहती है। यह बाइपास बनने से जयपुर- दिल्ली, चिड़ावा-पिलानी व अन्य शहरों में जाने वाले वाहनों को शहर के अंदर जाने की जरूरत ही नहीं होगी।
दो ओवरब्रिज बनेंगे: पीडब्ल्यूडी की ओर से बाइपास पर जहां रेलवे ट्रैक आएगा, वहां दो ओवरब्रिज बनाए जाएंगे। जिसमें एक प्रतापपुरा से आगे इस्लामपुर की तरफ जाने वाले रूट पर और दूसरा सिरियासर के नजदीक बनाया जाएगा। इस पूरे बाइपास पर रेलवे ट्रैक दो जगह ही आएगा।
नए साल में काम शुरू होने की संभावना:
बाइपास के लिए प्रशासन की ओर से संबंधित 19 गांवों में जमीन अधिग्रहित की जाएगी। इसके लिए प्रशासन ने कवायद शुरू कर दी है। अभी खातेदारों का निर्धारण कर उन्हें मुआवजे के लिए सूचना दी जाएगी। मुआवजा प्रक्रिया में 4 महीने लगने की संभावना है। बाइपास की डीपीआर बन चुकी है। मुआवजा प्रक्रिया पूरी होने के बाद टेंडर किए जाएंगे। इसके बाद काम शुरू होगा। यानी काम शुरू होने में 6 माह लगेंगे। अगले साल तक बाइपास बनकर तैयार होगा।