[pj-news-ticker post_cat="breaking-news"]

2.31 करोड़ रुपये का फर्जीवाड़ा उजागर:स्टेट जीएसटी टीम की कार्रवाई, दुबई में बैठे व्यक्ति के दस्तावेजों का इस्तेमाल, धनूरी गांव में संचालित फर्जी फर्म


निष्पक्ष निर्भीक निरंतर
  • Download App from
  • google-playstore
  • apple-playstore
  • jm-qr-code
X
झुंझुनूंटॉप न्यूज़राजस्थानराज्य

2.31 करोड़ रुपये का फर्जीवाड़ा उजागर:स्टेट जीएसटी टीम की कार्रवाई, दुबई में बैठे व्यक्ति के दस्तावेजों का इस्तेमाल, धनूरी गांव में संचालित फर्जी फर्म

2.31 करोड़ रुपये का फर्जीवाड़ा उजागर:स्टेट जीएसटी टीम की कार्रवाई, दुबई में बैठे व्यक्ति के दस्तावेजों का इस्तेमाल, धनूरी गांव में संचालित फर्जी फर्म

झुंझुनूं : जिले में स्टेट गुड्स एंड सर्विसेज टैक्स (जीएसटी) विभाग ने एक बड़े फर्जीवाड़े का पर्दाफाश किया है। विभाग की टीम ने धनूरी गांव में चल रही एक नकली फर्म का भंडाफोड़ करते हुए लगभग 2.31 करोड़ रुपये के बोगस इनपुट टैक्स क्रेडिट (आईटीसी) घोटाले को सिर्फ सात दिनों के भीतर पकड़ लिया।

इस कार्रवाई से जीएसटी विभाग ने करोड़ों रुपये के सरकारी राजस्व को नुकसान होने से बचा लिया है।

संदिग्ध गतिविधियों के चलते खुली पोल

स्टेट जीएसटी झुंझुनू के संयुक्त आयुक्त उमेश जालान ने बताया कि विभाग द्वारा नए पंजीकृत फर्मों पर लगातार कड़ी निगरानी रखी जा रही है। इसी क्रम में जांच के दौरान 10 मार्च, 2025 को पंजीकृत फर्म मेसर्स खाटू श्याम ट्रेडर्स धनूरी के लेनदेन संदिग्ध पाए गए।

फर्म के संदिग्ध लेनदेन और गतिविधियों को देखते हुए सहायक आयुक्त सुनील जानू और कुसुम चाहर के नेतृत्व में एक विशेष जांच टीम को तुरंत धनूरी गांव भेजा गया। टीम ने मौके पर पहुंचकर जब स्थानीय स्तर पर पड़ताल की, तो यह साफ हो गया कि यह फर्म पूरी तरह से फर्जी है।

फर्जी दस्तावेजों के सहारे पंजीकरण

जांच में यह चौंकाने वाला खुलासा हुआ कि फर्म का असली मालिक दिल्ली का रहने वाला सुरज मेहरा पुत्र जसविन्दर सिंह है। उसने धनूरी निवासी इमरान पुत्र जाकिर खान के घर के बिजली बिल और उसके नाम से हस्ताक्षरित एक नकली सहमति पत्र का इस्तेमाल करके फर्म का जीएसटी पंजीकरण कराया था। सच्चाई यह है कि इमरान नवंबर 2024 से ही दुबई में रह रहा है और गांव में उसकी कोई मौजूदगी नहीं है। गांव के लोगों और इमरान के परिवार वालों से पूछताछ करने पर इस बात की पुष्टि हुई कि इमरान पिछले आठ सालों से विदेश में मजदूरी कर रहा है।

कागजों में करोड़ों का कारोबार, असलियत में कुछ नहीं

इस फर्जी फर्म ने 9 मई, 2025 को तेलंगाना और आंध्र प्रदेश की चार कंपनियों को 12.85 करोड़ रुपये की सीमेंट की बिक्री दिखाकर कुल 2.31 करोड़ रुपये का बोगस इनपुट टैक्स क्रेडिट पास कर दिया। यह सारा लेनदेन केवल कागजों पर दर्शाया गया था, जबकि वास्तविकता में ऐसा कोई व्यापार हुआ ही नहीं था।

तत्काल कार्रवाई, अन्य राज्यों को भी सूचित

सहायक आयुक्त सुनील जानू के नेतृत्व में विभाग ने तेजी से कार्रवाई करते हुए फर्म का पंजीकरण तुरंत निलंबित कर दिया है। इसके साथ ही, जिन फर्मों को इस नकली फर्म से आईटीसी का लाभ मिला है, उनसे राजस्व की वसूली सुनिश्चित करने के लिए संबंधित राज्यों के जीएसटी अधिकारियों को पत्र भेजे जा रहे हैं।

पहले भी इसी नाम पर हो चुका है फ्रॉड

विभाग के अनुसार, इसी इमरान के नाम पर पहले भी “मेसर्स इमरान ट्रेडिंग कंपनी” बनाकर 51 लाख रुपये का फर्जीवाड़ा किया गया था। उस समय भी स्टेट जीएसटी झुंझुनू की टीम ने 13 मार्च, 2024 को कार्रवाई की थी। इस बार फिर उसी तरीके से नई फर्म बनाकर धोखाधड़ी को अंजाम दिया गया।

दर्ज होगी एफआईआर

संयुक्त आयुक्त उमेश जालान ने स्पष्ट रूप से कहा कि बोगस आईटीसी पास करने वाले ऐसे धोखेबाजों की पहचान करके उनके खिलाफ नियमों के अनुसार सख्त कार्रवाई की जाएगी। जरूरत पड़ने पर उनके खिलाफ पुलिस में एफआईआर भी दर्ज करवाई जाएगी। विभाग ऐसे मामलों में जीरो टॉलरेंस की नीति पर काम कर रहा है।

आमजन से सतर्क रहने की अपील

विभाग ने आम जनता से अपील की है कि वे किसी भी अनजान व्यक्ति के कहने पर अपने जरूरी दस्तावेज जैसे बिजली बिल, आधार कार्ड, पैन कार्ड, किरायानामा आदि की कॉपी किसी को भी न दें। क्योंकि इन दस्तावेजों का इस्तेमाल करके फर्जी फर्में बनाई जा सकती हैं और भारी वित्तीय धोखाधड़ी को अंजाम दिया जा सकता है। ऐसी स्थिति में दस्तावेज देने वाले व्यक्ति को भी कानूनी तौर पर जिम्मेदार ठहराया जा सकता है।

Related Articles