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अधिकारियों और कर्मचारियों की छुट्टियां रद्द:उड़ने वाली वस्तुओं और आतिशबाजी पर प्रतिबंध, जिला कलेक्टर ने जारी किए आदेश


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अधिकारियों और कर्मचारियों की छुट्टियां रद्द:उड़ने वाली वस्तुओं और आतिशबाजी पर प्रतिबंध, जिला कलेक्टर ने जारी किए आदेश

अधिकारियों और कर्मचारियों की छुट्टियां रद्द:उड़ने वाली वस्तुओं और आतिशबाजी पर प्रतिबंध, जिला कलेक्टर ने जारी किए आदेश

जनमानस शेखावाटी संवाददाता : मोहम्मद आरिफ चंदेल

झुंझुनूं : वर्तमान में देश और प्रदेश में उत्पन्न अप्रत्याशित परिस्थितियों को देखते हुए झुंझुनूं जिला प्रशासन ने कमर कस ली है। जिला कलेक्टर एवं जिला मजिस्ट्रेट रामावतार मीणा ने प्रशासनिक व्यवस्था को सुदृढ़ बनाए रखने और किसी भी आपात स्थिति से प्रभावी ढंग से निपटने के लिए कई महत्वपूर्ण और कड़े कदम उठाए हैं।

इन आदेशों के तहत जिले के सभी प्रशासनिक अधिकारियों, ब्लॉक स्तरीय अधिकारियों और कर्मचारियों की छुट्टियों पर तत्काल प्रभाव से रोक लगा दी गई है, साथ ही उन्हें मुख्यालय छोड़ने पर भी पूर्ण प्रतिबंध लगा दिया गया है।

छुट्टियों पर तत्काल रोक, मुख्यालय छोड़ने पर पाबंदी

जिला कलेक्टर रामावतार मीणा द्वारा जारी आदेश में स्पष्ट रूप से कहा गया है कि किसी भी अधिकारी या कर्मचारी को अब विशेष अत्यावश्यक या अपरिहार्य स्थिति में ही अवकाश की अनुमति प्रदान की जाएगी। बिना सक्षम अधिकारी की अनुमति के अवकाश लेने अथवा मुख्यालय छोड़ने की स्थिति में संबंधित कर्मचारी के खिलाफ अनुशासनात्मक कार्रवाई अमल में लाई जाएगी।

उड़ने वाली वस्तुओं और आतिशबाजी पर पूर्ण प्रतिबंध

लोक शांति, आंतरिक सुरक्षा और कानून व्यवस्था को अक्षुण्ण बनाए रखने के उद्देश्य से जिला मजिस्ट्रेट ने जिले में ड्रोन, हॉट एयर बैलून सहित सभी प्रकार की उड़ने वाली वस्तुओं के संचालन और आतिशबाजी पर भी तत्काल प्रभाव से प्रतिबंध लगा दिया है। जिला मजिस्ट्रेट मीणा ने भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता, 2023 की धारा 163 के अंतर्गत प्रदत्त अधिकारों का प्रयोग करते हुए यह आदेश जारी किया है। इस आदेश के अनुसार, अब जिले में बिना सक्षम स्वीकृति के कोई भी व्यक्ति UAV ड्रोन कैमरा, हॉट एयर बैलून या अन्य किसी भी प्रकार की उड़ने वाली वस्तु का संचालन नहीं कर सकेगा।

हालांकि, इस प्रतिबंध से सेना, अर्द्धसैनिक बल, पुलिस, आपदा प्रबंधन विभाग, अग्निशमन सेवाएं, स्वास्थ्य सेवाएं, सर्वेक्षण कार्य और अन्य आवश्यक सरकारी कार्यों को छूट प्रदान की गई है। इसके अतिरिक्त, जिले में पटाखों और आतिशबाजी के भंडारण, विक्रय और उपयोग पर भी पूर्ण प्रतिबंध रहेगा। आदेश में स्पष्ट किया गया है कि इस प्रकार की गतिविधियां सार्वजनिक शांति को भंग कर सकती हैं और आंतरिक सुरक्षा के लिए खतरा पैदा कर सकती हैं। यह प्रतिबंध आगामी दो माह तक यानी 10 मई से प्रभावी रहेगा और इसका उल्लंघन करने पर भारतीय न्याय संहिता, 2023 की धारा 223 के तहत कानूनी कार्रवाई की जाएगी।

जिला स्तरीय कोर ग्रुप का गठन, सौंपी गई महत्वपूर्ण जिम्मेदारी

जिले में प्रशासनिक तैयारियों को और अधिक मजबूत करने के लिए जिला कलेक्टर रामावतार मीणा ने एक जिला स्तरीय कोर ग्रुप का भी गठन किया है। यह उच्च-स्तरीय समूह जिले में आपसी समन्वय स्थापित कर शांति, सुरक्षा, स्वास्थ्य, पेयजल, बिजली, निर्माण, सूचना एवं अन्य महत्वपूर्ण सेवाओं की लगातार निगरानी करेगा। कोर ग्रुप का मुख्य उद्देश्य किसी भी अप्रिय घटना या आपात स्थिति में त्वरित और प्रभावी प्रतिक्रिया सुनिश्चित करना है।

इस महत्वपूर्ण कोर ग्रुप में जिला पुलिस अधीक्षक शरद चौधरी, सिविल डिफेंस डिप्टी कंट्रोलर एसडीएम हवाई सिंह यादव, जलदाय विभाग के अधीक्षण अभियंता राजपाल सिंह, अजमेर विद्युत वितरण निगम लि. के महेश कुमार टीबड़ा, सार्वजनिक निर्माण विभाग के महेंद्र झाझड़िया, मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी (सीएमएचओ) डॉ. छोटेलाल गुर्जर, जिला सैनिक कल्याण अधिकारी कर्नल अनिल पूनिया व सुरेश जांगिड़ तथा जनसंपर्क अधिकारी हिमांशु सिंह को सदस्य के रूप में शामिल किया गया है।

जिला मजिस्ट्रेट मीणा ने कोर ग्रुप के सभी अधिकारियों को स्पष्ट निर्देश दिए हैं कि वे अपने-अपने विभागीय संसाधनों को पूरी तरह से सक्रिय रखें, आपस में नियमित रूप से समन्वय बनाए रखें और यह सुनिश्चित करें कि जनहित से जुड़ी आवश्यक सेवाओं में किसी भी प्रकार की बाधा उत्पन्न न हो। उन्होंने जिले के नागरिकों से भी अपील की है कि वे प्रशासन का पूर्ण सहयोग करें और सभी दिशा-निर्देशों का कड़ाई से पालन करें, ताकि जिले में शांति और सुरक्षा का माहौल बना रहे।

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