अफसरों पर भड़कीं पूर्व सीएम:वसुंधरा ने कहा- लोग रो रहे हैं; अधिकारी सो रहे हैं, मैं ऐसा नहीं होने दूंगी
अफसरों पर भड़कीं पूर्व सीएम:वसुंधरा ने कहा- लोग रो रहे हैं; अधिकारी सो रहे हैं, मैं ऐसा नहीं होने दूंगी

झालावाड़ : झालावाड़ जिले के कई इलाकों में पानी संकट को लेकर पूर्व सीएम वसुंधरा राजे ने अफसरों को जमकर फटकार लगाई। उन्होंने तत्काल व्यवस्थाएं सुधारने के निर्देश दिए। रायपुर कस्बे में वसुंधरा राजे से लोगों ने पानी की किल्लत की शिकायत की, इस पर उन्होंने सख्त रुख अपनाते हुए अफसरों पर तल्ख कमेंट किए।
राजे ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स (पूर्व में ट्विटर) पर देर रात दो पोस्ट किए। उन्होंने यहां अफसरों के कामकाज की शैली पर सवाल उठाए। वसुंधरा राजे ने एक्स पर लिखा- “क्या जनता को प्यास नहीं लगती? सिर्फ़ आप अफसरों को ही लगती है। गर्मी में पेयजल संकट के कारण जनता त्रस्त है। अफ़सर तृप्त हैं। पानी कागजों में नहीं, लोगों के होठों तक पहुंचे। अफ़सर सो रहे हैं, लोग रो रहे हैं। मैं ऐसा नहीं होने दूंगी।
राजे की शिकायत पर नेता प्रतिपक्ष ने भी सरकार पर निशाना साधा है। टीकाराम जूली ने सोशल मीडिया पोस्ट पर लिखा कि- जब पूर्व सीएम मजबूर तो आम आदमी की क्या हालत होगी।
वसुंधरा राजे की अफसरों को फटकार, जानें पूरा मामला…
क्या जनता को प्यास नहीं लगती?:
पूर्व मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे मंगलवार को जिले के दौरे पर रायपुर पहुंचीं। पेयजल संकट की शिकायत मिलने पर उन्होंने जलजीवन मिशन और जलदाय विभाग के अफसरों को कड़ी फटकार लगाते हुए सवाल किया- “क्या जनता को प्यास नहीं लगती? सिर्फ आप अफसरों को ही लगती है?”
42 हजार करोड़ की योजना का हिसाब मांगा:
राजे ने लिखा- “प्रधानमंत्री जी ने 42 हज़ार करोड़ जल जीवन मिशन में दिए हैं। पाई-पाई का हिसाब दो कि झालावाड़ के हिस्से की राशि का आपने क्या किया? पेयजल संकट निवारण के लिए हमारी सरकार तो पैसा दे रही है, लेकिन अफसर योजनाओं की सही क्रियान्विति नहीं कर रहे। इसलिए राजस्थान के लोग प्यास से व्याकुल हैं।” उन्होंने चेतावनी देते हुए कहा- “यह तो अप्रैल का हाल है, जून-जुलाई में क्या होगा?”
अधिकारियों का जवाब:
दीपक झा, एसई, पीएचईडी प्रोजेक्ट ने स्थिति स्पष्ट करते हुए कहा – “जिले में बेहतर काम हुआ है। फिर भी कहीं कमी है तो दूर कर रहे हैं। काम भी जल्द ही पूरा हो जाएगा। परवन अकावद के टेंडर नहीं हुए हैं। अधिकतर काम तो पूरे भी हो चुके हैं।”
अफसरों की चुप्पी पर सख्त रुख:
पूर्व सीएम के सवालों का वहां मौजूद एसई पीएचईडी प्रोजेक्ट दीपकसिंह झा सहित कोई भी अधिकारी संतोषजनक जवाब नहीं दे पाए। इस पर उन्होंने साफ चेतावनी दी कि “लोगों के धैर्य की परीक्षा मत लीजिए।” इसके बाद राजे ने कड़ोदिया गांव में सीएचसी भवन व मथानिया में पीएचसी भवन का उद्घाटन किया।
अब पढ़िए- नेता प्रतिपक्ष ने सोशल मीडिया पर क्या लिखा-
वसुंधरा राजे जी का द्वीट भाजपा सरकार की सच्चाई उजागर करने के लिए काफी है। कितनी दुर्भाग्यपूर्ण स्थिति होगी कि पूर्व मुख्यमंत्री को अपनी पार्टी की सरकार के बावजूद पानी जैसी आवश्यकता की पूर्ति के लिए अपनी बात मीडिया एवं सोशल मीडिया के माध्यम से कहनी पड़ रही है। – टीकाराम जूली नेता प्रतिपक्ष, राजस्थान
झालावाड़ दौरे के दौरान राजे के तल्ख तेवरों की सियासी चर्चा
वसुंधरा राजे ने झालावाड़ दौरे के दौरान लोगों से पानी की लगातार शिकायतें मिलने के बाद जिस तरह उन्होंने सार्वजनिक रूप से तल्ख तेवर दिखाएं हैं, उसे लेकर सियासी हलकों में चर्चाएं शुरू हो गई हैं। लोगों की शिकायतों के बाद राजे पहले भी अफसरों पर नाराजगी जताती रही हैं, जोधपुर दौरे के दौरान भी उन्होंने अव्यवस्थाओं को लेकर अफसरों पर नाराजगी जताई थी। पानी संकट से जुड़े जनता के मुद्दे वसुंधरा राजे के तेवरों के सियासी मायने निकाले जा रहे हैं।
मार्च 2024 में हर घर पहुंचना था नल, एक साल बाद भी 60% ही काम
हमारी टीम ने जल जीवन मिशन की जानकारी ली तो सामने आया कि मिशन का काम मार्च 2024 में ही पूरा होना था, अभी तक 60 फीसदी ही हुआ है। जिले के 1478 गांवों में मार्च 2024 तक हर घर नल पहुंचाना था, अभी तक 900 गांवों में ही कनेक्शन का काम चल रहा है। 515 गांव में काम पूरा हो पाया है। 1091 गांवों में ही वर्क ऑर्डर हो पाए हैं।