रामनवमी पर्व पर जानिए पूजा विधि और राशि अनुसार यह उपाय -आचार्य अभिमन्यु पाराशर से
रामनवमी पर्व पर जानिए पूजा विधि और राशि अनुसार यह उपाय -आचार्य अभिमन्यु पाराशर से

रामनवमी पर्व पर जानिए पूजा विधि और राशि अनुसार यह उपाय -आचार्य अभिमन्यु पाराशर से
जलाराम बापा ज्योतिष संस्थान (रजि.) के अध्यक्ष ज्योतिष आचार्य अभिमन्यु पाराशर ने बताया कि नवरात्रि के नौंवे दिन यानी रामनवमी के दिन मां दुर्गा के नवमें स्वरूप सिद्धिदात्री की उपासना करें एवं अपनी शक्तिनुसार मां दुर्गा के नाम से दीप प्रज्ज्वलित करें।
नवमी के दिन कुंआरी कन्याओं को भोजन कराएं।
कन्याओं को उपहारस्वरूप चीजें भेंट करें।
हिंदू धर्म में राम नवमी का पर्व विशेष महत्व रखता है। धार्मिक ग्रंथों के अनुसार, चैत्र माह की शुक्ल पक्ष की नवमी तिथि पर भगवान राम का जन्म हुआ था। इसलिए इस दिन को राम नवमी के रूप में मनाया जाता है और इस विशेष दिन पर प्रभु श्री राम की पूजा-अर्चना की जाती है।
राम नवमी की तिथि
चैत्र मास के शुक्ल पक्ष की नवमी तिथि आरंभ: 05 अप्रैल 2025, शनिवार, सायं 07:26 मिनट पर
चैत्र मास के शुक्ल पक्ष की नवमी तिथि समाप्त: 06 अप्रैल 2025, रविवार, सायं 07:22 मिनट पर
उदया तिथि के अनुसार राम नवमी का पर्व 06 अप्रैल 2025 को ही मनाया जाएगा।
राम नवमी शुभ का मुहूर्त
राम नवमी की पूजा का शुभ समय: 06 अप्रैल 2025, प्रातः 11:08 मिनट से दोपहर 01:39 मिनट तक
राम नवमी मध्याह्न मुहूर्त – प्रातः 11:07 से दोपहर 13:39 तक।
रामायण के अनुसार, भगवान राम का जन्म चैत्र मास की शुक्ल पक्ष की नवमी तिथि के दिन कर्क लग्न में अभिजीत मुहूर्त में हुआ था। रामनवमी का पर्व चैत्र मास की नवरात्रि के आखिरी दिन होता है।
भगवान राम की कृपा पाने के लिए इस दिन व्यक्ति को रामायण का पाठ और राम रक्षा स्तोत्र का पाठ भी करना चाहिए। ऐसा करने से व्यक्ति के जीवन में सुख समृद्धि बनी रहती है। इस दिन भगवान राम के मंदिर में जाकर उन्हें पीले रंग के वस्त्र अर्पित करें। साथ ही पीले रंग के फूलों से बनी माला भी अर्पित कर उनकी स्तुति करें।
घर में ऐसे करें रामनवमी की पूजा
यदि मंदिर जाना संभव न हो तो आप अपने घर में भी पूजा कर सकते है।
पूजा के लिए सबसे पहले एक लकड़ी की चौकी लें। उसपर लाल रंग का एक कपड़ा बिछाएं।
इसके बाद राम परिवार जिसमें भगवान राम, लक्ष्मणजी, माता सीता और हनुमान जी हो ऐसी मूर्ति गंगाजल से शुद्ध करके स्थापित करें।
इसके बाद सभी को चंदन या रोली से तिलक करें। फिर उन्हें अक्षत, फूल, आदि पूजन सामग्री चढ़ाएं।
इसके बाद घी का दीपक जलाकर राम रक्षा स्त्रोत, श्रीराम चालीसा और रामायण की चौपाइयों का पाठ तरें।
आप चाहें तो इस दिन कांड के पाठ या हनुमान चालीसा का पाठ भी कर सकते हैं।
श्री राम नवमी के दिन अगर सामान्य विधि-विधान से लेकिन संपूर्ण मन और चित्त से पूजन कार्य किया जाए तो अपार धन संपदा की प्राप्ति होती है।
रामनवमी के दिन भगवान श्रीराम की पूजा-अर्चना करें।
नया घर, दुकान अथवा प्रतिष्ठान में पूजा-अर्चना कर प्रवेश किया जा सकता है।
गरीब-असहाय लोगों को अपने सामर्थ्य अनुसार दान-पुण्य करें।
राम का जन्मोत्सव इसी तरह मनाएं जैसे घर में कोई नन्हा शिशु जन्मा हो।
किसी प्रकार के शुभ कार्य करने की दृष्टि से यह एक महत्वपूर्ण दिवस है।
श्रीराम नवमी के दिन रामरक्षास्त्रोत, राम मंत्र, हनुमान चालीसा, बजरंग बाण, सुंदर कांड आदि के पाठ से ना सिर्फ अक्षय पुण्य मिलता है बल्कि धन संपदा के निरंतर बढ़ने के योग जाग्रत होते हैं।
किसी भी नए कार्य की शुरुआत, नया व्यवसाय आरंभ कर सकते है।