झूझार बाबा मंदिर में वार्षिक मेले का आयोजन:रामनवमी पर भक्तों की उमड़ी भीड़, कालू जमालपुर ने जीती 21 हजार रुपए की कुश्ती
झूझार बाबा मंदिर में वार्षिक मेले का आयोजन:रामनवमी पर भक्तों की उमड़ी भीड़, कालू जमालपुर ने जीती 21 हजार रुपए की कुश्ती

पाटन : पाटन क्षेत्र के ग्राम पंचायत स्यालोदङा में रामनवमी के अवसर पर झूझार बाबा का वार्षिक मेला आयोजित हुआ। मेले की पूर्व रात्रि में मंदिर परिसर में जागरण का आयोजन किया गया। इस दौरान रागिनी कलाकारों ने सांस्कृतिक कार्यक्रमों की मनमोहक प्रस्तुतियां दीं।
मेले में बड़ी संख्या में श्रद्धालुओं ने झूझार बाबा के मंदिर में पहुंचकर मन्नत मांगी। बच्चों के लिए झूले विशेष आकर्षण का केंद्र रहे। कुश्ती दंगल में दूर-दराज से आए पहलवानों ने अपना दमखम दिखाया। विजेता पहलवानों को मेला कमेटी ने नगद पुरस्कार से सम्मानित किया।

झूझार बाबा का ऐतिहासिक मंदिर कई गांवों की आस्था का केंद्र है। यह मंदिर प्रतियोगी परीक्षाओं में भी पूछा जाता है। परंपरा के अनुसार, गांव से बारात निकलने पर दूल्हा मंदिर में धोक लगाकर ही विदा होता है। स्थानीय लोग नवविवाहित जोड़े यहां गठजोड़े की जात लगवाने आते हैं।
रामनवमी के दिन विशेष आयोजन होते हैं। मंदिर में अखंड ज्योत जलाई जाती है। गांव के हर घर में खीर-चूरमा बनाया जाता है। ग्रामीण बाबा के मंदिर में खीर-चूरमे का भोग लगाते हैं।

मंदिर का इतिहास वीरता से जुड़ा है। बाबा झूझार अपने दो भाइयों के साथ गायों की रक्षा करते हुए शहीद हुए थे। मंदिर में तीनों वीर भाइयों की पत्थर की मूर्तियां स्थापित हैं। उनके सेवक की मूर्तियां भी मंदिर के बाहर स्थापित हैं। स्थानीय लोगों के अनुसार, युद्ध में धोखे से तीनों वीरों के सिर कट जाने के बाद भी उनके धड़ कई घंटों तक लड़ते रहे। जहां उनके धड़ गिरे, वहीं आज यह मंदिर स्थित है।