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बराल गांव को नई ग्राम पंचायत बनाने की मांग:ग्रामीण बोले- गांव का आबादी क्षेत्र बड़ा, ग्राम पंचायत का दर्जा मिले


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बराल गांव को नई ग्राम पंचायत बनाने की मांग:ग्रामीण बोले- गांव का आबादी क्षेत्र बड़ा, ग्राम पंचायत का दर्जा मिले

बराल गांव को नई ग्राम पंचायत बनाने की मांग:ग्रामीण बोले- गांव का आबादी क्षेत्र बड़ा, ग्राम पंचायत का दर्जा मिले

सीकर : सीकर जिले के ग्राम पंचायत बराल को नई ग्राम पंचायत बनाने को लेकर ग्रामीणों ने जिला कलक्टर को ज्ञापन सौंपा। ग्रामीणों का कहना है कि पंचायतीराज विभाग की ओर से आज से ग्राम पंचायत और पंचायत समितियों के पुनर्गठन, पुनर्सीमांकन और नवसृजन की प्रक्रिया शुरू हो गई है। इसके तहत बराल ग्राम पंचायत का सर्वे कराकर इसे भी ग्राम पंचायत बनाया जाए।

जिला कलक्टर को ज्ञापन सौंपते हुए ग्रामीण।
जिला कलक्टर को ज्ञापन सौंपते हुए ग्रामीण।

बोले- रास्ता बंद हुआ

एडवोकेट मोहन सिंह मूंड ने बताया- ग्राम पंचायत जुराठडा में राजस्व ग्राम जुराठड़ा, दूल्हेपुरा व बराल को शामिल करके ग्राम पंचायत बनाई हुई है। जिसकी जनसंख्या 2011 के अनुसार कुल जनसंख्या 5862 है जिसमें अकेले ग्राम बराल की जनसंख्या 3332 है। वर्तमान में कुल 11 वार्ड में से 6 वार्ड इसी ग्राम में है।

ग्राम बराल की मुख्य आबादी के तीनों ओर पहाड़ी हैं जहां से वर्षा जल की नदियां में मुख्य रूप से पानी बहकर दक्षिण में जाता है। जहां दोनों बड़ी नदियों के दक्षिण में राजस्व ग्राम की सीमा पर फिरास वाली लघु सिंचाई परियोजना का बांध वर्ष 2009 से बना हुआ है जिस कारण से आगे कच्चा रास्ता है जो ग्राम पंचायत जुराठड़ा जाने का बन्द हो गया है।

निवासियों के साथ अन्याय की बात कही

मूंड ने बताया- ग्राम बराल के पश्चिम पड़ोसी ग्राम हरिपुरा की राजस्व सीमा लगती है जहां सुगम आवागमन सड़क रास्ता सुविधाजनक होने पर वर्ष-2019 में पंचायत समिति वार्ड संख्या-20 गठन करते समय सम्मिलित किया जाकर बनाया गया था जो पूर्णतया ठीक है। जबकि ग्राम जुराठडा को पंचायतीराज अधिनियम-1994 से ही पंचायत समिति पिपराली का वार्ड संख्या-17 को भी पहले सम्मिलित नहीं किया गया था, दोनों गांवों की सीमाओं के मध्य काफी दूरी है। ग्राम पंचायत मुख्यालय होने से मतदान करने के लिए करीब 12 किलोमीटर चलकर दूर जाना पड़ता है जो ग्राम बराल के निवासियों के साथ अन्याय है।

इसलिए बराल को नई ग्राम पंचायत बनाया जाए और ग्राम पंचायत का दर्जा दिया जाए। इस मौके पर कविता चौधरी, मोहनलाल, हरदेवराम मूंड, बोदूराम शंकर मूंड, प्रेम मूंड, रामलाल, रामदेव, हरी, सुवालाल, प्रभुदयाल सैन सहित अनेक ग्रामीण मौजूद रहे।

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