झुंझुनूं विप्र समाज का भी शंखनाद
झुंझुनूं विप्र समाज का भी शंखनाद
जनमानस शेखावाटी संवाददाता : चंद्रकांत बंका
झुंझुनूं : विधानसभा में आगामी 13 नवम्बर को उपचुनाव होने है । इन उपचुनावो को लेकर सभी जातियां व मुस्लिम समुदाय लामबंद नजर आ रहा है । मुस्लिम समाज व सैनी समाज ने तो यहां पंचायत कर एकता का परिचय देने की कोशिश की । क्योंकि संगठित होकर ही समाज राजनीतिक व सामाजिक रूप से उपर उठ सकता है । हालाकि विप्र समाज के भी झुंझुनूं विधानसभा में निर्णायक वोट है जो किसी भी राजनीतिक दल की हार को जीत में व जीत को हार में बदलने का मादा रखते है । जिले की सभी जातियां अपने राजनीतिक वर्चस्व के चलते एक जाजम पर आ गई। इसी से प्रेरित होकर जिले के विप्र समाज ने भी संगठित होकर एकता का शंखनाद कर दिया कि आखिर विप्र समाज की भी राज में भागीदारी होनी ही चाहिए । किसी भी समाज की रीढ़ युवा शक्ति होती है और जब युवा शक्ति किसी समाज को एक जाजम पर लाने का बीड़ा उठा ले तो उसको रोकने वाला कोई नहीं हो सकता । इसी को लेकर जिले की विप्र समाज की टीम जो बुजुर्ग व अनुभवी महानुभावों के दिशा निर्देश के साथ आगामी 7 नवम्बर को विप्र समाज के इष्टदेव अजर अमर भगवान परशुराम व हनुमान चालीसा के पाठ का आयोजन कर इस बात का संकेत देने के प्रयास है कि भगवान परशुराम के वंशजों को भी राजनीतिक दृष्टि से कमतर आंकने की भूल न करें । निश्चित रूप से यह आयोजन विशुद्ध सामाजिक सरोकार को लेकर है लेकिन जब पूरा झुंझुनूं विधानसभा चुनावी रंगत में है व अन्य जातियां व मुस्लिम समुदाय एकजुट नजर आ रहा है तो विप्र समाज के कर्णधारों का भी नैतिक दायित्व बन जाता है कि समाज को संगठित कर एक जाजम पर लाकर एकता का शंखनाद किया जाए व राजनीतिक दलों को आभास दिलाया जाए कि राजनीतिक पटल पर विप्र समाज को हासिए पर धकेलने की कोशिश न की जाए क्योंकि किसी भी उम्मीदवार की हार जीत में विप्र समाज निर्णायक भूमिका में हैं ।