पूर्व मंत्री बोले-सरकार गिराने के लिए 60-करोड़ का ऑफर था:लेकिन ठुकरा दिया, राजस्थान को उत्तरप्रदेश नहीं बनने दूंगा; ओला पर लगाए गंभीर आरोप
पूर्व मंत्री बोले-सरकार गिराने के लिए 60-करोड़ का ऑफर था:लेकिन ठुकरा दिया, राजस्थान को उत्तरप्रदेश नहीं बनने दूंगा; ओला पर लगाए गंभीर आरोप
झुंझुनूं : झुंझुनूं विधानसभा सीट पर उपचुनाव को लेकर भाजपा ने प्रत्याशी की घोषणा कर दी है। इस बीच पूर्व मंत्री राजेन्द्र गुढ़ा भी चुनावी मैदान में डटे हुए है। उन्होंने जातीय समीकरणों का हवाला देते हुए दिग्गज कांग्रेसी नेता और झुंझुनूं से कांग्रेस सांसद बृजेंद्र ओला पर जुबानी हमला बोला है।
गुढ़ा ने कहा- उन्होंने राजस्थान में दो बार कांग्रेस की सरकार बनाई है। दो बार 6 -6 एमएलए दिए। सरकार गिराने के लिए मुझे 60 करोड़ का ऑफर मिला था। लेकिन मैंने सोच लिया था कि भाजपा के घमंड को चकनाचूर करूंगा, इसलिए ऑफर को ठुकरा दिया।
भाजपा ने कर्नाटक, मध्य प्रदेश और गोवा की चुनी हुई सरकार को गिरा दिया था। राजस्थान में भी सरकार गिराने की तैयारी हो गई थी। बृजेन्द्र ओला 19 विधायकों के साथ नरेन्द्र मोदी व अमित शाह के बीच में जाकर बैठ गए थे। राजस्थान में भाजपा की सरकार बनाने वाला था। लेकिन तीन विधायक चेतन डूडी, दानिश अबरार और रोहित बोहरा भागकर दिल्ली से जयपुर आ गए थे। इसलिए सरकार बच गई है। बृजेन्द्र ओला तो फूल में बैठ गए थे।
पूर्व मंत्री ने सुलताना कस्बे में मंगलवार की देर रात एक नुक्कड़ सभा को संबोधित करते हुए यह बात कहीं। उन्होंने कहा- झुंझुनूं में मुसलमानों ने 70 साल तक कांग्रेस सरकार को ताकत दी है। 8 बार बृजेन्द्र सिंह ओला को 40 हजार से ज्यादा वोट दिए है। इनके पिता शीशराम ओला को 13 बार वोट दिए। राजबाला ओला को भी वोट दिए। उसके बाद भी उर्दू विषय के लिए झुंझुनू का मुसलमान 20 साल से जद्दोजहद कर रहा है। छोटा सा काम होते हुए भी इन्होंने नहीं किया।
उन्होंने कहा- जो ताकत आप मुझे दे रहे हैं, उससे राजस्थान को उत्तरप्रदेश नहीं बनने दूंगा। किसी भी गरीब के साथ धर्म के आधार पर अन्याय नहीं होने दूंगा। मैं भाजपा का घोर विरोधी हूं। उन्होंने कहा कि 60 साल कांग्रेस ने राज किया है, मुसलमानों की जो आज दुर्दशा है, वह कांग्रेस की देन है।
बोले- मैंने यूडी खान को कलेक्टर लगाया उन्होंने कहा- मैंने उदयपुरवाटी में मुसलमानों के 4000 वोट लेकर यूडी खान को झुंझुनू में कलेक्टर लगाया। लेकिन ओला ने देखा की मुसलमान सीधे कलेक्टर के पास जाने लगा, तो हमे कौन पूछेगा। बृजेन्द्र ओला ने कलेक्टर यूडी खान को झुंझुनूं से हटाया था। आपकी ही ताकत आपके के खिलाफ खड़ी है। उन्होंने कहा कि आजादी से पहले 36 प्रतिशत मुस्लिम सरकारी महकमे में थे। उसके बाद कई दशकों तक कांग्रेस का राज रहा और आज मुसलमान 6 प्रतिशत सरकारी नौकरी में है।
जीतने के बाद ओला ने धन्यवाद तक नहीं दिया सभा को संबोधित करते हुए उन्होंने कहा कि कहां गई ये नौकरिया, ताजमहल, लाल किला और कुतुबमिनार किसने बनाई थी, हमने हमारी रियासतें कुर्बान कर दी लोकतंत्र के लिए। लोकसभा चुनाव में मैंने अपने समाज के लोगों से कहा था कि शुभकरण आदमी सही नहीं है। इस बीजेपी को छोड़ो, हमारी बीजेपी भेरोसिंह के साथ चली गई। राजपूतों ने मेरी बात सुनी। पहली बार राजपूत समाज ने आगे बढ़कर कांग्रेस को वोट दिया। बृजेन्द्र ओला ने मुसलमानों और राजपूतों से वोट नहीं मांगे, उन्हें फ्री में वोट मिल गया। लेकिन जीतने के बाद बृजेन्द्र ओला ने धन्यवाद तक नहीं दिया।
झुंझुनूं में नाम के कारण दोगला व्यवहार किया जा रहा उन्होंने कहा- जब सभापति के ससुर की बिल्डिंग तोड़ने के लिए प्रशासन तैयार खड़ा था। उसके नाम के आगे अली लगा था, इसलिए बुलडोजर पहुंच गया। कोई ओला, पूनिया, नूनिया, झाझड़िया होता तो बुलडोजर नहीं पहुंचता। नाम के आधार पर दोगला व्यवहार कर रहे है। उन्होंने कहा- मुझे राजस्थान की विधानसभा में मुख्यमंत्री के सामने खड़ा होकर उसे लड़ने का अनुभव है। राजेन्द्र गुढ़ा ऊपर वाले और गरीब की बद्दुआ से डरता है और किसी से नहीं डरता है।
बता दें कि पूर्व मंत्री राजेंद्र गुढ़ा लंबे समय से झुंझुनू विधानसभा में सक्रिय है। वे निर्दलीय चुनाव लड़ने की तैयारी में है और कांग्रेस व बीजेपी के समीकरण बिगाड़ने के लिए जन सभाएं कर रहे है।